AIIMS और IIT द्वारा विकसित वेंटिलेटर 'प्राणवायु' परीक्षण में सफल, कीमत सिर्फ 25 हजार
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AIIMS और IIT द्वारा विकसित वेंटिलेटर 'प्राणवायु' परीक्षण में सफल, कीमत सिर्फ 25 हजार

'प्राणवायु' वेंटिलेटर को विकसित करने वाली टीम के सदस्य व एम्स ऋषिकेश के एनेस्थिसिया विभाग के प्रो. देवेंद्र त्रिपाठी ने बताया कि इस सिस्टम का कई बीमारियों में चिकित्सकीय परीक्षण किया गया है. 

ऋषिकेश एम्स और आईआईटी रुड़की द्वारा विकसित 'प्राणवायु' वेंटिलेटर.

देहरादून: ऋषिकेश एम्स और आईआईटी रुड़की के संयुक्त प्रयासों से तैयार कम लागत वाले स्पेशल पोर्टेबल वेंटिलेटर सिस्टम का मेडिकल परीक्षण सफल रहा है. कोविड-19 के साथ-साथ अन्य बीमारियों से ग्रसित मरीजों पर इस पोर्टेबल वेटिंलेटर के परीक्षण के बाद ऋषिकेश एम्स के डॉक्टरों ने इसे मेडिकल तकनीक के आधार पर सफल बताया है.

अब इस पोर्टेबल वेंटिलेटर का इस्तेमाल देशभर के सभी मेडिकल संस्थानों में किया जा सकेगा. एम्स ऋषिकेश और आईआईटी रुड़की द्वारा संयुक्त रूप से विकसित एवं अत्याधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित इस पोर्टेबल वेंटिलेटर को 'प्राणवायु' नाम दिया गया है. इसकी अनुमानित निर्माण लागत 25 हजार रुपए के आसपास बताई गई है.

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मेडिकल व तकनीकी रूप से सफल है 'प्राणवायु'
ऋषिकेश एम्स की विश्वस्तरीय एडवांस सिमुलेशन लैब में विशेषज्ञों की निगरानी में किए गए परीक्षण के बाद मेडिकल एवं तकनीकी की दृष्टि से इस पोर्टेबल वेंटिलेटर सिस्टम को सफल करार दिया गया है. इस पोर्टेबल वें​टिलेटर को बनाने वाली टीम में आईआईटी रुड़की के प्रो. अक्षय द्विवेदी व प्रो. अरूप दास के साथ ही एम्स ऋषिकेश के एनेस्थिसिया विभाग के प्रो. देवेंद्र त्रिपाठी शामिल थे.

ऋषिकेश एम्स के निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत ने कहा कि यह वेंटिलेटर ऐसे आपातकाल के समय विकसित किया गया है, जब कोविड-19 जैसी वैश्विक महामारी का दौर चल रहा है. कोरोना मरीजों की बढ़ती संख्या के सापेक्ष उनके उपचार के लिए देश में वेंटिलेटर सिस्टम पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध नहीं हैं. ऐसे में एम्स ऋषिकेश व आईआईटी रुड़की की यह संयुक्त उपलब्धि रोगियों का जीवन बचाने के लिए वरदान साबित होगी.

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आखिरी परीक्षण में सफल रहा 'प्राणवायु'
प्रोफेसर रवि कांत ने बताया कि आईआईटी रुड़की की लैब में तकनीकि के लिहाज से 'प्राणवायु' वेंटिलेटर सिस्टम को कई चरणों में परखा जा चुका है, लिहाजा गंभीर बीमारियों से ग्रसित लोगों में किए गए चिकित्सीय परीक्षण में यह सिस्टम फिट पाया गया है. इसके अलावा विश्व स्तरीय तकनीक की एडवांस एचपीएस-3 सिमुलेशन लैब से सुसज्जित एम्स ऋषिकेश में भी इस वेंटिलेटर सिस्टम का परीक्षण सफल रहा है.

'प्राणवायु' वेंटिलेटर को विकसित करने वाली टीम के सदस्य व एम्स ऋषिकेश के एनेस्थिसिया विभाग के प्रो. देवेंद्र त्रिपाठी ने बताया कि इस सिस्टम का कई बीमारियों में चिकित्सकीय परीक्षण किया गया है. उन्होंने इस वेंटिलेटर को कोविड एआरडीएस के उपचार में भी अति लाभकारी बताया. उन्होंने बताया कि इसके अलावा इस सिस्टम को अस्थमा, श्वास और पैरालाॅयसिस के रोगियों के लिए भी जीवन रक्षक प्रणाली के तौर पर उपयोग में लाया जा सकता है.

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जानिए 'प्राणवायु वेंटिलेटर' की खासियत
कोविड एआरडीएस के उपचार की दृष्टि से अत्यधिक लाभकारी इस वेंटिलेटर को निहायत कम लागत में तैयार किया जा सकता है. अत्याधुनिक तकनीक और सुविधाओं से सुसज्जित 'प्राणवायु' वेंटिलेटर सिस्टम स्वचालित प्रक्रिया से सांस लेने और छोड़ने की प्रक्रिया को नियं​त्रित करता है. आईसीयू में भर्ती मरीजों के लिए यह वेंटिलेटर जीवन रक्षक के तौर पर मददगार साबित होगा. इसे तैयार करने वाली टीम ने इसकी शुरुआती कीमत करीब 25 से 30 हजार आंकी है, जबकि बाजार में उपलब्ध अन्य वेंटिलेटर की कीमत करीब 8 से 10 लाख रुपए है.

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