लखीमपुर केस: मृत किसानों के लिए 'अंतिम अरदास' आज, राजनीतिक दल के नेता नहीं कर सकते मंच साझा
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लखीमपुर केस: मृत किसानों के लिए 'अंतिम अरदास' आज, राजनीतिक दल के नेता नहीं कर सकते मंच साझा

बहराइच के मृत किसान गुरविंदर सिंह के और दलजीत सिंह के घरों में भोग लगाया गया है. साथ ही, तिकुनिया स्थित कौड़ियाला घाट गुरुद्वारा में किसानों के लिए पाठ भी रखा गया है...

लखीमपुर केस: मृत किसानों के लिए 'अंतिम अरदास' आज, राजनीतिक दल के नेता नहीं कर सकते मंच साझा

Lakhimpur Kheri Incident: यूपी के लखीमपुर खीरी में 3 अक्टूबर को हुईं 8 मौत मामले को लेकर एक बड़ी खबर सामने आ रही है. आज 12 अक्टूबर को मृत किसानों और पत्रकार के लिए अंतिम अरदास की जा रही है. संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) द्वारा बताया गया है कि कोई भी नेता अंतिम अरदास में मंच पर नहीं आएगा. इसकी अनुमति नहीं दी जाएगी. मंच पर सिर्फ किसान मोर्चा के ही नेता होंगे. बता दें, जिस जगह पर हिंसा हुई, उसके पास ही अंतिम अरदास आयोजित की गई है.

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कई राज्यों के किसान हो सकते हैं शामिल
तिकुनिया गांव में 3 अक्टूबर को हुई हिंसा में थार जीप से कुचलकर मरे चार किसानों के लिए अंतिम अरदास आयोजित की गई है, जिसमें कई राज्यों से किसान आ रहे हैं. इस सामूहिक अंतिम प्रार्थना में यूपी के कई जिलों के साथ पंजाब, हरियाणा और उत्तराखंड के किसानों भी पहुंच सकते हैं. माना जा रहा है कि राकेश टिकैत के साथ कई किसान नेता भी यहां मौजूद रहेंगे. 

जयंत चौधरी भी पहुंचेंगे लखीमपुर
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) के राष्ट्रीय सचिव अनिल दुबे ने बताया था कि पार्टी के नेता जयंत चौधरी भी  मंगलवार को लखीमपुर जा रहा हैं. इसके अलावा, यह खबर भी सामने आ रही है कि कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा भी अंतिम अरदास में शामिल होने लखीमपुर आएंगी और मृत किसानों को श्रद्धांजलि अर्पित करेंगी. साथ ही, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू, राष्ट्रीय सचिव धीरज गुर्जर, रोहित चौधरी, पूर्व सांसद प्रमोद तिवारी, कांग्रेस विधायक दल की नेता आराधना मिश्रा समेत कई नेताओं के लखीमपुर पहुंचने की संभावना है. हालांकि, राकेश टिकैत ने यह बात साफ कर दी थी कि किसी भी राजनीतिक दल के नेता को श्रद्धांजलि सभा में मंच पर आने की अनुमति नहीं होगी.

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3 अक्टूबर को लखीमपुर में क्या हुआ था?
बता दें, बीते 3 अक्टूबर को लखीमपुर शहर से लगभग 60 किलोमीटर की दूरी पर जब कुछ किसान डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के पैतृक गांव बनबीरपुर जाने का विरोध कर रहे थे, तो हिंसा हुई. इस हिंसा में चार किसानों की मौत हो गई. इसके बाद मामला भड़का और मारपीट में एक पत्रकार समेत 5 लोग मारे गए. मरने वाले किसानों में दो लखीमपुर खीरी के थे और दो बहराइच के.

बहराइच के मृत किसान गुरविंदर सिंह के और दलजीत सिंह के घरों में भोग लगाया गया है. साथ ही, तिकुनिया स्थित कौड़ियाला घाट गुरुद्वारा में किसानों के लिए पाठ भी रखा गया है.

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