उन्होंने कहा कि अब बैंकों के काम के लिए शहर नहीं जाना पड़ेगा बल्कि अब शहर से बैंक वालों को गांव आना होगा. सचिवालय बनने से अब लोग गांव में ही अपने सारे काम करवा सकते हैं.
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लखनऊ: चुनावी माहौल में उत्तर प्रदेश (UP government) की योगी सरकार ने गांवों में रहने वाले लोगों को बड़ा उपहार दिया है. सीएम योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने बुधवार को उत्कर्ष समारोह में प्रदेश की सभी 58,189 ग्राम पंचायत भवनों और ग्राम सचिवालय का लोकार्पण किया. इस सचिवालय से गांव के लोगों को लाभ मिलेगा. ग्रामीणों को अपने आय, निवास प्रमाण पत्र और जाति प्रमाण पत्र आदि कामों के लिए शहर के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे. ग्राम पंचायत सम्मेलन में सीएम योगी ने कहा कि ग्राम पंचायतों में सुधार हुआ है. पीएम मोदी के नेतृव में यूपी आगे बढ़ रहा है.
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जानें किसका कितना बढ़ा मानदेय
योगी सरकार ने इस सचिवालय के साथ ही ग्राम प्रधानों के सैलरी और वित्तीय बढ़ाने का भी बड़ा तोहफा दिया है. बात करें सदस्य ग्राम पंचायत की, तो अब तक इन लोगों को कोई भी मानदेय नहीं मिलता था, लेकिन अब से उन्हें प्रति बैठक 100 रुपये दिए जाएंगे और ये बैठक साल में कम से कम 12 बार आयोजित होगी. इसके साथ ही क्षेत्र पंचायत सदस्य को पहले प्रति बैठक 500 रुपये दिए जाते थे, जो अब बढ़ाकर 1000 रुपये प्रति बैठक कर दी गई है. यह बैठक साल में अधिकतम 6 बार आयोजित की जाएंगी.
इसके अलावा जिला पंचायत सदस्य को पहले प्रति बैठक 1000 रुपये दिए जाते थे, जो अब बढ़ा कर 1500 रुपये कर दिए गए हैं. यह बैठक भी साल में अधिकतम 6 बार आयोजित की जाएंगी. इसके अलावा अध्यक्ष जिला पंचायत, ग्राम प्रधान, और प्रमुख क्षेत्र पंचायत इन तीनों के भी मानदेय में बढ़ोतरी की गई है. ग्राम प्रधान की (Gram Pradhan Salary) सैलरी 3500 से बढ़ाकर 5000 रुपये प्रति माह की जा रही है. प्रमुख क्षेत्र पंचायत को अब से 9800 रुपये के बजाए 11,300 रुपये प्रति महीने दिए जाएंगे. वहीं जिला पंचायत अध्यक्ष को 14 हजार की जगह 15,500 रुपये हर महीने मिलेंगे.
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पंचायत भवनों का हुआ लोकार्पण
बता दें, यूपी के गांवों में पंचायत भवन और ग्राम पंचायत सचिवालयों का निर्माण पूरा हो गया है. साथ ही 55,765 गांवों में पंचायत अकाउंटेंट कम इंट्री आपरेटर और सहायक को नियुक्ति लेटर दिया जा चुका है. सीएम योगी ने बुधवार को लखनऊ में वृंदावन कालोनी के डिफेंस एक्सपो मैदान पर गांवों में बने पंचायत भवनों का लोकार्पण और सचिवालयों का शुभारंभ किया. इसके साथ ही सफाई और विकास के कार्यों में श्रेष्ठ लोगों को सीएम पुरस्कृत भी किया. इस कार्यक्रम में गांवों के प्रधान, सहायक विकास अधिकारी पंचायत, नियुक्ति पाने वाले पंचायत सहायक और ग्राम पंचायत सचिवों को बुलाया गया.
गांव वालों को मिलेगी सहूलियत
यूपी सरकार ने पहली बार गांवों में पंचायत सहायकों की तैनाती की है. जिसके लिए ग्राम सचिवालय तैयार कराया गया है. बता दें कि मुख्यमंत्री ने सभी प्रधानों, ब्लॉक प्रमुख और जिला पंचायत अध्यक्षों को व्यक्तिगत रूप से लेटर लिखकर विकास कार्य कराने के लिए प्रोत्साहित किया था. सचिवालय के बन जाने से गांव वासियों को सहूलियत मिलेगी. उन्हें छोटे-बड़े कामों के लिए शहर में आकर परेशान नहीं होना पड़ेगा.
ऐसे में अब पंचायती राज विभाग उत्तर प्रदेश ग्राम उत्कर्ष समारोह (ग्राम पंचायत सम्मेलन) करा रहा है, ताकि गांवों में विकास कार्य तेजी से हो सके. बता दें, इस समारोह में जनप्रतिनिधियों में सिर्फ ग्राम प्रधानों को बुलाया गया. उन्होंने कहा कि अब बैंकों के काम के लिए शहर नहीं जाना पड़ेगा बल्कि अब शहर से बैंक वालों को गांव आना होगा. सचिवालय बनने से अब लोग गांव में ही अपने सारे काम करवा सकते हैं. सीएम ने कहा कि अगर यूपी के गांव का विकास हो गया तो, समझ लीजिए कि यूपी नंबर-1 बन जाएगा. सीएम ने आगे कहा कि भौगोलिक रूप से सीमावर्ती और परस्पर सटी हुई ग्राम पंचायतों में सचिवों की तैनाती की जायेगी, इसके लिए पूरे प्रदेश में लगभग 15 हजार क्लस्टर बनाएं गए है.
बिहार वाले रह गए यूपी से पीछे
यूपी के इन जनप्रतिनिधियों के सैलरी इजाफे के बाद इनकी तनख्वाह अपने पड़ोसी राज्य बिहार के जनप्रतिनिधियों की तुलना में ज्यादा हो गई है. कुछ पदों की सैलरी में तीन चार हजार का अंतर आ गया है. आप भी जानना चाहते हैं कि बिहार में किस प्रतिनिधि को कितनी सैलरी मिलती है और यूपी में उसकी तुलना में कितनी ज्यादा है, तो बिहार के पंचायत जनप्रतिनिधियों की सैलरी पर गौर करें.
जिला परिषद अध्यक्ष: 12 हजार रुपए
जिला परिषद उपाध्यक्ष: 10 हजार रुपए
पंचायत समिति प्रमुख: 10 हजार रुपए
पंचायत समिति उप-प्रमुख: 5 हजार रुपए
मुखिया: 2500 रुपए
उप मुखिया: 1200 रुपए
सरपंच: 2500 रुपए
उप सरपंच: 1200 रुपए
जिला परिषद सदस्य: 2500 रुपए
पंचायत समिति सदस्य: एक हजार
वार्ड सदस्य: 500 रुपए
पंच: 500 रुपए
न्यायमित्र: सात हजार रुपए
ग्राम पंचायत सचिव: छह हजार रुपए
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