Muzaffarnagar: दिव्या काकरान ने कॉमनवेल्थ गेम 2022 में कुश्ती में ब्रॉन्ज मेडल जीत देश के साथ जिले का नाम भी रोशन किया है. मेडल जीतने के बाद पहली बार दिव्या अपने पैतृक गांव पुरबालियान पहुंची. जहां गांव वालों ने उनका भव्य स्वागत किया गया.
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नीरज त्यागी/मुजफ्फरनगर: दंगल गर्ल गीता और बबीता फोगाट की राह पर चली उत्तर प्रदेश के मुज़फ्फरनगर की बेटी दिव्या काकरान ने भी कॉमनवेल्थ गेम 2022 में इग्लैंड की धरती पर कुश्ती में ब्रॉन्ज मेडल जीतकर देश के साथ जिले का नाम भी रोशन करने का काम किया है. मेडल जीतने के बाद पहली बार दिव्या अपने पैतृक गांव पुरबालियान पहुंची. जहां गांव वालों ने उनका भव्य स्वागत किया गया.
ग्रामीणों और बीजेपी नेताओं ने दिव्या और उनके मंगेतर का स्वागत करते हुए ढोल नगाड़ों की थाप पर जमकर डांस किया तो वहीं ग्रामीणों द्वारा जमकर आतिशबाज़ी भी की गई. इस दौरान मीडिया से बात करते हुए दिव्या काकरान ने कहा कि जब मैं गांव आई तो सभी ने जोरदार स्वागत किया, मैंने सोचा भी नहीं था कि गांव वाले मेरा इतना बड़ा स्वागत करेंगे. जिसके चलते महसूस हुआ कि अगली बार गोल्ड मेडल लाना है.
उन्होंने बताया कि हमारी तो पीढ़ी ही पहलवान है. पहले दादा-दादी ने पापा को पहलवानी कराई. फिर पापा ने मेरे भाई को पहलवानी कराई फिर मेरा नंबर आया. हमारी तीसरी-चौथी पीढ़ी में हमारी मेहनत मेरे पर आकर पूरी हुई है. उन्होंने कहा कि मेरे खून में ही पहलवानी थी. मुझे लगता है कि जो मेहनत उन्होंने की है वो मुझे आकर लगी है, ये उनको विरासत में मिली है. सफलता का श्रेय उन्होंने माता-पिता, भाई और दोस्त को दिया.
दिव्या ने बताया कि यह उनका दूसरा ब्रॉन्ज मेडल है, उनको गोल्ड की उम्मीद थी लेकिन कहीं ना कहीं चूक रह गई इसलिए अब वह एशियन गेम्स की तैयारी कर रही हैं. साथ ही अगले ओलम्पिक की तैयारी में जुटेंगी. योगी सरकार की तारीफ करते हुए कहा कि यूपी सरकार ने पहलवानों को बढ़ावा दिया है. यूपी में 5 मेडल आये हैं और सभी लड़कियों के हैं. योगी सरकार ने उनको 50 लाख रुपयों की घोषणा की है और डीएसपी का पद भी मिला है, जिसको लेकर वह बहुत खुश हैं.