दुनिया भर में अपनी हस्त शिल्प कारीगरी और पौराणिक और धार्मिक इतिहास के लिए प्रख्यात अब जल्दी ही पर्यटन नगरी के तौर पर भी जाना जाएगा.
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सुनील सिंह/संभल: उत्तर प्रदेश के संभल शहर को पर्यटन नगरी के तौर पर नई पहचान दिलाने के लिए संभल जिले के जिलाधिकारी मनीष बंसल की सरहनीय पहल सामने आई है. दुनिया भर में अपनी हस्त शिल्प कारीगरी और पौराणिक और धार्मिक इतिहास के लिए प्रख्यात अब जल्दी ही पर्यटन नगरी के तौर पर भी जाना जाएगा. डीएम ने जिला पर्यटन विकास परिषद का गठन किया है. संभल को पर्यटन नगरी बनाए जाने के लिए जिला विकास परिषद को जल्दी ही पर्यटन योजना बनाकर संभल के धार्मिक और पौराणिक और धार्मिक स्थलों का सौंदर्यकरण करण कर प्रचार प्रसार के निर्देश दिए हैं.
संभल का अपना पौराणिक और धार्मिक इतिहास
बता दें, उत्तर प्रदेश के संभल का अपना पौराणिक और धार्मिक इतिहास है. अति प्राचीन शहर संभल का स्कंद पुराण में भी उल्लेख है. संभल में प्राचीन बंश गोपाल तीर्थ , 68 तीर्थ और 19 कूप , प्राचीन मनोकामना मंदिर, लगभग 1100 वर्ष से अधिक प्राचीन श्री विष्णु कल्कि मंदिर समेत कई धार्मिक स्थल दूर-दूर तक प्रख्यात है. स्कंद पुराण में उल्लेख के अनुसार सतयुग में सत्यव्रत, त्रेता युग में महद गिरी और द्वापर युग में पिंगल नगरी और वर्तमान में संभल शहर के तौर पर अपनी पहचान है.
पर्यटन योजना बनाए जाने की जिम्मेदारी सौंपी गई
जिले के सभी विभागों के वरिष्ठ अधिकारी और संभ्रांत नागरिकों को जिला पर्यटन विकास परिषद में शामिल कर पर्यटन योजना बनाए जाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है. जिलाधिकारी मनीष बंसल ने बताया कि संभल शहर का अपना विशेष पौराणिक और धार्मिक महत्व है. पर्यटन में रुचि रखने वाले लोग संभल के पौराणिक और धार्मिक इतिहास से रूबरू हो सकें इसके लिए इस शहर को पर्यटन नगरी के तौर पर पहचान दिलाए जाने के लिए जिला पर्यटन विकास परिषद का गठन किया गया है.
तैयार कराई जा रही पौराणिक धार्मिक स्थलों की बुकलेट
संभल के पौराणिक धार्मिक स्थलों की बुकलेट भी तैयार कराई जा रही है. इसमें संभल के सभी पौराणिक और धार्मिक स्थलों के साथ ही राजघाट की गंगा आरती चंदोसी में भगवान गणेश की विराट मूर्ति के चित्रों के साथ पौराणिक स्थलों के इतिहास का भी पूरा विवरण होगा. जिला प्रशासन का पूर्ण प्रयास है कि पर्यटन नीति बनाकर संभल को शीघ्र ही पर्यटन नगरी के तौर पर विकसित किया जाए. पर्यटन नगरी बनने के बाद युवाओं को रोजगार भी मिलेगा और प्रदेश में संभल की नई पहचान बनेगी.
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