फेक डॉक्यूमेंट्स के जरिये बाहर के नागरिकों की अवैध तरीके से घुसपैठ कराने वाला यह सिंडिकेट जांच एजेंसियों के लिए चुनौती बना हुई है.
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लखनऊ: बांग्लादेश ( Bangladesh) और म्यांमार (Myanmar) से नागरिकों की यूपी में घुसपैठ कर रहे सिंडिकेट का खुलासा करने में एटीएस पूरी तरह जुट गई है. इसके लिए एटीएस (Anti Terrorist Squad) ने अपनी जांच का दायरा भी बढ़ा दिया है. वेस्ट बंगाल बॉर्डर से हो रही इस घुसपैठ पर लगाम लगाने के लिए और भी इन्वेस्टिगेटिंग एजेंसियों की मदद ली जा रही है. हालांकि, बताया जा रहा है कि अभी इस सिंडिकेट के मुख्य लोगों का पता नहीं चल सका है.
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फर्जी आधार और पैन कार्ड बनाते हैं
जानकारी मिल रही है कि फेक डॉक्यूमेंट्स के जरिये बाहर के नागरिकों की अवैध तरीके से घुसपैठ कराने वाला यह सिंडिकेट जांच एजेंसियों के लिए चुनौती बना हुई है. इसी बीच एटीएस ने गोंडा में पकड़े गए दो आरोपियों की छानबीन शुरू कर दी है. आरोपी पहले इन लोगों की पहचान बदलते हैं और फिर फर्जी आधार कार्ड, पासपोर्ट और बाकी जरूरी डॉक्यूमेंट्स बनवाकर उन्हें भारतीय नागरिकों की तरह देश में रहने की जगह दे देते हैं.
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आरोपियों से की जा रही है पूछताछ
बता दें, एटीएस (ATS) ने दो दिन पहले ही मानव तस्करी में पकड़े गए मिथुन मंडल और तीन बांग्लादेशी नागरिकों को पुलिस रिमांड पर लिया था और उनसे पूछताछ कर रही थी. इसी बीच एटीएस की एक टीम गोंडा पहुंची और वहां जांच शुरू की. बताया जा रहा है कि गोंडा पुलिस द्वारा गिरफ्तार आरोपी श्याम निषाद और सूरज मौर्य से पूछताछ की जानी है. इसी के साथ, सिंडिकेट के कई और लोगों को भी जल्द पकड़ा जा सकता है.
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पहले भी एक गैंग का हुआ था भंडाफोड़
गौरतलब है कि दरअसल, इससे पूर्व एटीएस (ATS) ने रोंहिग्या महिलाओं को यूपी में लाकर उनकी तस्करी करने वाली गैंग को भी पकड़ा था. जनवरी महीने में संतकबीरनगर से अजीजुल को पुलिस ने गिरफ्त में लिया था. इसके बाद गैंग के हवाला नेटवर्क की भी जानकारी हुई थी.
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