कोरोना संकट में गरीबों को रोजगार देने में योगी सरकार देश में नंबर वन, स्वच्छता में भी दूसरा स्थान
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कोरोना संकट में गरीबों को रोजगार देने में योगी सरकार देश में नंबर वन, स्वच्छता में भी दूसरा स्थान

कोरोना लॉकडाउन के दौरान दूसरे राज्यों में रोजगार के लिए गए श्रमिकों को मजबूरी में अपने गृह राज्य लौटना पड़ा था. उनके सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया था. इसको ध्यान में रखकर केंद्र की मोदी सरकार ने ''गरीब कल्याण रोजगार योजना'' और ''गरीब कल्याण अन्न योजना'' शुरू की थी.

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ. (फाइल फोटो)

लखनऊ: कोरोना लॉकडाउन के दौरान दूसरे राज्यों में रोजगार के लिए गए श्रमिकों को मजबूरी में अपने गृह राज्य लौटना पड़ा था. उनके सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया था. इसको ध्यान में रखकर केंद्र की मोदी सरकार ने ''गरीब कल्याण रोजगार योजना'' और ''गरीब कल्याण अन्न योजना'' शुरू की थी. पहली योजना का लक्ष्य गरीबों को अस्थाई रोजगार मुहैया कराना था, वहीं दूसरी योजना के अंतर्गत उन्हें मुफ्त में राशन वितरित करना था. उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ''गरीब कल्याण रोजगार योजना'' लागू करने यानी प्रवासियों को रोजगार मुहैया कराने के मामले में पूरे देश में नंबर वन रही है. 

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गरीब कल्याण रोजगार अभियान में यूपी देश में अव्वल
यह योजना देश के 116 जिलों में चल रही थी. यूपी को पहले पुरस्कार के साथ ही प्रयागराज जिले को भी देश में अव्वल रहने पर प्रथम पुरस्कार मिला है. उत्तर प्रदेश सरकार के पंचायती राज विभाग को केंद्र की ओर से ''गरीब कल्याण रोजगार योजना'' को सफलता पूर्वक लागू करने के लिए कुल आठ पुरस्कारों के लिए चुना गया है. यह पुरस्कार 2 अक्तूबर को आयोजित समारोह में दिए जाएंगे. उत्तर प्रदेश के पंचायती राज मंत्री भूपेंद्र सिंह चौधरी ने बताया कि गरीब कल्याण रोजगार अभियान पीएम मोदी ने 20 जून को प्रारंभ किया था. इसे उत्तर प्रदेश समेत 6 राज्यों के 116 जिलों में प्रवासी श्रमिकों को मिशन मोड में सहायता देने के लिए शुरू किया गया था.

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योगी सरकार ने 125 दिन के इस अभियान में प्रवासी श्रमिकों को शौचालय निर्माण, ग्राम पंचायत भवनों के निर्माण, वित्त आयोग से होने वाले कार्य समेत कुल 25 कार्यों में समायोजित किया. इसमें श्रमिकों को 202 रुपए प्रतिदिन के हिसाब से भुगतान किया गया. इस अभियान में देश के 6 राज्यों में यूपी पहले और देश के सभी 116 जिलों में प्रयागराज पहले स्थान पर रहा है. गरीब कल्याण रोजगार अभियान में हरदोई को दूसरा और फतेहपुर को तीसरा पुरस्कार मिला है. इस अभियान में पंचायती राज विभाग ने सर्वाधिक सामुदायिक शौचालय का निर्माण कराकर सबसे ज्यादा लोगों को रोजगार दिया है.

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गंदगी मुक्त भारत अभियान में यूपी को मिले 7 पुरस्कार
बरेली और अलीगढ़ जिलों में यह योजना नहीं चल रही थी लेकिन उन्होंने भी सर्वाधिक सामुदायिक शौचालय बनाकर क्रमशः पहला और दूसरा स्थान प्राप्त किया है. इन दोनों जिलों को भी पुरस्कार के लिए चुना गया है. अलीगढ़ जिले को सामुदायिक शौचालय अभियान में विशेष पुरस्कार भी मिला है. उत्तर प्रदेश के खाते में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि यह है कि उसे गंदगी मुक्त भारत अभियान में देश में श्रमदान करने की दृष्टि से द्वितीय पुरस्कार के लिए चुना गया है. केंद्रीय जलशक्ति मंत्रालय द्वारा घोषित सामुदायिक शौचालय अभियान पुरस्कारों में सात उत्तर प्रदेश के हिस्से में आए हैं.

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