मुख्य धारा से जुड़ेंगे UP के ट्रांसजेंडर्स, योगी सरकार जल्द गठित करेगी किन्नर कल्याण बोर्ड
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मुख्य धारा से जुड़ेंगे UP के ट्रांसजेंडर्स, योगी सरकार जल्द गठित करेगी किन्नर कल्याण बोर्ड

वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार उतर प्रदेश में 1.35 लाख ट्रांसजेंडर्स हैं. किन्नर कल्याण बोर्ड का गठन कर इन्हें मुख्य धारा से जोड़ा जाएगा, जो समाज कल्याण मंत्रालय के अधीन होगा. इस बोर्ड के गठन के बाद किन्नर समुदाय को शिक्षा, रोजगार, आवास एवं स्वास्थ्य योजनाओं का विशेष लाभ दिया जा सकेगा. 

सांकेतिक तस्वीर.

लखनऊ: गुजरात, तमिलनाडु, महाराष्ट्र और झारखंड की तर्ज पर उत्तर प्रद में भी जल्द ही किन्नर कल्याण बोर्ड का गठन होने जा रहा है. समाज कल्याण विभाग ने इसके लिए प्रस्ताव शासन को भेज दिया है. संभव है कि जल्द इस पर कैबिनेट की मुहर भी लग जाए. समाज कल्याण विभाग की मानें तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ही उत्तर प्रदेश में ट्रांसजेंडर के कल्याण के लिए एक बोर्ड के गठन का निर्देश दिया था, जिसके बाद यह प्रस्ताव तैयार किया गया.

उत्तर प्रदेश में 1.35 लाख ट्रांसजेंडर्स हैं
वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार उतर प्रदेश में 1.35 लाख ट्रांसजेंडर्स हैं. किन्नर कल्याण बोर्ड का गठन कर इन्हें मुख्य धारा से जोड़ा जाएगा, जो समाज कल्याण मंत्रालय के अधीन होगा. इस बोर्ड के गठन के बाद किन्नर समुदाय को शिक्षा, रोजगार, आवास एवं स्वास्थ्य योजनाओं का विशेष लाभ दिया जा सकेगा.

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किन्नरों ने योगी आदित्यनाथ को दिया धन्यवाद
उत्तर प्रदेश के ट्रांसजेंडर्स का कहना है कि उनके कल्याण के बारे में पहली बार योगी सरकार ने सोचा है. इस फैसले के बाद अंधेरे में जिंदगी गुजारने वाली किन्नरों की जिंदगी में भी खुशियों का उजाला आएगा. किन्नर समुदाय को यूपी सरकार की किसी योजना का लाभ नहीं मिल पाता है. इस बोर्ड के गठन के बाद यह स्थिति बदलेगी. इस बोर्ड में किन्नरों का प्रतिनिधित्व करने के लिए सदस्य के तौर पर 5 ट्रांसजेंडर्स को भी रखा जाएगा.

जानिए कैसा होग किन्नर कल्याण बोर्ड का स्वरूप
समाज कल्याण मंत्री किन्नर बोर्ड के अध्यक्ष बनाने और अपर मुख्य सचिव स्तर का अधिकारी उपाध्यक्ष होंगे, जबकि बोर्ड के सचिव इसके निदेशक को बनाया जाएगा. इनके अलावा महिला कल्याण, वित्त विभाग, गृह विभाग, न्याय विभाग, बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग के प्रमुख सचिव या अपर मुख्य सचिव और लखनऊ पुलिस कमिश्नर को किन्नर बोर्ड का सदस्य बनाया जाएगा. प्रस्ताव में कहा गया है कि सबको समान रूप से प्रतिनिधित्व देने के लिए बुंदेलखंड, पश्चिमांचल, पूर्वांचल, अवध और रूहेलखंड के एक-एक किन्नरों को भी इस बोर्ड का सदस्य बनाया जाएगा. किन्नर कल्याण बोर्ड में दो एनजीओ के सदस्यों को भी शामिल होंगे.

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