इन कार्यालयों के संबंध में नियमानुसार निर्णय लेने के लिए मंडल और राज्य स्तरीय समितियों का गठन भी किया गया है. इन मंडलीय कार्यालयों का पायलेट प्रोजेक्ट के रूप में निर्माण किया जाएगा.
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लखनऊ: योगी सरकार द्वारा जनता की सुविधा और सरकारी विभागों में आपसी समन्वय बनाने के लिए गोरखपुर और वाराणसी में मंडल स्तर पर एकीकृत कार्यालय परिसर का निर्माण किया जाएगा. इन कार्यालयों के निर्माण के लिए संबंधित प्राधिकरणों को नोडल एजेंसी नामित की गई है. साथ ही, इन कार्यालयों के संबंध में नियमानुसार निर्णय लेने के लिए मंडल और राज्य स्तरीय समितियों का गठन भी किया गया है. इन मंडलीय कार्यालयों का पायलेट प्रोजेक्ट के रूप में निर्माण किया जाएगा.
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पत्र लिखकर निर्णयों के बारे में बताया गया
इस सम्बन्ध में प्रमुख सचिव आवास एवं शहरी नियोजन ने आयुक्त गोरखपुर व वाराणसी मंडल को पत्र लिखकर लिए गए निर्णयों के बारे में सूचना दी है. साथ ही, इसको तवज्जो देते हुए कार्रवाई करने के निर्देश भी दिए हैं. इन कार्यालयों के निर्माण के लिए जल्द ही DPR तैयार कर प्रोजेक्ट पर काम शुरू करने के निर्देश दिए गए हैं.
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कार्यालय अलग-अलग होने से तालमेल में आती है कमी
राज्य सरकार के बयान के मुताबिक, मंडलीय कार्यालय विभिन्न स्थान पर संचालित होने के कारण इनके मध्य समन्वय भी ठीक से नहीं हो पाता है. साथ ही मंडल स्तरीय कार्यालयों में आधुनिक सुविधाओं की कमी भी है. ज्यादातर कार्यालय किराए के भवन में चल रहे हैं या कार्यालय भवनों की स्थिति जर्जर हालत में हैं, जिससे कार्यालयी वातावरण भी प्रभावित होता है.
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गोरखपुर और वाराणसी प्राधिकरण नोडल एजेंसी के रूप में कार्य करेंगे
गोरखपुर और वाराणसी मण्डल में एकीकृत मण्डलीय कार्यालय भवन के निर्माण के लिए गोरखपुर विकास प्राधिकरण और वाराणसी विकास प्राधिकरण नोडल एजेंसी के रूप में काम करेंगे. नोडल एजेंसी के काम-काज के तहत मंडल स्तर पर पुराने भवन/परिसर और अन्य भूमि का पुनर्विकास किया जाएगा. इसके साथ ही पुराने भवनों के स्वामित्व की खाली जमीन पर नई परियोजनाओं का विकास कर राजस्व प्राप्त किया जाएगा.
मंडल स्तरीय समिति का हुआ गठन
प्रवक्ता ने बताया कि एकीकृत कार्यालय परिसर के निर्माण के लिए प्रस्तावित परियोजना के सम्बन्ध में मण्डलायुक्तों की अध्यक्षता में मण्डल स्तरीय समिति गठित की गई है. जिलाधिकारी (मण्डल मुख्यालय), मुख्य अभियन्ता लोक निर्माण विभाग, अपर निदेशक कोषागार एवं पेंशन, सहयुक्त नियोजक (सी0टी0सी0पी0 कार्यालय), उपमहानिरीक्षक निबन्धन, अध्यक्ष द्वारा नामित लैण्ड मोनेटाइजेशन एण्ड रीडेवलपमेंट के विशेषज्ञ समिति के सदस्य होंगे. उपाध्यक्ष विकास प्राधिकरण समिति के सदस्य एवं संयोजक होंगे.
समिति करेगी परियोजना का खाका तैयार
मण्डल स्तरीय समिति परियोजना कॉन्सेप्ट, एस्टीमेट, स्कोप/डिजाइन और लागत को राज्य स्तरीय समिति के अनुमोदन हेतु प्रस्तावित करेगी और निर्माण कार्य का मॉनीटरिंग करेगी. यह समिति ऐसी सभी भूमि को चिन्हित करेगी, जो विभिन्न विभागों के मण्डल स्तरीय कार्यालय में स्थानांतरित होने के कारण खाली हो जाएंगे. समिति यह भी सुनिश्चित करेगी कि समस्त प्रस्तावित मण्डल स्तरीय अधिकारियों के लिए पर्याप्त जगह एकीकृत कार्यालय में हो. साथ ही साथ सभी कार्यालयों के अनुरूप लिफ्ट, टॉयलेट, पार्किंग, पर्याप्त मीटिंग हॉल और प्रेक्षागृह हों.
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