परिजनों ने आरोप लगाया कि केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा को बचाने के लिए पोस्टमार्टम में लापरवाही बरती गई, वीडियोग्राफी नहीं की गई है. इस स्थिति से निपटने के लिए शासन ने ADG गोरखपुर अखिल कुमार को बहराइच भेजा गया.
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बहराइच: लखीमपुर खीरी में 3 अक्टूबर को हुई हिंसा में मारे गए किसान गुरविंदर सिंह की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में गड़बड़ी की बात कह कर उनके परिजन फिर से पोस्टमार्टम करवाने पर अड़े गए. परिजनों ने आरोप लगाया कि केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा को बचाने के लिए पोस्टमार्टम में लापरवाही बरती गई, वीडियोग्राफी नहीं की गई है. उनका कहना था कि गुरविंदर की मौत गोली लगने से हुई है. इस स्थिति से निपटने के लिए शासन ने ADG गोरखपुर अखिल कुमार को बहराइच भेजा गया.
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उन्होंने मृतक किसान के परिजनों से बातचीत कर समझाने की कोशिश की. लेकिन परिजन शव का दोबारा पोस्टमार्टम कराने की मांग पर अड़े रहे. गोरखपुर जोन के ADG अखिल कुमार ने मृतक किसान के परिजनों की मांग स्वीकार कर ली. किसान नेता राकेश टिकैत के आने का इंतजार किया जा रहा था. उनके बहराइच पहुंचने पर गुरविंदर के शव का दोबारा पोस्टमार्टम हुआ. इस बार दिल्ली व लखनऊ के डॉक्टरों की टीम ने गुरविंदर के शव का पोस्टमार्टम किया.
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इस बारे में भारतीय किसान यूनियन अराजनैतिक के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा, ''एक किसान जिसकी मौत गोली लगने की वजह से हुई थी उसकी पोस्टमार्टम रिपोर्ट गलत थी. बहराइच में दोबारा उसके शव का पोस्टमार्टम किया गया है. दो किसानों के शव का अंतिम संस्कार किया जा चुका है.''
The post-mortem report of a person, who was shot dead during the incident is not correct. A post-mortem is being conducted again in Bahraich. Cremation of two bodies has been done: BKU leader Rakesh Tikait in Lakhimpur pic.twitter.com/DEXpNCPT9N
— ANI (@ANI) October 5, 2021
आपको बता दें कि लखीमपुर खीरी की घटना में 4 किसानों, 3 बीजेपी कार्यकर्ताओं, केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा के ड्राइवर और एक स्थानीय पत्रकार की मौत हुई थी. इन सभी के शवों की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आ गई है. पीएम रिपोर्ट में स्पष्ट है कि एक भी मौत गोली लगने से नहीं हुई है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में चोट लगने के कारण ब्रेन हेमरेज, ब्रेन में ब्लड क्लॉटिंग, शरीर के अन्य हिस्सों में लगी चोट ही सभी 9 व्यक्तियों के मौत की वजह बताई गई है.
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मृतकों के परिजनों को 45-45 लाख रुपए मुआवजा, परिवार के एक सदस्य को योग्यता अनुसार सरकारी नौकरी, घायलों को 10-10 लाख रुपए मुआवजा देने, पूरे मामले की जांच हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज से कराने संबंधी मांगें मानी जाने के बाद किसानों ने प्रशासन के साथ समझौता कर प्रदर्शन समाप्त कर दिया था. राकेश टिकैत भी प्रशासन और किसानों की बैठक में मौजूद रहे. सहमति बनने के बाद मृतक किसानों के परिवार वाले शवों का अंतिम संस्कार करने के लिए राजी हुए थे.
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