According To Vastu Shastra: वास्तु का हमारे दैनिक जीवन पर बहुत गहरा प्रभाव पड़ता है. कभी- कभी इंसान को बहुत मेहनत करने के बाद भी सफलता नहीं मिलती. किसी घर में जाते ही सारे सुख चैन खत्म हो जाते हैं. इस तरह की परेशानियों से बचने के लिए यह लेख पूरा पढ़ें...
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Vastu Tips For House: वास्तु के हिसाब से ही घर में सकारात्मक और नकारात्मक ऊर्जा पैदा होती है. वास्तु का सीधा असर उस घर में रहने वालों पर पड़ता है. इसी कारण वास्तु शास्त्र में बताया गया है कि घर कि कौन सी दिशा में कौन सी वस्तु होनी चाहिए. आइए जानते हैं सूर्य के अनुसार घर की बनावट का होना कितना महत्वपूर्ण है. हर इंसान चाहता है कि उसका मकान उसके सामर्थ के अनुसार सुंदर और खूबसूरत दिखे.
अपने सपनों का घर बनाने के लिए लोग दिन रात- मेहनत करते हैं. लेकिन घर हमेशा सोच-समझकर और किन्तु- परन्तु का विचार कर ही बनाना चाहिए. जल्दबाजी में बनाए गए घर जिंदगी भर परेशानी का कारण बन जाते हैं. विशेषकर जिन घरों में धूप नही आती वहां लोग अक्सर बीमार ही रहते हैं. वास्तु और विज्ञान के अनुसार धूप का होना मानव जीवन के लिए अति आवश्यक है. वास्तु और सूर्य का आपस में बहुत गहरा संबंध है. वास्तु के अनुसार जानिए घर की किस दिशा में कौन सा कमरा होना होना चाहिए. इस दिशा में की गई पढ़ाई निश्चित ही सफलता दिलाती है.
अक्सर परीक्षा के दिनों में माता- पिता कहते हैं कि सुबह जल्दी उठकर पढ़ाई किया करो. धार्मिक ग्रंथों के अनुसार रात्रि 3 से सुबह 6 बजे तक का समय ब्रह्म मुहूर्त माना गया है. सूर्य इस समय घर के उत्तर-पूर्वी भाग में होता है. यह समय योग, ध्यान और अध्ययन के लिए सबसे उत्तम माना जाता है. वास्तुशास्त्र के अनुसार बच्चों की पढ़ाई वाला कमरा घर के उत्तर पूर्व भाग में होना चाहिए.
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अगर आपको अपने घर में सुबह की धूप चाहिए तो अपना घर पूर्वमुखी बनाएं. अगर सूर्य सुबह 6 से 9 बजे तक आपके घर के पूर्व में रहेगा तो आपके घर की खुशियां हमेशा बनी रहेगी. घर में रोशनी होने से घर में लक्ष्मी का वास होता है. सुबह के समय हवाएं उत्तर से पूर्व की ओर चलती हैं. उत्तर से चलने वाली हवाओं के घर में आने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का वास होता है. जिस घर में सूर्य की रोशनी पड़ती है वहां कभी नकारात्मकता नहीं आती.
9 से दोपहर 12 बजे तक सूर्य घर के दक्षिण-पूर्व में होना चाहिए. यह समय खाना बनाने, नहाने व कपड़े धोने का होता है. ऐसे में आपको किचन और बाथरूम में धूप की जरूरत महसूस होगी. वास्तु के अनुसार ये दोनों घर के दक्षिण पूर्व में होने चाहिए. धूप से कई कीटाणु मरते हैं और आप स्वस्थ रहते हैं.
दोपहर 12 से 3 बजे तक विश्राम काल यानि आराम का समय होता है. तो इस समय आप अपने बेडरूम में होते हैं. सूर्य अब दक्षिण में पहुंच चुका होता है. तो इस समय आपको घर की दक्षिण दिशा में होना चाहिए. आपको सीधे धूप के संपर्क में नही रहना चाहिए. सूरज इस समय पराबैंगनी किरणें छोड़ता है. इन किरणों को मानव शरीर के लिए हानिकाराक माना गया है. इन किरणों के सीधे संपर्क में आने से आपको तव्चा के कई रोग हो सकते हैं.
इसलिए दोपहर में हमेशा शरीर ढ़ककर ही निकलें.
दोपहर 3 से शाम 6 बजे तक सूर्य घर दक्षिण-पश्चिम भाग में होना चाहिए. इस समय बच्चे अपना होमवर्क कर रहे होते हैं. इसलिए बच्चों के होमवर्क करने के लिए इसी जगह पर बनाएं. घर का दक्षिण- पश्चिम हिस्सा स्टडी रूम या लाइब्रेरी के लिए सटीक है.
रात 6 से रात 9 तक का समय रात के भोजन का होता है. इस समय को पारिवारिक बैठक का समय कहा जाता है. इसलिए घर का पश्चिमी कोना डाइनिंग के लिए शुभ माना गया है.
रात 9 से 12 बजे के समय सूर्य घर के उत्तर-पश्चिम में होना चाहिए. घर का बेडरूम भी उत्तर- पश्चिम में ही बनाना चाहिए. इससे आपको नींद अच्छी आएगी औऱ बुरे सपने भी नहीं होंगे.
मध्य रात्रि से सुबह 3 बजे तक सूर्य घर के उत्तरी भाग में होना चाहिए. इस दिशा में अपना पैसे और गहनों वाला लॉकर रखें. इससे आपके घर में कभी अन्न- धन्न की कमी नहीं रहेगी.