UP Fake Universities List 2022: यूनिवर्सिटी ग्रैंट्स कमीशन (University Grants Commission) ने फर्जी यूनिवर्सिटीज की लिस्ट जारी की है. इसमें चार यूनिवर्सिटीज उत्तर प्रदेश की भी शामिल हैं.
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UGC Fake Universities List 2022: विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने 21 विश्वविद्यालयों को फर्जी घोषित (21 Fake Universities List) किया है. ये विश्वविद्यालय डिग्री नहीं दे सकते हैं. देश के अलग-अलग राज्यों में स्थित फेक यूनिवर्सिटी की सूची ऑफिशियल वेबसाइट ugc.ac.in पर अपलोड कर दी गई है. इस लिस्ट में सबसे ज्यादा फर्जी यूनिवर्सिटीज देश की राजधानी दिल्ली में हैं. इसके बाद उत्तर प्रदेश में हैं.
UGC की ओर से फर्जी विश्वविद्यालयों के बारे में जारी नोटिस में कहा गया है कि छात्रों और जनसाधारण को सूचित किया जाता है कि देश के विभिन्न भागों में 21 सेल्फ स्टाइल्ड, गैर मान्यता प्राप्त संस्थान कार्यरत हैं. जो विश्वविद्यालय अनुदान आयोग अधिनियम 1956 का उल्लंघन कर रहे हैं. लिस्ट के मुताबिक दिल्ली में आठ, उत्तर प्रदेश में चार, वेस्ट बंगाल और ओडिशा में 2-2 जबकि कर्नाटक, केरल, महाराष्ट्र, पुडुचेरी और आंध्र प्रदेश में एक-एक फर्जी विश्वविद्यालय हैं.
दिल्ली में फर्जी यूनिवर्सिटीज की लिस्ट
1-आल इंडिया इंस्टीट्यूट आफ पब्लिक फिजिकल हेल्थ साइंस यूनिवर्सिटी
2-कमर्शियल यूनिवर्सिटी लिमिटेड
3-यूनाइटेड नेशन्स यूनिवर्सिटी
4- वॉकेशनल यूनिवर्सिटी
5- एडीआर सेन्ट्रिक ज्यूरिडिकल यूनिवर्सिटी
6-इंडियन इंस्टीट्यूट आफ साइंस एंड इंजीनियरिंग
7- विश्वकर्मा ओपन यूनिवर्सिटी फार सेल्फ एम्प्लायमेंट इंडिया
8-आध्यात्मिक विश्वविद्यालय
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@ugc_india’s Public Notice regarding Fake Universities .
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यूपी में फर्जी यूनिवर्सिटीज की लिस्ट (UP Fake Universities List)
1- गांधी हिन्दी विद्यापीठ, प्रयागराज
2- नेशनल यूनिवर्सिटी आफ इलेक्ट्रो कम्प्लेक्स होम्योपैथी, कानपुर
3- नेताजी सुभाष चंद्र बोस यूनिवर्सिटी, अलीगढ़
4- भारतीय शिक्षा परिषद, फैजाबाद
क्या हैं UGC के नियम?
जारी नोटिस के मुताबिक, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग अधिनियम 1956 के अनुच्छेद 22 (1) के अनुसार, ऐसी यूनिवर्सिटी जो सेंट्रल एक्ट, प्रोविजनल एक्ट, स्टेट एक्ट के तहत स्थापित हों या धारा 3 के तहत एक डीम्ड टु बी यूनिवर्सिटी संस्थान का दर्जा रखते हों, वे ही स्टूडेंट्स को डिग्री प्रदान कर सकते हैं. इसके अलावा ऐसे संस्थान जिन्हें संसदीय अधिनियम के तहत डिग्री देने का विशेष अधिकार मिला हो, वे भी डिग्री दे सकते हैं. विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के अनुच्छेद 23 के अनुसार, उपरोक्त के अलावा अन्य किसी संस्थान द्वारा ‘विश्वविद्यालय’ शब्द का प्रयोग नहीं किया जा सकता.
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