माफिया मुख्तार पर मुहर: राजभर ने तय किया उनके गठबंधन से मऊ का टिकट पाएंगे मुख्तार अंसारी
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माफिया मुख्तार पर मुहर: राजभर ने तय किया उनके गठबंधन से मऊ का टिकट पाएंगे मुख्तार अंसारी

मीडिया से बातचीत करते हुए सुभासपा के अध्यक्ष राजभर ने बीते गुरुवार ही बताया कि तीन दिन पहले वह मुख्तार अंसारी मिलने बांदा जेल पहुंचे थे. राजभर ने खुलकर मुख्तार का समर्थन किया और कहा कि यूपी विधानसभा चुनाव में सपा और सुभासपा गठबंधन की तरफ से अंसारी को पूरा सपोर्ट दिया जाएगा...

माफिया मुख्तार पर मुहर: राजभर ने तय किया उनके गठबंधन से मऊ का टिकट पाएंगे मुख्तार अंसारी

लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव (UP Assembly Election 2022) आने में चंद ही महीने बचे हैं. इससे पहले समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party, SP) ने सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (SBSP) के साथ गठबंधन कर लिया है. यानी अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) और ओम प्रकाश राजभर (Om Prakash Rajbhar) ने हाथ मिला लिए हैं. इतना ही नहीं, इस बार के चुनाव में बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) के मऊ सीट (Mau Assembly Seat) से खड़े होने के आसार कम हो गए थे, लेकिन अब सुभासपा के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने उन्हें समर्थन देने की घोषणा की है.

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सपा-सुभासपा गठबंधन की ओर से समर्थन
मीडिया से बातचीत करते हुए सुभासपा के अध्यक्ष राजभर ने बीते गुरुवार ही बताया कि तीन दिन पहले वह मुख्तार अंसारी मिलने बांदा जेल पहुंचे थे. राजभर ने खुलकर मुख्तार का समर्थन किया और कहा कि यूपी विधानसभा चुनाव में सपा और सुभासपा गठबंधन की तरफ से अंसारी को पूरा सपोर्ट दिया जाएगा.

सुभासपा के बनेंगे उम्मीदवार या निर्दलीय लड़ेंगे चुनाव?
ओम प्रकाश राजभर का कहना है कि यह मुख्तार अंसारी का निर्णय होगा कि वह सुभासपा की तरफ से चुनाव लड़ेंगे या फिर निर्दलीय खड़े होंगे.

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क्या अखिलेश करेंगे मुख्तार का समर्थन?
इस सवाल के जवाब पर राजभर ने कहा कि अगर अखिलेश सरकार बनाना चाहते हैं तो उन्हें समर्थन देने में कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए. राजभर का कहना है कि अगर अखिलेश मायावती के साथ हाथ मिला सकते हैं तो मुख्तार अंसारी को समर्थन देने में क्या दिक्कत?

मुख्तार अंसारी को लेकर अखिलेश का रुख और अब सुभासपा का समर्थन
गौरतलब है कि इससे पहले अखिलेश यादव का मुख्तार अंसारी को लेकर अलग सोच रखते थे. साल 2016 में उन्होंने मुख्तार और अंसारी परिवार के किसी भी व्यक्ति को सपा में शामिल न करने का एलान किया था. इसी को लेकर अखिलेश यादव और चाचा शिवपाल यादव में लड़ाई भी हो गई थी. लेकिन, अब सपा के साथ गठबंधन करने वाली पार्टी सुभासपा मुख्तार अंसारी का समर्थन कर रही है. ऐसे में सुभासपा का यह निर्णय अहम माना जा सकता है.

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