बाइक के लालच में कर दिया फेसबुक फ्रेंड का कत्ल, बक्से में छिपा रखी थी लाश
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बाइक के लालच में कर दिया फेसबुक फ्रेंड का कत्ल, बक्से में छिपा रखी थी लाश

हत्या के दोनों आरोपित युवक मेडिकल कॉलेज के प्रोफेसर के बेटे हैं.

हत्यारोपित गगन और दीपक.

बरेली: रुहेलखंड मेडिकल कॉलेज के प्रोफेसर के दो बेटे हत्या के आरोप में गिरफ्तार किए गए हैं. बताया जा रहा है कि इन दोनों ने बाइक के लिए दोस्त का कत्ल कर दिया था. इन लोगों की मृतक के साथ फेसबुक पर दोस्ती हुई थी. पुलिस के अनुसार, आरोपियों ने मृतक को पहले बियर में ज़हर दिया. इसके बाद गला घोंटकर उसकी हत्या कर दी. वहीं, हत्या के बाद घर में बक्से में लाश छिपा दी थी. 

पूरा मामला सुभाषनगर थाना क्षेत्र के गंगानगर कालोनी का है. क्राइम ब्रांच ने सनसनीखेज मर्डर का खुलासा करते हुए बताया कि आरोपियों ने दोस्त की लूटी हुई बाइक से ही लाश को ठिकाने लगाया था. दरअसल, 17 साल के लकी बाजपेई की हत्या उसी के फेसबुक दोस्तों ने कर दी थी. महज पांच दिन बातचीत में छात्र उन पर भरोसा कर बैठा था. शातिर फेसबुक दोस्तों ने उसे घर बुलाया. बीयर पिलाई और गला दबाकर उसकी हत्या कर दी. इसके बाद आरोपी शव झाड़ियों में फेंककर उसकी बाइक लेकर फरार हो गए.

सुभाष नगर के गंगानगर कालोनी निवासी विनीत वाजपेई इफको कंपनी में सुपरवाइजर हैं. उनका 17 वर्षीय पुत्र लकी जीआइसी कक्षा 11 का छात्र था. 28 सितंबर को परिजन कहीं गए थे. तब वह भाई से शाम तक आने की बात कहकर घर से निकल गया था, लेकिन लौटा नहीं. काफी तलाश के बाद परिजनों ने 30 सितंबर को मामले की जानकारी सुभाषनगर पुलिस को दी. काफी तलाश के बाद लकी नहीं मिला, लेकिन उसकी बाइक एक कबाड़ी के यहां मिली. पता चला कि दो किशोर बाइक दे गए थे.

दोनों किशारों से पूछताछ हुई, तो बताया कि लकी उनके पास बाइक छोड़कर चला गया था. इसके बाद पुलिस ने उन्हें छोड़ दिया. दूसरी ओर निराश परिवार वालों ने सात अक्टूबर को लकी की गुमशुदगी दर्ज कराई. इसके बाद पुलिस उनसे यह कहकर पीछा छुड़ाती रही कि वह नाराज होकर चला गया होगा, खुद लौट आएगा.

पुलिस के रवैये की शिकायत डीआइजी राजेश पांडेय से की गई तो पांच नवंबर को उन्होंने क्राइम ब्रांच को लगाया. जांच के दौरान लकी की फेसबुक चैटिंग का ब्योरा निकाला गया. तब दो किशोरों के बारे में पता चला. ये वही थे जिनसे बाइक मिली थी. मगर पूछताछ के बाद छोड़ दिया गया था. दोबारा क्राइम ब्रांच ने पूछताछ की तो किशारों ने माना, लकी से फेसबुक पर दोस्ती हुई थी. उन्होंने 28 सितंबर को लकी को बुलाया और बाइक लूट के लिए उसकी हत्या कर दी. क्राइम ब्रांच ने लकी के परिवार वालों को बुलाकर इसकी जानकारी दी.

29 सितंबर को आरोपितों ने दिल्ली-लखनऊ हाईवे पर लकी का शव फेंक दिया था. छह अक्टूबर को इज्जतनगर पुलिस ने शव बरामद किया. कक्षा 11 के छात्र की हत्या के मामले में सुभाष नगर पुलिस की बड़ी लापरवाही सामने आई है. पुलिस ने छह अक्टूबर को ही किशोरों की निशानदेही पर कबाड़ी के कब्जे से बाइक बरामद कर ली थी. इसी दिन इज्जतनगर पुलिस ने भी शव बरामद किया था. पुलिस अगर महानगर निवासी दोनों किशोरों और कबाड़ी से पूछताछ करती, तो परिजनों को शव मिल जाता. पुलिस ने तीनों को मामूली पूछताछ के बाद ही छोड़ दिया था.

अब जब मामला प्रकाश में आया तो महानगर निवासी गगन और दीपक दोनों हत्यारोपित निकले. लकी के गायब होने के बाद जब सीडीआर निकाली गई तो एक नंबर से उससे 63 बार बात की गई थी. यह वह कॉल थीं जिनसे बात हुई, कई मिस्ड कॉल भी थी. यह नंबर महानगर निवासी उन दो किशोरों में से एक का है, जो आरोपित हैं. इसी युवक से लकी की पांच दिन पहले फेसबुक पर दोस्ती हुई थी.

महानगर निवासी आरोपित दोनों भाई इतने शातिर हैं कि उन्होंने हत्या के बाद रात भर शव को घर में ही रखा. लोगों की नजरों से छिपाने के लिए शव को एक बक्से में बंद कर दिया. 29 अक्टूबर की सुबह ही शव को कंबल में बांधकर हाइवे पर फेंक आए. पुलिस ने अब वह कंबल भी बरामद कर लिया है.

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