कुतुब मीनार को लेकर स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती का विवादित बयान "आज भी संस्कृत के श्लोक हैं मौजूद"
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कुतुब मीनार को लेकर स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती का विवादित बयान "आज भी संस्कृत के श्लोक हैं मौजूद"

काशी की ज्ञानवापी मस्जिद और ताजमहल के बाद अब कुतुब मीनार को लेकर बयान सामने आने लगे हैं. मेरठ दौरे के दौरान उन्होंने कहा, "कुतुब मीनार जिस जमीन पर बना है वह हिंदुओं की जमीन है, उसको मुस्लिम शासक ने कुतुब मीनार का नाम दे दिया.

कुतुब मीनार को लेकर स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती का विवादित बयान "आज भी संस्कृत के श्लोक हैं मौजूद"

मेरठ: काशी की ज्ञानवापी मस्जिद और ताजमहल के बाद अब कुतुब मीनार को लेकर बयान सामने आने लगे हैं. मेरठ दौरे के दौरान उन्होंने कहा, "कुतुब मीनार जिस जमीन पर बना है वह हिंदुओं की जमीन है, उसको मुस्लिम शासक ने कुतुब मीनार का नाम दे दिया. कुतुब मीनार में अगर कोई जाकर देखेगा, तो वहां पर संस्कृत के श्लोक लिखे हुए हैं और हिंदू देवी देवताओं की मूर्ति की बनी हुई है."

अब हिंदू जागरूक है और वह अपनी जगह को वापस ले रहा है: स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा "अगर किसी की वस्तु को ले लिया जाए और वह उस समय कमजोर हो, जब वह ताकत में आता है तो वह फिर से उस वस्तु को लेने का प्रयास करता है,अब हिंदू जागरूक है और वह अपनी जगह को वापस ले रहा है. इसमें कुछ भी गलत नहीं है."

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ताजमहल में क्या है इसका शोध करने के लिए लंदन, पेरिस या चाइना जाएंगे?
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा, "ताजमहल में क्या है, इसको जानने के लिए कोई शोध शिक्षा लेने के लिए नहीं जाएगा, अब क्या ताजमहल में है, ये जानने के लिए क्या पहले किसी को शिक्षा लेनी होगी? सभी भारतीयों को ये अधिकार है कि ताज महल में क्या है चाहे वो हिन्दू हो या मुस्लिम हो. ताजमहल को लेकर उन्होंने कहा कि ताजमहल का इतिहास है कि वह मंदिर के ऊपर बनाया गया है. आज ताज महल का गूगर्भ खुलवा दिया जाए और वीडियो रिकॉर्डिंग करके सबको बताया जाए कि क्या छिपाया जा रहा है. ताजमहल में क्या है इसका शोध करने के लिए लंदन, पेरिस या चाइना जाएंगे? नहीं.. शोध करने के लिए हमें ताजमहल में जाना पड़ेगा.

खुलने चाहिए ताजमहल के बंद कमरे
उन्होंने का कि ताज महल मे दरवाजा बंद है दरवाजा खोला जाए तो हम जाएंगे? और वहां से प्रमाण उठा कर दें देंगे. शोध करने के लिए क्या हम स्वर्ग मे. चले जाएं, शोध के लिए हमें उसी जगह पर जाना पड़ेगा. स्वामी जी ने आकर कहा कि हम अपने 150 वेद पार्टी बच्चों को ताजमहल मे. लेकर गए थे उनको देखकर उनको रोक दिया और उनको कहा कि आप अंदर नहीं जा सकते.. इसपर उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि क्या ताज महल देखने के लिए भारत के बच्चे नहीं जा सकते? हालांकि उन्होंने बताया कि वहा लड़ाई कि तब वहां शर्तों के साथ अंदर जाने कि अनुमति मिली थी कि कोई नारा नहीं लगाएंगे और बच्चों के मुंह पर ताला रहेगा.

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स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद स्वरस्वती ने कुलपति शब्द पर उठाया सवाल
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद स्वरस्वती ने कहा "देश में कोई भी सच्चा कुलपति नहीं है, यह शब्द अंग्रेजी शब्द वॉइस चांसलर से लिया गया है. उसको हिंदी में कुलपति कहा गया है. स्वामी ने शास्त्रों मे लिखें श्लोक का जिक्र करते हुए कहा, "असल मयनों में कुलपति वह होता है, जो 10,000 बच्चों के भोजन, चिकित्सा, वस्त्र जैसी जरूरतें पूरी करते हुए निशुल्क पढ़ाता है, वह कुलपति होता हैं."

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