सपा-बसपा कार्यकाल की तुलना में योगी सरकार ने 3 वर्षों में दीं ज्यादा नौकरियां, आंकड़े दे रहे गवाही
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सपा-बसपा कार्यकाल की तुलना में योगी सरकार ने 3 वर्षों में दीं ज्यादा नौकरियां, आंकड़े दे रहे गवाही

वर्ष 2007 से 2012 तक बसपा सरकार के दौरान 91,000 और 2012 से 2017 तक सपा सरकार के दौरान 2.05 लाख सरकारी नौकरियां दी गईं. 

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ. (फाइल फोटो)

पवन सेंगर/लखनऊ: उत्तर प्रदेश में पिछली तीन सरकारों पर नजर डालें तो प्रदेश की मौजूदा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सरकार ने अपने कार्यकाल के 3 वर्षों में 30,0526 सरकारी नौकरियां दी हैं. यह आंकड़ा पिछली सपा-बसपा सरकारों में हुई भर्तियों से कहीं अधिक है. वर्ष 2007 से 2012 तक बसपा सरकार के दौरान 91,000 और 2012 से 2017 तक सपा सरकार के दौरान 2.05 लाख सरकारी नौकरियां दी गईं. उत्तर प्रदेश कार्मिक विभाग के आंकड़े इस बात की पुष्टि करते हैं. योगी सरकार में मौजूदा समय में 85,629 पदों पर भर्ती प्रक्रिया चल रही है. इसे मिला दिया जाए तो यह संख्या 3,79,709 हो जाती है.

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UPPSC ने भी पिछली सरकारों से ज्यादा नियुक्तियां दीं
योगी सरकार के शुरुआती तीन वर्षों में उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने मात्र 3 वर्षों में 26,103 पदों पर अभ्यर्थियों का चयन किया है. जबकि पिछली सपा सरकार के 5 वर्षों के कार्यकाल में 26,000 अभ्यर्थियों का चयन हुआ था. अखिलेश कार्यकाल के दौरान यूपीपीएसी की  भर्तियां विवादों में घिरी रहीं हैं और सीबीआई इसकी जांच कर रही है. योगी सरकार में हुए चयन में 141 उपजिलाधिकारी, 184 पुलिस उपाधीक्षक, डॉक्टरों में एलोपैथिक 4108, होम्योपैथिक 773, आयुर्वेदिक 969 और डेंटल सर्जन 535 रखे गए. इसके साथ ही पीसीएस जे के पदों पर 610 का चयन हुआ.

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कर्मियों की पदोन्नति के मामले में भी योगी सरकार आगे
कर्मचारियों की पदोन्नति की बात करें तो योगी सरकार ने इस मामले में भी पिछली सरकारों से काफी आगे है. यूपी लोकसेवा आयोग के आंकड़ों के मुताबिक 3 वर्षों में 6566 कर्मियों को पदोन्नतियां दी गई है, जबकि पूर्ववर्ती अखिलेश सरकार के पांच साल में सिर्फ 1588 अधिकारियों को ही पदोन्नतियां मिली थी. इतना ही नहीं बीते तीन वर्षों में यूपीपीएससी की किसी भी परीक्षा के खिलाफ न्यायालय से कोई स्थगनादेश नहीं हुआ है. आंकड़े बताते हैं कि यूपीपीएससी ने विज्ञापन, परीक्षा कार्यक्रम और परीक्षा परिणाम समय पर घोषित किए. परीक्षा कैलेंडर जारी कर अभ्यर्थियों को तैयारी के लिए मौका दिया.

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