प्रो. एचसी वर्मा को पद्मश्री सम्मान से नवाजे जाने की घोषणा वर्ष-2020 में ही हो गई थी. लेकिन, कोरोना संक्रमण के चलते सम्मान समारोह का आयोजन नहीं हो पाया था.
Trending Photos
कानपुर: सोमवार को राष्ट्रपति भवन के ऐतिहासिक दरबार हॉल में आयोजित भव्य समारोह में विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट काम करने वाले 141 लोगों को साल 2020 का पद्म पुरस्कार प्रदान किया. मंगलवार को भी साल 2021 के लिए 119 लोगों को पद्म पुरस्कारों से सम्मानित किया गया. पद्म सम्मान पाने वाले हस्तियों में से एक IIT कानपुर के रिटायर्ड प्रो. एचसी वर्मा भी शामिल हैं. उन्हें भी सोमवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के हाथों पद्मश्री सम्मान से विभूषित किया गया. प्रो. एचसी वर्मा को पद्मश्री सम्मान से नवाजे जाने की घोषणा वर्ष-2020 में ही हो गई थी. लेकिन, कोरोना संक्रमण के चलते सम्मान समारोह का आयोजन नहीं हो पाया था.
"राष्ट्रपति से बात कर हुई खुशी"
सम्मान देते वक्त जब राष्ट्रपति को पता चला कि प्रोफेसर कानपुर से हैं तो उन्होंने कहा अरे वाह, आप भी कानपुर से हैं. आपको बहुत बधाई. इस पक प्रो. वर्मा ने राष्ट्रपति से बताया कि सर, मैं भी आपके घर के पास नानकारी का हूं. यह सुनकर राष्ट्रपति कोविंद मुस्कुरा दिए. राष्ट्रपति से सम्मान लेने के दौरान महज कुछ देर के लिए ही बात हुई, लेकिन बात करके उनके चेहरे पर खुशी छा गई.
ये भी पढ़ें- मायावती का CM योगी पर तंज: मेरा भी परिवार नहीं, लेकिन मैं सर्वजन के लिए काम करती हूं
वहीं, प्रो.वर्मा को पद्मश्री सम्मान मिलने की जानकारी मिलते ही उनसे जुड़े तमाम स्टूडेंट्स और टीचर्स ने सोशल मीडिया पर बधाई दी. आपको बता दें कि प्रो. वर्मा ने आईआईटी कानपुर से ही एमएससी किया था. इसके बाद उन्होंने 1994 में असिस्टेंट प्रोफेसर के तौर पर पढ़ाना शुरू किया. उनकी बुक कॉन्सेप्ट ऑफ फिजिक्स (Concept of Physics) काफी चर्चित है. न जाने कितने छात्रों ने इनकी किताबें पढ़कर आज बड़े-बड़े साइंटिस्ट, डॉक्टर, इंजीनियर बने.
कानपुर के अशोक साहू और डा. ऊषा यादव को भी सम्मान
बता दें कि कानपुर के धम्म कल्याण कानपुर अंतरराष्ट्रीय विपश्यना साधना केंद्र' के संस्थापक 68 वर्षीय अशोक कुमार साहू को पद्मश्री सम्मान से सम्मानित किया गया. इसके अलावा साहित्यकार डॉ. ऊषा यादव को भी मंगलवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद पद्मश्री सम्मान से सम्मानित किया गया. दोनों हस्तियों को 2021 में इस सम्मान के लिए चुना गया था. आपको बता दें कि डा. ऊषा यादव का पूरा बचपन कानपुर में ही बीता. यहां छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय से उन्होंने अपनी पीएचडी की. अभी वह आगरा में रहती हैं.
ये भी पढ़ें- शिवपाल बोले- सपा-प्रसपा का गठबंधन होगा या विलय, अखिलेश को जो निर्णय लेना है जल्द लें
WATCH LIVE TV