कानपुर हिंसा: मुख्तार बाबा लोगों को परोस रहा था 'जहरीली' बिरयानी, डाई-चर्बी का करता था इस्तेमाल
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कानपुर हिंसा: मुख्तार बाबा लोगों को परोस रहा था 'जहरीली' बिरयानी, डाई-चर्बी का करता था इस्तेमाल

Mukhtar Baba: प्रशासन पर मुख्तार बाबा पर शिकंजा लगातार कसता जा रहा है. इसी क्रम में बाबा के खिलाफ छापेमार कार्रवाई शुरू हुई. खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग के जांच में खुलासा हुआ है कि बाबा बिरयानी के संचालक ने खाने -पीने की वस्तुओं से जुड़े अच्छे धंधे को भी लालच में अंधे होकर गंदा धंधा बना डाला था. 

फाइल फोटो.

श्याम तिवारी/कानपुर: कानपुर में पिछले दिनों खाद्य एवं औषधि विभाग द्वारा लिए गए बाबा बिरयानी की दुकानों के नमूने लगातार फेल हो रहे हैं. जिसके चलते अब तक बाबा बिरयानी की आधा दर्जन दुकानों को सील किया जा चुका है. वहीं, अभी भी नमूनों की रिपोर्ट आ रही है. उनसे पता चल रहा है कि मुख्तार बाबा ज्यादा फायदे के लिए लोगों को जहर खिला रहा था. बाबा बिरयानी के शहर में स्थित आउटलेट्स से लोगों को खाने -पीने के सामान में सीधे जहर खिलाया जा रहा था. 

चर्बी और वनस्पति घी की मिलावट कर बनाते थे बिरयानी 
सालों-साल से बाबा बिरयानी का जहरीला धंधा धड़ल्ले से जारी था. बाबा बिरयानी में ग्राहकों की सेहत से खिलवाड़ हो रहा था. बाबा बिरयानी की दुकानों से लिये गए सैम्पल की जांच के मुताबिक, चर्बी और वनस्पति घी की मिलावट कर बिरयानी बनायी जाती थी. इतना ही नहीं बल्कि शरीर के लिए घातक रंगों का बिरयानी में खुलेआम प्रयोग होता था. वहीं, दूसरी ओर खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग की कार्रवाई पर सवाल भी उठ रहे हैं. आखिर इससे पहले विभाग ने नमूने जांच के लिए क्यों नहीं भेजे थे. 

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खाने योग्य रंगों के बजाय डाई का हो रहा था इस्तेमाल 
एफएसडीए ने 27 जून 2022 को बाबा बिरयानी के बेकनगंज स्थित बाबा स्वीटस, बाबा बिरयानी साउथ एक्स माल, बाबा बिरयानी के बूढपुर मछरिया, बाबा बिरयानी जाजमऊ से खोया, घी, दही, चिकन टिक्का, चिकन बिरयानी का नमूना लिया था. इन नमूनों की रिपोर्ट जब एफएसडीए को मिली तो पता चला कि बाबा बिरयानी के खाद्य पदार्थों में खाने योग्य रंगों के बजाय डाई में इस्तेमाल होने वाले जहरीले रसायन का प्रयोग किया था. यह मानव स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक थे. 

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3 जून को हुई थी हिंसा 
गौरतलब है कि 3 जून को हुई हिंसा मामले में पकड़े गए मास्टरमाइंड हयात जफर हाशमी ने मुख्तार बाबा के बारे में पुलिस को जानकारी दी थी. उसने एसआईटी को बताया कि मुख्तार बाबा ने हिंसा के लिए फंडिंग की थी. इसके बाद पुलिस ने मुख्तार बाबा की भूमिका की जांच की और उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. 

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