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Cashless Treatment to Government Employees: योगी आदित्यनाथ की राज्य सरकार ने सरकारी कर्मचारियों को एक बहुत ही बड़ा तोहफा देने का फैसला किया है. सैलेरीड क्लास और पेंशनर्स दोनों ही वर्गों के लिए सरकार कैशलेस इलाज की योजना लेकर आई है. जानकारी के मुताबिक, यह सुविधा अप्रैल के अंत तक शुरू हो सकती है. सीएम योगी ने इसको लेकर चुनाव से पहले ही घोषणा कर दी थी.
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सरकारी अस्पतालों में कोई लिमिट नहीं
बताया जा रहा है कि हेल्थ कार्ड के जरिए सरकारी कर्मचारियों और पूर्व कर्मचारियों को निजी और सरकारी अस्पतालों में इलाज दिया जाएगा. सरकारी अस्पतालों में खर्च की जाने वाली राशि की कोई लिमिट नहीं होगी. वहीं, प्राइवेट में 5 लाख तक की लिमिट होगी. सरकार के इस फैसले से राज्य के 20 लाख कर्मचारी लाभान्वित होंगे.
निजी अस्पतालों में भी मिलेगा कैशलेस इलाज
दरअसल, सरकारी अस्पताल दूर होने की वजह से कर्मचारियों को प्राइवेट हॉस्पिटल में ही इलाज करवाना पड़ता था. लेकिन, सरकार द्वारा दी जाने वाली सुविधा प्राइवेट अस्पतालों में उपलब्ध नहीं थी. ऐसे में सरकार ने अब इसे निजी हॉस्पिटल में भी लागू कर दिया है. अब इस योजना के लागू होने के बाद सरकार की तरफ से निजी अस्पतालों में भी इलाज कराया जा सकेगा.
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88 लाख लोगों को मिलेगा फायदा
जानकारी के मुताबिक, 20 लाख कर्मचारियों के परिवार को मिलाकर 88 लाख लोग हैं, जिन्हें सरकार की इस योजना का फायदा मिलने वाला है.
कैशलेस इलाज में मिलेगी क्या सुविधा
बताया जा रहा है कि अभी तक राज्य के कर्मचारियों के लिए कैशलेस इलाज की सुविधा मौजूद नहीं थी. इसके लिए कर्मचारियों के संगठन कई दिन से मांग कर रहे थे. कैशलेस इलाज की सुविधा न होने की वजह से मरीजों या उनके तीमारदारों को बिलों के भुगतान के लिए विभाग, अस्पताल या सीएमओ के चक्कर काटने पड़ते हैं और देखा जाता है कि बिलों की कटौती को लेकर विवाद भी खूब होते हैं. अब सरकार की इस नई योजना के चलते ऐसा नहीं होगा.
सभी के बनेंगे हेल्थ कार्ड
बता दें, राज्य कर्मचारियों और पेंशनर्स के साथ उनके परिजनों के भी हेल्थ कार्ड बनाए जाएंगे. प्राइवेट मेडिकल क्लेम की कंपनियां इस तरह की सुविधाएं दिया करती हैं. इसमें इलाज के दौरान पूरा खर्च नहीं देना होता. अब इसी तर्ज पर सरकारी भी इंप्लॉई और पेंशनर्स तथा उनके परिजनों का हेल्थ कार्ड बनाएगी. यह योजना अप्रैल एंड तक लागू की जा सकती है.
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