छात्रा के हौसले को सलाम, भाई-बहनों को पढ़ाने के लिए ई-रिक्शा चलाकर जाती है स्कूल
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छात्रा के हौसले को सलाम, भाई-बहनों को पढ़ाने के लिए ई-रिक्शा चलाकर जाती है स्कूल

मंतशा के पिता मोहम्मद फारुख मज़दूरी करके परिवार पालते हैं. घर से दूरी अधिक होने के कारण शमा परवीन ने अपनी और छोटी बहनों की पढ़ाई के लिए ई-रिक्शा चलाती है, 

छात्रा के हौसले को सलाम, भाई-बहनों को पढ़ाने के लिए ई-रिक्शा चलाकर जाती है स्कूल

रामपुर :शिक्षा पाने के लिए टांडा इलाके की मंतशा परवीन ने ई-रिक्शा थाम ली है. वो चार साल से भाई-बहनों को स्कूल छोड़ने के बाद खुद पढ़ाई के लिए स्कूल जाती है. मंतशा कक्षा 12 की छात्रा है. 

पिता मजदूरी कर चलाते हैं परिवार
मामला रामपुर के टांडा क्षेत्र स्थित सेंटा खेड़ा गांव का है. यहां की निवासी मंतशा परवीन अपने छह भाई बहन में सबसे बड़ी है. उसके पिता मोहम्मद फारुख मज़दूरी करके परिवार पालते हैं. मौजूदा समय में मंतशा परवीन इलाके के सनराइज इंटर कॉलेज टांडा की इंटर की छात्रा है, जबकि उसके छोटे बहन भाई उनके गांव से 6 किलोमीटर दूर टांडा में पढ़ते हैं.

घर से दूरी अधिक होने के कारण शमा परवीन ने अपनी और छोटी बहनों की पढ़ाई के लिए ई-रिक्शा चलाती है, और वो अपने भाई बहनों को इस ई रिक्शा में लेकर जाती है. इस काम को वह बीते 4 सालों से कर रही है. शिक्षा की मशाल थामें शमा परवीन बहनों और भाई को स्कूल छोड़ने के बाद खुद भी पढ़ाई के लिए स्कूल पहुंचती है. 

टांडा के सेंटा खेड़ा गांव निवासी मंतशा परवीन बताती है कि वो कक्षा 12 की छात्रा है. उसके अब्बू मज़दूरी करते हैं, इसलिए वो अपने भाई बहन को लेकर स्कूल जाती है. 

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