वर्ष 2006 से 2012 के बीच बसपा व सपा शासनकाल में वाराणसी, भदोही, मऊ, गाजीपुर, बलिया, सोनभद्र, चंदौली, मिर्जापुर, आजमगढ़, जौनपुर, प्रयागराज, प्रतापगढ़ और श्रावस्ती में पीडब्ल्यूडी के अधीन काम करने वाली संस्था राजकीय निर्माण निगम द्वारा कराए गए निर्माण कार्यों की जांच एसआईटी को सौंपी गई थी.
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लखनऊ: बसपा और सपा शासनकाल के दौरान पूर्वांचल के 13 जिलों में राजकीय निर्माण निगम के माध्यम से कराए गए 137 विकास कार्यों में हुए घोटाले की जांच एसआईटी ने पूरी कर ली है. विशेष जांच दल (Special Investigation Team) ने अपनी जांच रिपोर्ट शासन को सौंप दी है. कई मामलों में एसआईटी ने दोषियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करके विवेचना किए जाने के लिए मंजूरी मांगी है. इन विकास कार्यों पर करीब एक हजार करोड़ रुपये खर्च हुए हैं.
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सूत्रों की मानें तो एसआईटी ने अपनी जांच रिपोर्ट में कार्यों की गुणवत्ता खराब होने, तय समय में योजनाएं पूरी न होने और पूर्व निर्धारित आकलन से ज्यादा लागत लगाए जाने का खुलासा किया है. कुछ योजनाओं में बार-बार ठेकेदार बदले जाने और अधूरे कार्यों को पूरा करने के लिए लागत आकलन संशोधित किए जाने का मामला भी पकड़ में आया. ऐसे में शासन की मंजूरी मिलने के बाद कार्यदायी संस्था के कई अधिकारियों एवं इंजीनियरों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया जा सकता है.
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आपको बता दें कि वर्ष 2006 से 2012 के बीच बसपा व सपा शासनकाल में वाराणसी, भदोही, मऊ, गाजीपुर, बलिया, सोनभद्र, चंदौली, मिर्जापुर, आजमगढ़, जौनपुर, प्रयागराज, प्रतापगढ़ और श्रावस्ती में पीडब्ल्यूडी के अधीन काम करने वाली संस्था राजकीय निर्माण निगम द्वारा कराए गए निर्माण कार्यों की जांच एसआईटी को सौंपी गई थी. निर्माण निगम ने इन जिलों में जिला अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, थाना भवन, जेल व पुलिस लाइन आदि का निर्माण कराया था. इन कार्यों में बड़े पैमाने पर अनियमितता की शिकायतें मिली थीं. योगी सरकार ने मामले की जांच एसआईटी को सौंपी थी.
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