बीजेपी पसमांदा मुस्लिमों को लोकसभा चुनाव 2024 के लिए बड़ा वोटबैंक मान रही है. इसी कड़ी पसमांदा मुस्लिम समूदाय के एक बड़े नेता ने अतीक और अशरफ हत्याकांड पर विवादित बयान दिया है.
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नितिन श्रीवास्तव/बाराबंकी : ऑल इंडिया मुस्लिम पसमांदा महाज के प्रदेश अध्यक्ष वसीम राइन ने कहा कि देश के पहले ऐसे प्रधानमंत्री हैं जिन्होंने हमारे समाज के बारे में सोचा है. आजादी के बाद से किसी भी दल ने हम पसमांदा मुसलमानों की बात नहीं की है. उन्होंने इशारों-इशारों में आरोप लगाया कि विधानसभा में अखिलेश यादव ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को उकसाकर बहुत शातिराना अंदाज में हमारे बीच के एक मुस्लिम एमपी रह चुके अतीक अहमद को दुनिया से दफा करवा दिया. ऐसे में मुस्लिमों को सोचना चाहिये कि अखिलेश कैसे उनके हमदर्द हैं.
AIPMM प्रदेश अध्यक्ष वसीम राईन ने कहा कि मुसलमानों का हमदर्द बनने का नाटक करने वाले अखिलेश यादव ने पसमांदा समाज को हिस्सेदारी के नाम पर जीरो रखा. उन्होंने इशारों-इशारों में अखिलेश यादव पर आरोप लगाया कि विधानसभा में उन्होंने सीएम योगी आदित्यनाथ को उकसाकर एक मुसलमान एमपी रहे अतीक अहमद की जान गंवा दी. उन्होंने बड़े ही शातिर अंदाज में एक मुसलमान पूर्व एमपी को कम कर दिया. उन्होंने पसमांदा समाज के मुस्लिमों से अपील करते हुए कहा कि वह सपा को वोट देने से पहले एक बार जरूर सोचें कि कैसे चालाकी से उन्होंने हमारे बीच के एक मुस्लिम एमपी रहे शख्स को दुनिया से दफा करवा दिया. ऐसे में मुस्लिमों को सोचना चाहिये कि अखिलेश कैसे उनके हमदर्द हैं. निकाय चुनाव हो या फिर 2024 का लोकसभा चुनाव, मुसलमान इस बात का बदला अखिलेश यादव से लेगा.
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उन्होंने कहा कि सपा यादवों की पार्टी मानी जाती है, जबकि सपा ने एमवाई के नाम पर हम पसमांदा समाज के मुस्लिमों के वोट का केवल इस्तेमाल किया, कभी हमारे समाज के लिये सपा ने कोई काम नहीं किया, सपा ने हमें न ही पार्टी संगठन में जगह दी और न ही सरकार में रहते हुए कोई पद किसी को दिया. ऐसे में जो भी पार्टी उन्हें हिस्सेदारी देगी, वह वहां वोट करेंगे.पसमांदा समादज किसी का गुलाम नहीं है.
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