राज बब्बर सरकारी कार्य बाधा और मारपीट के दोषी पाए गए. दो साल की सजा के साथ ही उनपर 8500 रुपये का जुर्माना भी लगाया गया.
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विशाल रघुवंशी/लखनऊ: कांग्रेस नेता राज बब्बर (Raj Babbar) को लखनऊ के एमपी-एमएलए कोर्ट से झटका लगा है. कोर्ट ने उन्हें दो साल की सजा सुनाई है. इसके साथ ही जुर्माना भी लगाया है. कोर्ट ने यह फैसला 26 साल पुराने एक मामले में सुनाया है.
क्या है पूरा मामला?
यह मामला 26 साल पुराना यानी 1996 का है. बब्बर तब समाजवादी पार्टी में थे और लखनऊ से चुनाव लड़ रहे थे. पत्रावली के मुताबिक 2 मई 1996 में मामले में मतदान अधिकारी श्रीकृष्ण सिंह राणा ने थाना वजीरगंज में रिपोर्ट दर्ज कराई थी. इसमें आरोप लगाया गया था है कि मतदान केंद्र पर सपा प्रत्याशी राज बब्बर और शिव सिंह यादव अपने पांच-सात लोगों के साथ आए और आरोप लगाया कि फर्जी मतदान कराया जा रहा है. इसके बाद इन लोगों ने मतदान अधिकारी श्रीकृष्ण सिंह राणा व शिव कुमार सिंह के साथ गाली-गलौज करते हुए मारपीट की. मामले में पुलिस ने 3 सितंबर 1996 को अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया था. मुकदमे की सुनवाई के दौरान शिव कुमार सिंह की मृत्यु हो गई.
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फैसले को दे सकते हैं चुनौती
गुरुवार को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने उन्हें सरकारी काम में बाधा डालने का दोषी ठहराया और 8,500 रुपये का जुर्माना भी लगाया. सुनवाई के दौरान राज बब्बर कोर्ट में मौजूद रहे. बता दें कि राज बब्बर कांग्रेस के नेता हैं. इससे पहले वह कांग्रेस पार्टी के यूपी प्रदेश अध्यक्ष भी रह चुके हैं. वहीं, राज बब्बर ने कहा कि वह एमपी-एमएलए कोर्ट के फैसले को चुनौती देंगे. गौरतलब है कि सन् 1989 में वीपी सिंह के नेतृत्व में राज बब्बर जनता दल में शामिल हो गए थे. हालांकि बाद में उन्होंने समाजवादी पार्टी का दामन थामा. 14वीं लोकसभा चुनाव में वह फिरोजाबाद से समाजवादी पार्टी के सांसद चुने गए. साल 2006 में सपा से निलंबित होने के बाद उन्होंने कांग्रेस का हाथ थाम लिया.
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