National Start-up Day: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Modi) ऐलान किया है कि देश में हर साल 16 जनवरी को 'नेशनल स्टार्ट-अप डे' (National Start-up Day) मनाया जाएगा. नरेंद्र मोदी ने स्टार्टअप इकाइयों को नए भारत का 'आधार-स्तंभ' बताते हुए कहा कि हर साल 16 जनवरी को राष्ट्रीय स्टार्टअप दिवस के रूप में मनाया जाएगा. प्रधानमंत्री ने विभिन्न क्षेत्रों के स्टार्टअप कारोबारियों को वर्चुअल तरीके से संबोधित करते हुए कहा, स्टार्टअप की यह संस्कृति देश के दूरदराज क्षेत्रों तक पहुंचे, इसके लिए अब राष्ट्रीय स्टार्टअप दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया गया है. 


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इस दौरान उन्होंने कहा कि देश के उन सभी स्टार्टअप्स को सभी इनोवेटिव युवाओं को बहुत-बहुत बधाई देता हूं, जो स्टार्टअप्स की दुनिया में भारत का झंडा बुलंद कर रहे हैं. पीएम ने कहा कि 2022 भारत के स्टार्ट-अप क्षेत्र के लिए और नए मौके लेकर आया है. भारत की स्वतंत्रता के 75वें साल में स्टार्ट-अप इंडिया इनोवेशन वीक का आयोजन भी महत्वपूर्ण है.


यूपी अब देश का नया स्टार्टअप हब बनता जा रहा
भारत दुनिया का स्टार्टअप हब बन गया है’, पीएम नरेंद्र मोदी (PM modi) ने पिछले साल के दिसंबर महीने के आखिरी सप्ताह में IIT कानपुर (IIT Kanpur) के 54 वें दीक्षांत समारोह में दावा किया था कि देश में स्थापित 75 से अधिक यूनिकॉर्न और 50 हजार से अधिक स्टार्टअप में से कई प्रमुख यूनिकॉर्न और स्टार्टअप ने उत्तर प्रदेश में आधार स्थापित किया है. इनमें पेटीएम और पिन लैब्स जैसे यूनिकॉर्न भी शामिल हैं. राज्य की नई स्टार्टअप नीति आने के बाद से स्टार्टअप कई गुना बढ़ गए हैं . यूपी में 20 गुना और उनमें हजारों लोगों को रोजगार मिला है. कुल मिलाकर यूपी अब देश का नया स्टार्टअप हब बनता जा रहा है.


रोजगार देने के लिए इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन 
यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Cm Yogi Adityanath) ने यूपी की बागडोर संभालते ही लोगों को रोजगार देने के लिए इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन किया और औद्योगिक निवेश को बढ़ावा देने के लिए कई नई औद्योगिक नीतियां बनाईं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा राज्य में लोगों को रोजगार देने के लिए तैयार की गई दूरदर्शिता और रोडमैप के कारण संभव हुआ है. प्रदेश में बड़े पैमाने पर रोजगार सृजन की संभावनाओं को दिशा देते हुए नई स्टार्टअप नीति-2020 को मंजूरी दी गई.


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तैयार की नई स्टार्टअप नीति 
मीडिया खबरों के मुताबिक सूचना प्रौद्योगिकी और स्टार्टअप नीति-2017 (Information Technology and Startup Policy)को पूरी तरह से बदलकर एक नई स्टार्टअप नीति तैयार की गई. इस नीति में नए स्टार्टअप स्थापित करने पर जोर देते हुए सरकार ने नए स्टार्टअप स्थापित करने वाले युवाओं को कई रियायतें देने का ऐलान किया. यूपी के नए स्टार्टअप को युवा कारोबारियों ने बुलंदी पर ले लिया और देखते ही देखते राज्य में 3800 से ज्यादा स्टार्टअप शुरू हो गए. साल 2017 से पहले राज्य में सिर्फ 200 स्टार्टअप ही Established हुए थे. 


राज्य सरकार ने किए कई काम
यूपी में स्टार्टअप्स की स्थापना में युवाओं की दिलचस्पी को देखते हुए राज्य सरकार ने 100 नए इनक्यूबेटर सेंटर और 10,000 नए स्टार्टअप स्थापित करने का फैसला किया. इन इनक्यूबेटर केंद्रों के माध्यम से प्रबंधन प्रशिक्षण (Training) या अन्य आवश्यक सेवाएं प्रदान करके नई स्टार्टअप कंपनियों (startup companies) को विकसित करने पर जोर दिया गया.


उत्तर प्रदेश स्टार्टअप नीति-2021 को मंजूरी
औद्योगिक विकास विभाग के अधिकारियों के अनुसार फार्मा उद्योग के स्टार्टअप को स्टार्टअप नीति से जोड़ने के लिए राज्य सरकार ने पिछले साल के अक्टूबर महीने में स्टार्टअप नीति-2020 में संशोधन कर उत्तर प्रदेश स्टार्टअप नीति-2021 (Uttar Pradesh Startup Policy-2021) को मंजूरी दी.  इसके साथ ही हर फार्मा पार्क की स्थापना पर विभिन्न रियायतों को हरी झंडी भी दी गई. इस नीति ने उन स्टार्टअप्स को प्रोत्साहित किया जिन्होंने उत्तर प्रदेश स्टार्टअप नीति-2020 में स्थापित स्टार्टअप फंड का उपयोग किया.


स्टार्टअप्स में 50 हजार से ज्यादा लोगों को रोजगार
गाजियाबाद में 600 स्टार्टअप, नोएडा में 1500 से ज्यादा स्टार्टअप, लखनऊ में 575 और बुंदेलखंड और पूर्वांचल क्षेत्र के जिलों में लगभग 1800 स्टार्टअप स्थापित किए गए हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक प्रदेश में स्थापित स्टार्टअप्स में 50 हजार से ज्यादा लोगों को रोजगार मिला है. स्टार्टअप्स के जरिए ज्यादा से ज्यादा रोजगार (Employment) देने वाले राज्यों में यूपी शामिल हो रहा है.


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