Uttarakhand Char Dham: आज से शुरू हुईं पंच पूजाएं, 20 नवंबर को बंद हो जाएंगे बद्रीनाथ धाम के कपाट
Advertisement

Uttarakhand Char Dham: आज से शुरू हुईं पंच पूजाएं, 20 नवंबर को बंद हो जाएंगे बद्रीनाथ धाम के कपाट

Uttarakhand Char Dham:  कपाट बंद होने के 5 दिन पहले ये प्रक्रिया शुरू हो जाती हैं. कपाट बंद की पंच पुजाएं आज भगवान गणेश जी अपने स्थान से बद्रीश पंचायत में चले जाएंगे. इसके साथ ही गणेश जी का मूल स्थान के कपाट आज शाम बन्द हो जाएंगे. 

Uttarakhand Char Dham: आज से शुरू हुईं पंच पूजाएं, 20 नवंबर को बंद हो जाएंगे बद्रीनाथ धाम के कपाट

पुष्कर चौधरी/चमोली: उत्तराखंड के चारधामों (Char Dham) में से एक बद्रीनाथ धाम (Badrinath) के कपाट शीतकाल के लिए 20 नवंबर को बंद कर दिए जाएंगे. इसके बाद बदरी विशाल के दर्शन शीतकाल में पांडुकेश्वर में होंगे. पंच पूजाओं के साथ बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने की प्रक्रिया आज मंगलवार से शुरू हो गई है. भगवान बदरी विशाल के अभिषेक के  बाद मंदिर परिसर में स्थित गणेश मंदिर को शीतकाल के छह महीने के लिए बंद आज कर दिया जाएगा. 

पांच दिन पहले शुरू हो जाती है प्रक्रिया
कपाट बंद होने के 5 दिन पहले ये प्रक्रिया शुरू हो जाती हैं. कपाट बंद की पंच पुजाएं आज भगवान गणेश जी अपने स्थान से बद्रीश पंचायत में चले जाएंगे. इसके साथ ही गणेश जी का मूल स्थान के कपाट आज शाम बन्द हो जाएंगे. मुख्य सिंह द्वार से गणेश जी को आज शाम बद्रीश पंचायत में विराजमान कर दिया जाएगा. गणेश जी को भगवान नारद जी के पास सौंप दिया जाएगा. आज शाम से भगवान गणेश जी की पूजा बद्रीनाथ में बंद हो जाएंगी. आज शाम ठीक 7 बजे गणेश जी का कपाट बंद हो जाएंगे.

17 नवम्बर को आदिकेदार के कपाट बंद किए जाएंगे और 18 नवंबर को खड़क पुस्तक वेदपाठ बद्रीनाथ में गूंजने वाली वेद ऋचाएं बंद हो जाएंगी. इसके बाद 19 नवंबर को मुख्य पुजारी रावल की स्त्री रूप रख मां लक्ष्मी को न्योता देने जाएंगे और 20 नवंबर को मां लक्ष्मी को स्त्री रूप रख रावल जी बद्रीश पंचायत में विराजमान करेंगे. और उसके साथ ही भगवान बद्रीविशाल के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाएंगे.

IGAS 2021: पहाड़ों पर मची इगास की धूम, जानें क्यों मनाई जाती है 'बूढ़ी दिवाली'?

6 नवंबर को बंद हुए थे केदारनाथ धाम के कपाट
इससे पहले केदारनाथ धाम के कपाट 6 नवंबर को बंद हुए थे. 8 नवंबर को पंचकेदार शीतकालीन गद्दीस्थल श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ में स्थापित होते ही भगवान केदारनाथ की शीतकालीन पूजाएं शुरू हो गई हैं. 

छह महीने तक होती है शीतकालीन पूजा
केदारनाथ धाम समेत गंगोत्री-यमुनोत्री के कपाट शीतकाल के लिए बंद हो गए हैं. द्वितीय केदार श्री मद्महेश्वर के कपाट 22 नवंबर को शीतकाल के लिए बंद होंगे, 25 नवंबर को मेला आयोजित होगा. बता दें कि उत्तराखंड चार धाम बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री में कपाट बंद होने के बाद शीतकालीन गद्दी स्थलों में छह माह शीतकालीन पूजाएं होती हैं.

UK Assembly Elections 2022: यूपी की तर्ज पर उत्तराखंड में भी उठी महिलाओं की 40 फीसदी टिकट देने की मांग

WATCH LIVE TV

 

Trending news