क्या होते हैं हलाल प्रोडक्ट? हलाल सर्टिफिकेशन को लेकर क्यों मचा हंगामा
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क्या होते हैं हलाल प्रोडक्ट? हलाल सर्टिफिकेशन को लेकर क्यों मचा हंगामा

 Halal Controversy: इन दिनों उत्तर प्रदेश में हलाल प्रॉडक्ट का मुद्दा काफी गरमाया है. दरअसल योगी सरकार हलाल उत्पादों पर प्रतिबंध लगा दिया है. इसके लिए कड़े नियम बनाए जा रहे हैं. आइए जानते हैं क्या हैं हलाल प्रॉडक्ट और क्यों इसे लेकर विवाद है.

क्या होते हैं हलाल प्रोडक्ट? हलाल सर्टिफिकेशन को लेकर क्यों मचा हंगामा

UP News: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने प्रदेश में हलाल प्रोडक्ट पर प्रतिबंध लगा दिया है. राज्य सरकार हलाल सर्टिफिकेशन को लेकर कड़े नियम बनाने की तैयारी में है. दो दिन पहले हलाल सर्टिफिकेशन देकर उत्पाद बेचने वाली कंपनियों पर हजरतगंज थाने में FIR दर्ज की गई. इसके बाद यह मुद्दा गरमाता जा रहा है.

 क्या होता है हलाल और इसका सर्टिफिकेशन?

वह उत्पाद जो इस्लामी कानून की जरुरत को पूरा करते हैं और मुस्लिमों के इस्तेमाल करने के लिए उपयुक्त हैं. उन्हें हलाल-सर्टिफाइड उत्पाद कहते हैं. हलाल एक अरबी शब्द है जिसका मतलब होता है इजाजत. 

गौरतलब है कि हलाल सर्टिफिकेशन पहली बार 1974 में वध किए गए मांस के लिए शुरू किया गया था. जबकि इससे पहले हलाल सार्टिफिकेशन का कोई रिकॉर्ड नहीं मिलता है. हलाल मांस का मतलब वह मांस है, जिसे इस्लामी प्रक्रिया की मदद से हासिल किया जाता है. इस प्रक्रिया में जानवर को गले की अन्नप्रणाली (Throat Oesophagus) और गले की नसें काट कर मारा जाता है. हालांकि, 1993 में हलाल प्रमाणीकरण सिर्फ मांस तक सीमित नहीं रहा, बल्कि इसे अन्य प्रॉडक्ट पर लागू किया गया.

क्या है हलाल सर्टिफिकेशन
मुस्लिम मजहब के मुताबिक हलाल का मतलब जायज होता है. खाद्य व सौंदर्य उत्पाद पर हलाल के प्रमाण पत्र का मतलब ये है कि ये उत्पाद जायज है. इसमें मुस्लिम लोगो के लिए जो हराम चीजे हैं वो इसमें नहीं है. जानकार बताते हैं कि मुस्लिम देशों में निर्यात करने के लिए ये हलाल प्रमाण पत्र जरूरी होता है. 

क्यों गरमाया मुद्दा
दरअसल, हलाल उत्पादों पर प्रतिबंध की मांग करने वालों का कहना है कि मजहब की आड़ लेकर एक समुदाय विशेष में अनर्गल प्रचार-प्रसार हो रहा है. ऐसा कहा जाता है उत्पाद का प्रयोग न करें जिसे इनकी कम्पनी द्वारा हलाल प्रमाणपत्र न दिया गया हो. परिणाम स्वरुप दूसरे समुदाय विशेष के कारोबारी हितों पर नुकसान पहुंचती है इस तरह आम नागरिकों के लिये इस्तेमाल होने वाली वस्तुओं पर भी हलाल प्रमाण पत्र जारी कर अनुचित आर्थिक लाभ कमाने की कोशिश हो रही है. आरोप है कि कुछ कम्पनियों द्वारा अपने कारोबारी हितों के लिए बल्कि समाज में वर्ग भ्रम फैलाकर देश को कमजोर करने के लिए काम किया जा रहा है. भारत में किसी भी सक्षम प्राधिकरण द्वारा हलाल सर्टिफिकेशन जारी नहीं किया जाता है.

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