तीन पीढ़ियों तक चले मुकदमे में हजारों पेशी, सैकड़ों गवाही होने के बाद 31 अगस्त 2021 को न्यायालय सिविल जज जूनियर डिवीजन सोनल अग्रवाल ने रामदास के पक्ष में फैसला सुनाया.
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कौशांबी: यूपी के कौशांबी की सिविल कोर्ट ने मकान विवाद के मामले में ऐतिहासिक फैसला सुनाया. 62 साल तक चले केस में तीसरी पीढ़ी को विवादित मकान पर कब्जा दिलाया गया. कोर्ट ने 31 अगस्त 2021 को रामदास के पक्ष में फैसला सुनाया गया. सरायअकिल कस्बे के चावल मंडी के रामदास एवं भोला ने 1961 में प्रयागराज की सिविल कोर्ट में दर्ज कराया.
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62 सालों तक चला मुकदमा
सराय अकील थाना के स्थानीय कस्बा की चावल मंडी स्थित एक विवादित मकान को लेकर फैसला आया. चावल मंडी के रामदास और भोला के बीच वर्ष 1961 में मकान को लेकर विवाद हुआ था. दोनों ने विवादित मकान पर अपना दावा करते हुए न्यायालय में वाद दाखिल किया. दोनों पक्षों के बीच सिविल न्यायालय में 62 वर्षों तक मुकदमा चला. तीन पीढ़ियों तक चले मुकदमे में हजारों पेशी, सैकड़ों गवाही होने के बाद 31 अगस्त 2021 को न्यायालय सिविल जज जूनियर डिवीजन सोनल अग्रवाल ने रामदास के पक्ष में फैसला सुनाया.
पुलिस-प्रशासन की मौजूदगी में तोड़ा गया विवादित मकान का ताला
कोर्ट के फैसले के बाद बृहस्पतिवार को कोर्ट अमीन ने पुलिस और प्रशासन की मौजूदगी में मकान के असल मालिक के वारिसों को कब्जा दिलाया. मकान के अंदर रखे कबाड़ को सराय अकिल थाने के मालखाने में रखवाया गया. कानूनी कार्रवाई की वीडियोग्राफी भी कराई गई. कोर्ट अमीन हरिशंकर व रामदास के अधिवक्ता कुलदीप पांडेय व पुलिस-प्रशासन की मौजूदगी में विवादित मकान का ताला तोड़कर रामदास के वारिसों हरिश्चंद्र, अशोक, कमल व गनेश आदि को कब्जा दिलाया गया.
एडवोकेट कुलदीप कुमार पांडेय ने बताया की पारिवारिक में भोला नाथ जो परिवार के मुखिया थे, उन्हीं के हक में सारी सम्पति खरीदी जा रही थी बाद में उनकी नीयत बदल गई. यह मुकदमा माननीय प्रयागराज इलाहाबाद माननीय उच्च न्यायालय में चला. इसमें कई जगह अपील, सेकंड अपील, रीट तमाम प्रक्रियाएं होने के बाद 62 सालों के बाद दिनांक 31- 8- 2021 को आपके हक में कब्जा दिलाए जाने का आदेश पारित हुआ.
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