क्या है पेरिस एग्रीमेंट जिसका जिक्र पीएम मोदी ने विश्व भारती यूनिवर्सिटी के शताब्दी समारोह में किया?
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क्या है पेरिस एग्रीमेंट जिसका जिक्र पीएम मोदी ने विश्व भारती यूनिवर्सिटी के शताब्दी समारोह में किया?

पीएम (PM Modi) ने कहा कि आज भारत विश्व में इकलौता ऐसा देश है जो पेरिस एग्रीमेंट (Paris Climate Agreement) को पूरा कर रहा है. बता दें कि पेरिस एग्रीमेट जलवायु परिवर्तन से संबंधित है और जलवायु में हो रही नाकारात्मक प्रभावों को रोकने व निष्क्रिय करने के लिए हस्ताक्षर किया गया एक समझौता है. 

क्या है पेरिस एग्रीमेंट जिसका जिक्र पीएम मोदी ने विश्व भारती यूनिवर्सिटी के शताब्दी समारोह में किया?

ददन विश्वकर्मा/नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने गुरुवार को विश्व भारती विश्वविद्यालय (Visva-Bharati University) के शताब्दी समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि विश्वभारती, मां भारती के लिए गुरुदेव के चिंतन, दर्शन और परिश्रम का एक साकार अवतार है. यहां पीएम ने अपने संबोधन में कहा कि मेरे लिए यह गर्व का विषय है कि मैं इस कार्यक्रम में शामिल हुआ हूं. ये 100 साल की यात्रा काफी विशेष रही है. उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि भारत के लिए गुरुदेव ने जो सपना देखा था, यह सस्थान उस सपने को उर्जा देने वाला है. इस दौरान उन्होंने पेरिस एग्रीमेंट  (Paris Climate Agreement) का भी जिक्र किया. 

पीएम (PM Modi) ने कहा कि आज भारत विश्व में इकलौता ऐसा देश है जो पेरिस एग्रीमेंट (Paris Climate Agreement) को पूरा कर रहा है. बता दें कि पेरिस एग्रीमेट जलवायु परिवर्तन से संबंधित है और जलवायु में हो रही नाकारात्मक प्रभावों को रोकने व निष्क्रिय करने के लिए हस्ताक्षर किया गया एक समझौता है. 

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आसान भाषा में समझिए पेरिस समझौते को
पेरिस समझौते का उद्देश्य ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन में कमी लाना है, जिससे सदी के अंत तक तापमान वृद्धि को पूर्व औद्योगिक स्तर के 1.5 से 2 डिग्री सेल्सियस तक सीमित किया जा सके. यह समझौता पांच साल के चक्र पर काम करता है. इसके लिए विकसित देश, अल्प विकसित और विकासशील देशों को वित्तीय मदद उपलब्ध कराते हैं. किसी देश की सरकार अकेले बूते इन उद्देश्यों को पूरा नहीं कर सकती है, इसलिए समझौते में विभिन्न संस्थानों की भूमिका अहम मानी गई है. हालांकि इसके लिए मानक स्थिति पर अभी तक कोई भी देश नहीं है.

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हमारा देश बेहतर हालत में
2016 में भारत ने पेरिस जलवायु समझौते पर हस्ताक्षर किए थे. हमारा लक्ष्य 2005 के स्तर की तुलना में 2030 तक उत्सर्जन को 33-35 फीसदी तक कम करना है. इसके साथ ही भारत का लक्ष्य 2030 तक अतिरिक्त वनों के माध्यम से 2.5-3 अरब टन कार्बन डाई ऑक्साइड के बराबर कार्बन में कमी लाने के लिए प्रयासरत है. जी-20 (G-20) देशों में भारत इकलौता देश है, जिसके प्रयास वैश्विक तापमान वृद्धि को 2 डिग्री तक सीमित रखने के अनुकूल हैं.

भारत ने कस रखी है कमर
जलवायु परिवर्तन को भारत एक चुनौती के रूप में देख रहा है. इसी लिहाज से इसे कम करने में कमर कस रखी है. भारतीय रेलवे ने जहां 2030 तक प्रदूषणमुक्त संचालन वाला दुनिया का पहला रेल नेटवर्क बनने का लक्ष्य तय किया है तो दूसरी ओर भारत अक्षय ऊर्जा की ओर बढ़ रहा है. भारत ने 2022 तक 175 गीगावाट सौर और पवन ऊर्जा का लक्ष्य रखा है.

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शिखर सम्मेलन 2020 में क्या कहा था पीएम मोदी ने?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जलवायु महत्वाकांक्षी शिखर सम्मेलन 2020 के दौरान कहा था कि भारत न केवल पेरिस समझौते के अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने की दिशा में है बल्कि वह अपेक्षाओं से अधिक उन्हें पार करने की राह में है. उन्होंने रेखांकित किया कि देश ने 2005 के स्तर पर अपनी उत्सर्जन तीव्रता को 21 प्रतिशत तक कम कर दिया है. शिखर सम्मेलन में दिए गए अपने डिजिटल संदेश में पीएम मोदी ने कहा कि पेरिस समझौते की पांचवीं वर्षगांठ पर आयोजित सम्मेलन जलवायु परिवर्तन के खिलाफ लड़ाई में सबसे महत्वाकांक्षी कदम है.

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