कृष्ण जन्मभूमि मामले में सिविल कोर्ट के सुनवाई के आदेश को जिला जज की अदालत में किया गया चैलेंज
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कृष्ण जन्मभूमि मामले में सिविल कोर्ट के सुनवाई के आदेश को जिला जज की अदालत में किया गया चैलेंज

जिले में श्री कृष्ण जन्मभूमि (Shri Krishna Janmbhoomi) और शाही ईदगाह (Shahi Eidgah Case) विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. जिला जज की अदालत में सिविल कोर्ट (Mathura Civil Court) के सुनवाई के डेट के आदेश को चुनौती दी गई है.

कृष्ण जन्मभूमि मामले में सिविल कोर्ट के सुनवाई के आदेश को जिला जज की अदालत में किया गया चैलेंज

मथुरा: जिले में श्री कृष्ण जन्मभूमि (Shri Krishna Janmbhoomi) और शाही ईदगाह (Shahi Eidgah Case) विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. जिला जज की अदालत में सिविल कोर्ट (Mathura Civil Court) के सुनवाई के डेट के आदेश को चुनौती दी गई है. जिसमें श्री कृष्ण जन्मभूमि मामले में रिवीजन को लेकर दिनेश कौशिक द्वारा याचिका दाखिल की गई है. अब इस याचिका पर सुनवाई की तारीख न्यायालय ने 8 जुलाई को नियत की है.

सिविल कोर्ट ने सुनवाई के लिए दी थी एक जुलाई की तारीख 
आपको बता दें कि याचिकाकर्ता दिनेश कौशिक द्वारा सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत में याचिका लगाई गई थी. जिसमें शाही ईदगाह पर सर्वे के लिए कमीशन गठन किए जाने को लेकर याचिका दायर की गई है. याचिकाकर्ता की मानें तो शाही ईदगाह में किसी भी प्रकार की स्थिति में बदलाव नहीं किया जा सकेगा. सिविल कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई के लिए एक जुलाई की तारीख दी थी.

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याचिकाकर्ता ने निचली अदालत के आदेश को किया चैलेंज 
निचली अदालत के आदेश को चैलेंज करते हुए याचिकाकर्ता अखिल भारत हिन्दू महासभा के कोषाध्यक्ष दिनेश कौशिक द्वारा जिला जज की अदालत में रिवीजन के लिए प्रार्थना पत्र दिया. जिसमें यह कहा गया है कि ग्रीष्म अवकाश के दौरान शाही ईदगाह में बदलाव किया जा सकता है. इसके चलते शाही ईदगाह में सर्वे कमीशन भेजा जाए. रिवीजन के प्रार्थना पत्र पर जिला जज की अदालत ने 8 जुलाई की तारीख दी है.

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मथुरा में धारा 144 लागू 
बता दें कि मथुरा जिला प्रशासन ने एहतियातन जनपद में धारा 144 हुई लागू कर दी है, जो 16 जुलाई तक लागू रहेगी. वहीं, प्रशासन ने किसी भी तरह के प्रदर्शन और जुलूस पर भी रोक लगा दी है. फिलहाल, अब देखना ये है कि मथुरा की शाही ईदगाह मस्जिद में मूल गर्भ गृह को सील करने, हिंदू धार्मिक चिह्नों को खराब होने से बचाने को लेकर कोर्ट का रूख क्या होता है.

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