बलात्कार पीड़िता का बयान दर्ज न करने पर HC सख्त, एसपी और विवेचक दारोगा तलब
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बलात्कार पीड़िता का बयान दर्ज न करने पर HC सख्त, एसपी और विवेचक दारोगा तलब

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सामूहिक दुराचार मामले में विवेचक द्वारा पीड़िता का बयान दर्ज न करने पर नाराजगी जताई है. पीड़िता का आडियो-वीडियो बयान दर्ज न करने पर कोर्ट ने इसे कानून का उल्लघंन बताया है.

बलात्कार पीड़िता का बयान दर्ज न करने पर HC सख्त, एसपी और विवेचक दारोगा तलब

मोहम्मद गुफरान/प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सामूहिक दुराचार मामले में विवेचक द्वारा पीड़िता का बयान दर्ज न करने पर नाराजगी जताई है. पीड़िता का आडियो-वीडियो बयान दर्ज न करने पर कोर्ट ने इसे कानून का उल्लघंन बताया है. हाईकोर्ट ने एसपी रामपुर धर्म सिंह मर्चल वर्तमान एएसपी मिलख व विवेचनाधिकारी दरोगा को स्पष्टीकरण के साथ हाजिर होने का निर्देश दिया है.

व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल कर कोर्ट ने मांगी सफाई
इस मामले में कोर्ट ने एसपी रामपुर से व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल कर सफाई मांगी है कि दुराचार पीड़िता का आडियो वीडियो बयान दर्ज करने के कानून का पालन क्यों नहीं किया गया? निष्पक्ष विवेचना के लिए क्या कार्रवाई की? कोर्ट ने यह भी बताने को कहा कि पिछले एक साल में ऐसे कितने मामलों में बयान दर्ज करने में संशोधित कानून का पालन किया गया? कोर्ट ने विवेचक दरोगा से पूछा कि पीड़िता का बयान दर्ज क्यों नहीं किया? यदि किया है गया है तो आडियो-वीडियो पेश करें. साथ ही आरोपियों से मिली भगत के पीड़िता के आरोप का भी जवाब दें. अब इस मामले की सुनवाई 26 मई को होगी.

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मामले में पुलिस ने चार आरोपियों को छोड़ केवल एक आरोपी के खिलाफ चार्जशीट 
दरअसल, जस्टिस संजय कुमार सिंह की एकलपीठ ने दुराचार के आरोपी वसीम की आपराधिक अपील की सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया है. पीड़िता ने कोर्ट में बयान दर्ज कराया, जिसमें पांच लोग सनिव, नाजीव, शफीक, नाजिम, व वसीम पर सामूहिक बलात्कार करने का आरोप लगाया है. घटना रामपुर के टांडा थाने के एक गांव की है. इस मामले में पुलिस ने चार आरोपियों को छोड़ दिया और एक आरोपी के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की. पीड़िता ने आरोप है कि पुलिस ने उसका बयान दर्ज नहीं किया, उल्टा उसके परिवार को केस वापस लेने की धमकी दी जा रही है. पीड़िता ने कोर्ट से कहा उसकी जीवन को भी खतरा है.

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हाईकोर्ट ने की सख्त टिप्पणी
इस मामले में हाईकोर्ट ने कहा एससी-एसटी एक्ट के उपबंधों व 11 अगस्त 21 के परिपत्र का पालन नहीं किया गया है. चार आरोपियों के खिलाफ फाइनल रिपोर्ट भी दाखिल नहीं की गई है. सही विवेचना न करने की शिकायत के बावजूद एसपी ने दुबारा विवेचना करने का आदेश नहीं दिया. जिसपर कोर्ट ने सख्त रूख अपनाया है. कोर्ट ने आदेश की प्रति प्रमुख सचिव न्याय, डीजीपी, एडीजीपी बरेली को भेजने का निर्देश दिया है. अब कोर्ट के आदेश पर संसोधित कानून के मुताबिक दुष्कर्म पीड़िता का आडियो-वीडियो बयान दर्ज किया जाएगा. जिसका पालन रामपुर पुलिस ने इस मामले में नहीं किया है.

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