वाराणसी: करीब 20 सालों से नागरिकता के लिए संघर्ष कर रहीं थीं दो बहनें, पीएम मोदी का किया शुक्रिया
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वाराणसी: करीब 20 सालों से नागरिकता के लिए संघर्ष कर रहीं थीं दो बहनें, पीएम मोदी का किया शुक्रिया

 काशी की दो बेटियों के लिए इस साल खुशियों भरा रहा. करीब 20 सालों से अपनी नागरिकता के लिये संघर्ष कर रही दो बहनों निदा और माहरुख ने पीएम मोदी और वाराणसी में स्थित पीएमओ ऑफिस के कर्मियों का शुक्रिया किया.

995 में मां-बाप के साथ भारत आई दोनो बहनों को 24 साल बाद भारत की नागरिकता मिली.

वाराणसी: काशी की दो बेटियों के लिए इस साल खुशियों भरा रहा. करीब 20 सालों से अपनी नागरिकता के लिये संघर्ष कर रही दो बहनों निदा और माहरुख ने पीएम मोदी और वाराणसी में स्थित पीएमओ ऑफिस के कर्मियों का शुक्रिया किया. काशी की दो बहनें कह रही हैं. निदा और माहरुख का जन्म पाकिस्तान में हुआ था. पिता भारत और मां पाकिस्तान की है. 

1995 में मां-बाप के साथ भारत आई दोनो बहनों को 24 साल बाद भारत की नागरिकता मिली. ये सब हुआ 2014 में नरेन्द्र मोदी के पीएम बनने के बाद. निदा का कहना है कि नागरिकता में पाकिस्तानी लिखना काफी तकलीफदेह लगता था और अब उन्हें जल्द ही पासपोर्ट भी मिल जाएगा. दोनों बहने पढ़ाई कर टीचर बनना चाहती है. माहरुख ने कहा कि पढ़ाई करने में उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा.

 

नरेंद्र मोदी के पीएम बनने के बाद नागरिकता के कागज में आई तेजी निदा ने कहा कि वे और उनकी बहन काफी छोटी थी. जब उनके पिता और मां उन्हें भारत लेकर आए. मां की नागरिकता तो बन गई लेकिन उन दोनों की नागरिकता को लेकर सवाल खड़े होते रहे. 2004 से दोनों बहनें निदा और माहरुख अपनी नागरिकता के लिए लड़ रही थीं लेकिन जब 2014 मैं नरेंद्र मोदी पीएम बने तो उसके बाद उनकी नागरिकता बनाने में तेजी आई. निदा और माहरुख ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि अब वह कागज में भारतीय हैं, वे दिल से बचपन से भारतीय थी. दोनों बहने अब पाकिस्तान में अपनी ननिहाल में जाना चाहती हैं. 

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