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उत्तराखंड: डीजल और पेट्रोल की बढ़ती हुई कीमतों ने उत्तराखंड में अपनी साख के लिए संघर्ष कर रही कांग्रेस पार्टी में नई जान फूंक दी है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने इसी मुद्दे को भुनाने के लिए सोमवार को बैलगाड़ी की सवारी की. लेकिन ये सवारी उन्हें महंगी पड़ गई. पूर्व CM हरीश रावत समेत 20 अन्य कांग्रेसी नेताओं के खिलाफ बिना अनुमति के प्रदर्शन करने पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है.
COVID-19 नियमों का पालन न करने पर केस
पूर्व सीएम हरीश रावत समेत 20 अन्य कांग्रेसी नेताओं के खिलाफ आपदा प्रबंधन अधिनियम धारा 51 और आईपीसी सेक्शन 188 के तहत मामला दर्ज किया गया है. पुलिस ने कोविड-19 के नियमों का पालन नहीं करने और सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल नहीं रखने के मामले में केस दर्ज किया है. हरीश रावत और उनके साथियों के खिलाफ मुकदमा थाना रायपुर में दर्ज हुआ है.
हरीश रावत ने कार्रवाई पर किया ऐसा Tweet
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत ने अपने ऊपर हुई कार्रवाई को सियासी रंग देते हुए अपने ट्विटर हैंडल से क्रांतिकारियों की पसंदीदा लाइनें tweet कीं. उन्होंने अपना एक वीडियो अटैच करते हुए लिखा है-
"#सरफरोशी की तमन्ना, अब हमारे दिल में है।
देखना है, जोर कितना बाजुए कातिल में है"।
"#सरफरोशी की तमन्ना, अब हमारे दिल में है।
देखना है, जोर कितना बाजुए कातिल में है"।https://t.co/bumZitcSI8@INCIndia @RahulGandhi @INCUttarakhand pic.twitter.com/faIUUz1g9b— Harish Rawat (@harishrawatcmuk) June 29, 2020
वीडियो में हरीश रावत बता रहे हैं कि वे सोमवार को शिव मंदिर के जाने के लिए बैलगाड़ी में निकले थे. सामाजिक व्यक्ति होने के नाते उनके साथ और लोग भी आ गए. कोविड गाइडलाइंस के पालन के बावजूद उन्होंने पुलिस और सरकार पर अपने खिलाफ केस दर्ज करने का आरोप लगाया.
कांग्रेस नेता हरीश रावत 28 जून तक होम क्वारंटीन में थे. परिवार के साथ क्वारंटीन पीरियड खत्म होने के बाद वे सोमवार को बैलगाड़ी से शिव दर्शन के लिए निकले. इस दौरान उन्होंने देश में बढ़ रहीं पेट्रोल और डीजल की कीमतों को लेकर विरोध भी दर्ज किया था.
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