Kushinagar News: कुशीनगर में अनोखी शादी, हिन्दुस्तानी दूल्हा और रशियन दुल्हन, सात फेरों के साक्षी बने चार देशों के बाराती
Advertisement
trendingNow0/india/up-uttarakhand/uputtarakhand1263405

Kushinagar News: कुशीनगर में अनोखी शादी, हिन्दुस्तानी दूल्हा और रशियन दुल्हन, सात फेरों के साक्षी बने चार देशों के बाराती

Kushinagar News: कुशीनगर में एक ऐसी शादी देखने को मिली है, जिसमें सरहदों की सीमाएं लांघकर एक दुल्हनियां ब्याह रचाने के लिए कुशीनगर जिले पहुंची. देसी दूल्हे और विदेशी दुल्हन ने बीच प्यार के बाद एक-दूसरे का जीवनभर हाथ थामने की कसमें खाईं. खास बात यह है कि हिंदुस्तानी दूल्हा और रशियन दुल्हन की शादी में इजरायली दोस्त बाराती बने. दोनों की यह शादी जिले में चर्चा का विषय बनी हुई है. इस तरह का जिले में यह पहला मामला है.  

 

Kushinagar News: कुशीनगर में अनोखी शादी, हिन्दुस्तानी दूल्हा और रशियन दुल्हन, सात फेरों के साक्षी बने चार देशों के बाराती

प्रमोद कुमार गोंड/कुशीनगर: कुशीनगर में एक ऐसी ही अनोखी शादी इन दिनों खासी सुर्खियों में है. जिसमें ना केवल सरहदों की दीवारें गिर गईं बल्कि ये साबित हो गया कि अगर प्यार सच्चा है तो जाति मजहब और सरहदीं पहरों का कोई मतलब नहीं. 

लाल जोड़े में पिया मिलन की आस लिए रशिया की जारा तीन देशों की सरहद लांघ आई है. कुशीनगर के रहने वाले डॉ. दीपक सिंह से ब्याह रचाने जब ये दुल्हन पहुंची तो हर कोई हैरान रह गया. क्योंकि जिले में ये अपने तरह का पहला मामला था. जब कोई सरहद पार की दुल्हन खुद हिन्दुस्तानी बनने देशों की दीवारें लांघ आई है. 

fallback

ऐसे एकदूजे के हुए दीपक-जारा
कुशीनगर के मंगलपुर गांव के रहने वाले दीपक मेडिकल की पढ़ाई के लिए ऑस्ट्रिया पहुंचे थे. जहां जारा से उनकी आंखे चार हुईं. उनके बीच नजदीकियां बढ़ीं और फिर मोहब्बत के आगे सरहदों की दीवारें छोटी पड़ गईं. ऑस्ट्रिया के एलेनिया स्टेट की रहने वाली जारा ने जब सबकुछ छोड़ दीपक के साथ जाना तय किया तो फिर दीपक ने भी आगे बढ़कर जारा का हाथ थाम लिया. दीपक की जीवनसाथी बनने जा रहीं जारा अब डॉ. जया सिंह बन चुकी हैं. 

fallback

हिंदुस्तानी दूल्हा और रशियन दुल्हन की शादी में बाराती बना इजराजली दोस्त 
दिलचस्प बात ये रही कि दूल्हा-दुल्हन तो हिन्दुस्तानी और रशियन रहे. मगर दुल्हन का साथ देने उनके इजरायल और अर्जेंटीना के दोस्त भी पहुंचे. इजरायल के रहने वाले उनके दोस्त डेनियल अल्फांसो जो हिन्दुस्तानी वेडिंग के मुरीद हो गए. 

 

fallback

जफर सहबाई का शेर है कि ‘’दिलों के बीच ना दीवार है ना सरहद है, दिखाई देते हैं सब फासले नजर के मुझे’. ये शेर इस लव स्टोरी के लिए उतना ही मुकम्मल है जितना कि ये शेर ‘’रौशनी बिखेरना फितरत है चिरागों की, चिरागों का अपना कोई मकां नहीं होता. यकीनन नफरतों के जमाने में मोहब्बत की रौशनी बिखेरने वाली ये खास शादी लोगों के जेहन में लम्बे वक्त तक ताजा रहेगी. 

Sawan 2022 First Monday: दिन में तीन बार रंग बदलने वाले महादेव का कर लिया दर्शन तो पूरी होगी हर कामना!

 

Trending news