Sankashti Chaturthi 2023: आज है भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी, इस शुभ योग में करें भगवान गणेश जी की पूजा, नोट कर लें चंद्रोदय का समय
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Sankashti Chaturthi 2023: आज है भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी, इस शुभ योग में करें भगवान गणेश जी की पूजा, नोट कर लें चंद्रोदय का समय

Bhalchandra Sankashti Chaturthi 2023: हिंदू धर्म में गौरी पुत्र भगवान गणेश को प्रथम पूजनीय देव माना जाता है...किसी भी शुभ कार्य से पहले गणेश जी की पूजा की जाती है... ऐसे में चतुर्थी व्रत करने और सच्चे मन से भगवान की अराधना करने से भक्तों की सभी बाधाएं दूर होती हैं...

 

Sankashti Chaturthi 2023: आज है भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी, इस शुभ योग में करें भगवान गणेश जी की पूजा, नोट कर लें चंद्रोदय का समय

Bhalchandra Sankashti Chaturthi 2023: हिंदू पंचांग के अनुसार,भालचन्द्र संकष्टी चतुर्थी व्रत भगवान गणेश की कृपा पाने के लिए खास माना जाता है.  इस बार ये व्रत 11 मार्च को पड़ रहा है. चैत्र मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को गणेश चतुर्थी का व्रत रखने का विधान है.  धार्मिक मान्यताओं अनुसार जो व्यक्ति ये व्रत करता है उसे भगवान गणेश का महा वरदान अवश्य प्राप्त होता है. इतना ही नहीं इस व्रत को करने से व्यक्ति की मनचाही मनोकामना पूरी होती है. इस दिन जो भी व्यक्ति सच्चे मन से सुखकर्ता दुखहर्ता भगवान गणेश की पूजा अर्चना करता है, उसके जीवन से सभी संकट दूर हो जाते हैं.  ऐसे में चलिए जानते हैं भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी व्रत का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि और चंद्रोदय का समय.

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साल में दो बार पड़ती है चतुर्थी
बता दें कि पंचांग के अनुसार साल में दो बार चतुर्थी तिथि पड़ती है. पहली कृष्ण पक्ष और दूसरी शुक्ल पक्ष में. चैत्र मास के कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली गणेश चतुर्थी का विशेष महत्व है.  इस दिन विधि विधान से गणेश जी पूजा करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है.

भालचंद्र गणेश चतुर्थी 2023 शुभ मुहूर्त
कृष्ण पक्ष चतुर्थी आरंभ
10 मार्च को रात 9 बजकर 42 मिनट से शुरू

कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि समाप्त
11 मार्च को रात 10 बजकर 5 मिनट तक

तिथि-उदया तिथि के कारण संकष्टी चतुर्थी का व्रत 11 मार्च 2023 को रखा जा रहा है.

चित्रा नक्षत्र
सूर्योदय से 7 बजकर 11 मिनट तक

स्वाति नक्षत्र
सुबह 7 बजकर 11 मिनट से 12 मार्च को सुबह 8 बजे तक

धुव्र योग
सूर्योदय से शाम 7 बजकर 51 मिनट तक

चंद्रोदय का समय
रात 9 बजकर 47 मिनट पर

भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी व्रत की पूजा विधि
भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी के दिन सुबह उठकर नित्य कर्म और स्नान करने के बाद व्रत का संकल्प लें. इसके बाद गणेश की प्रतिमा या तस्वीर पर पूजा-अर्चना करें. सबसे पहले जल से आचमन करें। इसके बाद फूल, माला, रोली, अक्षत, दूर्वा आदि अर्पित करें. पूजा के दौरान गणेश जी को तिल, गुड़, लड्डू, दुर्वा, चंदन और मोदक अर्पित करें. सारा दिन व्रत रहें. रात में चांद निकलने से पहले गणेश भगवान की पूजा करें एवं चंद्रमा को अर्घ्य दें. अंत में आरती करके भूल चूक के लिए माफी मांग लें.

Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है.  सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक पहुंचाई गई हैं. हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है. इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी. ZEE UPUK इसकी जिम्मेदारी नहीं लेगा. 

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