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देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इगास पर्व के उपलक्ष्य में आज यानी 15 नवंबर को प्रदेश में राजकीय अवकाश की घोषणा की है. बता दें कि ये पर्व दिवाली के 11 दिन बाद मनाया जााता है. इगास पर्व को पूरे उत्तराखण्ड में बड़ी धूमधाम के साथ मनाया जाता है. राजधानी के रायपुर क्षेत्र में पर्व के मौके पर बड़ी धूम देखने को मिली. पहाड़ के पारंपरिक गीत संगीत ने लोगों को झूमने पर मजबूर कर दिया. इस दौरान राज्यपाल गुरमीत सिंह भी पूरे जोश में नजर आए.
इगास पर्व का महत्व
उत्तराखण्ड में मान्यता है कि भगवान राम के अयोध्या पहुंचने का समाचार पहाड़ी क्षेत्र में 11 दिन बाद पहुंचा था इसलिए वहां दीपावाली के 11 दिन बाद दिवाली मनाई जाती है. पहाड़ में इस त्योहार को इगास पर्व के नाम से जाना जाता है. इस दिन घरों में मिठाइयां बनती हैं. वहीं, शाम को देवी-देवताओं की पूजा-पाठ की जाती है. इस पर्व को बूढ़ी दिवाली के नाम से भी जाना जाता है.
15 को भी मना सकते हैं इगास
इगास पर्व 14 और 15 नवंबर दोनों दिन मनाया जा सकता है. 14 नवंबर की सुबह 6 बजकर 40 मिनट से लेकर 15 नवंबर को दोपहर 12 बजकर 47 तक शुभ मुहूर्त है. राज्य सरकार ने इगास पर्व पर 14 नवंबर को राजकीय अवकाश घोषित किया था, मगर उस दिन रविवार होने की वजह से सरकार ने 15 नवंबर को अवकाश का ऐलान किया.
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इस दिन होगा राजकीय अवकाश
उत्तराखंड की लोक संस्कृति की छटा बिखेरते इस पर्व पर मुख्यमंत्री ने 15 नवंबर को राजकीय अवकाश की घोषणा की थी. बता दें कि विपक्षी पार्टी ने इगास पर राजकीय अवकाश घोषित करने की मांग की थी. पहली बार ऐसा हुआ है जब राज्य सरकार ने राजकीय अवकाश घोषित किया है. सीएम धामी ने कल इगास पर्व पर आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि कई लोगों ने उन्हें अवकाश घोषित करने के लिए मना किया लेकिन मैं अपने लोक पर्वों के साथ खड़ा रहा.
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