MSME : उत्तर प्रदेश की एमएसएमई को पहचान देने के लिए एमएसएमई तथा निर्यात प्रोत्साहन विभाग ने पूरे प्रदेश में एमएसएमई उद्यम पोर्टल पर पंजीयन महाअभियान की शुरुआत की है. यह अभियान पूरे प्रदेश में 15 जून तक संचालित किया जाएगा.
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अजीत सिंह/लखनऊ: उत्तर प्रदेश नगर निकाय चुनाव के बाद सरकार फिर आर्थिक और राजनीतिक मोर्चे पर सक्रिय दिखाई दे रही है. उत्तर प्रदेश में एमएसएमई को पहचान देने के लिए एमएसएमई तथा निर्यात प्रोत्साहन विभाग ने पूरे प्रदेश में एमएसएमई उद्यम पोर्टल पर पंजीयन महाअभियान की शुरुआत की है. यह अभियान पूरे प्रदेश में 15 जून तक संचालित किया जाएगा. इसके माध्यम से प्रत्येक जिले में उद्योग निदेशालय एमएसएमई के पंजीकरण के लिए कैंप लगाएगा. साथ ही, एमएसएमई खुद भी पोर्टल पर जाकर अपना पंजीकरण करा सकेंगे.
कार्यरत एमएसएमई को मिलेगी पहचान
इस अभियान का उद्देश्य प्रदेश में कार्यरत एमएसएमई को पहचान दिलाने के लिए मंच प्रदान करना है, ताकि वो एमएसएमई के लिए योगी सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं से लाभान्वित हो सकें. पंजीकरण के लिए सभी सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम पात्र होंगे. उल्लेखनीय है कि पोर्टल पर उपलब्ध जानकारी के अनुसार अभी 14 लाख एमएसएमई पंजीकृत हैं, जबकि प्रदेश में बड़ी संख्या में एमएसएमई क्रियाशील हैं जिन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने के लिए पंजीकरण कराया जाना है.
असंगठित क्षेत्रों में फैली हैं बहुत सी एमएसएमई
एमएसएमई तथा निर्यात प्रोत्साहन विभाग के अधिकारी के अनुसार उत्तर प्रदेश में 90 लाख से ज्यादा एमएसएमई क्रियाशील हैं, लेकिन इसके बावजूद पोर्टल पर सिर्फ 14 लाख एमएसएमई ही पंजीकृत हैं. ये सभी इकाइयां प्रदेश की जीडीपी में प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से योगदान देती हैं. प्रदेश सरकार द्वारा द्वारा इन सभी का उद्यम पंजीकरण करवाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. इस अभियान की शुरुआत एक जून से 15 जून तक पूरे प्रदेश के समस्त जिलों में एक साथ प्रारंभ की गई है. यह भी उल्लेखनीय है कि बहुत सारी एमएसएमई इकाइयां असंगठित क्षेत्र में फैली हैं. इस अभियान के प्रारंभ होने से पड़े पैमाने पर पंजीकरण से इकाइयों को सरकारी योजनाओं का लाभ एवं अन्य सुविधाएं प्राप्त हो सकेंगी.
एमएसएमई इकाइयों को मिलेगी प्रदेश में पहचान
योगी सरकार की मंशा है कि अधिक से अधिक एमएसएमई पोर्टल पर पंजीकृत हों और एमएसएमई से संबंधित योजनाओं का लाभ ले सकें. पंजीकरण से इन एमएसएमई को एक पहचान मिलती है, जो उनके उद्यम को संचालित करने में काफी महत्वपूर्ण होती है। इसके अलावा एक फैसिलिटेशन काउंसिल की भी व्यवस्था है, जिसमें भुगतान संबंधी विवादों का निपटारा किया जाता है. इसका लाभ पंजीकृत एमएसएमई को ही मिल सकेगा. इसमें सबसे बड़ी राहत ये है कि हमने सूक्ष्म उद्यमियों को 5 लाख रुपए तक का दुर्घटना बीमा प्रदान करने की भी व्यवस्था की है, जिसे कैबिनेट से मंजूरी के बाद प्रदान किया जा सकेगा. इस सभी फायदों के बारे में बताकर गैर पंजीकृत एमएसएमई को पंजीकरण के लिए प्रेरित किया जा रहा है.
पंजीयन के लिए ये उद्यम होंगे पात्र
-सूक्ष्म उद्यम में उनका पंजीकरण होगा, जिनका पूंजी निवेश एक करोड़ तक तथा टर्न ओवर 5 करोड़ तक होगा.
-लघु उद्यम के अंतर्गत वो उद्यम पात्र होंगे, जिनका पूंजी निवेश 10 करोड़ तक और टर्न ओवर 50 करोड़ तक होगा.
-इसी तरह मध्यम श्रेणी में वही उद्यम पंजीकरण करा सकेंगे जिनका पूंजी निवेश 50 करोड़ और टर्न ओवर 250 करोड़ तक होगा.
पंजीकरण से एमएसएमई को ये होगा लाभ
-शीघ्र लागू होने वाली दुर्घटना बीमा योजना में 5 लाख तक का मुफ्त बीमा.
-सरकारी क्रय में ईएमडी एवं सरकारी निविदाओं में छूट का लाभ.
-बैंकों से ऋण प्राप्त करने में सुगमता.
-फैसिलिटेशन काउंसिल से लंबित देयों के भुगतान में सुगमता.
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