Uttarkashi Tunnel Update: 'नहीं बता सकते कि मजदूर कब तक निकाले जाएंगे', रेस्क्यू ऑपरेशन पर ऐसा क्यों बोली NDMA
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Uttarkashi Tunnel Update: 'नहीं बता सकते कि मजदूर कब तक निकाले जाएंगे', रेस्क्यू ऑपरेशन पर ऐसा क्यों बोली NDMA

Uttarakhand Tunnel Rescue Operation: उत्तराखंड की निर्माणाधीन सुरंग में फंसे 41 मजदूरों को आखिर कब तक बाहर निकाला जा सकेगा, इसके बारे में जानने के लिए हर कोई बेचैन है. अब इस रेस्क्यू ऑपरेशन पर NDMA ने बड़ा बयान जारी किया है.

Uttarkashi Tunnel Update: 'नहीं बता सकते कि मजदूर कब तक निकाले जाएंगे', रेस्क्यू ऑपरेशन पर ऐसा क्यों बोली NDMA

Statement of NDMA on Uttarkashi Tunnel Rescue Operation: उत्तरकाशी की सुरंग में फंसे मजदूरों को 12 दिन हो चुके हैं लेकिन अब तक उन्हें बाहर नहीं निकाला जा सका है. यह रेस्क्यू ऑपरेशन आखिर कब तक पूरा होगा, इस बारे में नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी (NDMA) ने गुरुवार को सारी स्थिति स्पष्ट की. दिल्ली में मीडिया से बात करते हुए NDMA के मेंबर लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर्ड) सैयद अता हसनैन ने कहा कि मजदूरों को बाहर निकालने की कोई स्पष्ट टाइमलाइन नहीं दी जा सकती. 

'युद्ध लड़ने जैसा है अभियान'

लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर्ड) हसनैन (Lieutenant General (Retd) Syed Ata Hasnain) ने कहा कि बचाव अभियान (Uttarkashi Tunnel Update) की समयसीमा पर अटकलें लगाना उचित नहीं होगा क्योंकि यह युद्ध लड़ने जैसा है. उन्होंने यह भी कहा कि बचाव कार्य रुक गया है और इसके शीघ्र ही फिर से शुरू होने की संभावना है. उन्होंने कहा कि सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों को बाहर निकालने में अगले कुछ घंटों में या शुक्रवार तक सफलता मिल सकती है. 

'41 एंबुलेंस सुरंग के पास मौजूद'

सैयद अता हसनैन ने कहा कि श्रमिकों को बचाने के लिए क्षैतिज ‘ड्रिलिंग’ में तीन से चार और बाधाओं का सामना करना पड़ सकता है. उन्होंने कहा कि 41 एम्बुलेंस सुरंग स्थल पर मौजूद हैं. जैसे ही मजदूर बाहर निकाले जाएंगे, उन्हें एंबुलेंस के जरिए तुरंत ही पास के अस्पताल में इलाज के लिए पहुंचाया जाएगा. इसके साथ ही गंभीर स्थिति वाले श्रमिकों को हवाई मार्ग से ले जाने की भी सुविधाएं हैं. 

'मिशन में लगे लोग भी रिस्क पर'

लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर्ड) सैयद अता हसनैन (Lieutenant General (Retd) Syed Ata Hasnain) ने कहा, 'यह चुनौतीपूर्ण भरा कार्य (Uttarkashi Tunnel Update) है. ऐसी उम्मीद करना कि अगले दो घंटों में हम उन्हें निकाल लेंगे, मैं समझता हूं कि यह सही नहीं है. इसका वर्क फोर्स पर गलत दबाव पड़ता है क्योंकि यहां पर रेस्क्यू टीम भी रिस्क पर हैं और अंदर फंसे हुए मजदूर भी रिस्क पर हैं. ऐसे में हमें दोनों की सुरक्षा का ध्यान रखना होगा.'

'काट दिए गए हैं लोहे के सरिये'

हालांकि हसनैन के इस बयान से पहले बचाव अभियान (Uttarkashi Tunnel Update) की निगरानी कर रहे प्रधानमंत्री कार्यालय के पूर्व सलाहकार भास्कर खुल्बे ने कहा कि सुरंग के मलबे में ड्रिलिंग के दौरान आई बाधा को दूर करने के बाद गुरुवार सुबह फिर से बचाव अभियान शुरू कर दिया गया है. खुल्बे ने बताया कि लोहे के सरिये की वजह से पैदा हुई समस्या दूर कर ली गई है. गैस कटर से उन सरियों को काटकर रास्ता बना लिया गया है. 

'मजदूरों से अब केवल 6 मीटर दूर'

वहीं NDRF के महानिदेशक अतुल कारवाल ने बचाव अभियान (Uttarkashi Tunnel Update) को लेकर बड़ी जानकारी दी है. उन्होंने कहा कि रेस्क्यू मिशन में लगे बचाव कर्मी अब अंदर फंसे मजदूरों से केवल 6 मीटर की दूरी पर हैं. अगर सब कुछ सही रहा तो यह अभियान आज रात पूरा हो सकता है. वेल्डिंग का काम होने पर आगे पाइपों को जोड़ने का काम शुरू कर दिया जाएगा. 

'NDRF के जवान निकालेंगे मजदूरों को'

NDRF के DG अतुल करवाल ने कहा कि बल के कर्मी निकासी के लिए पूरी तरह से तैयार हैं. बल के जवान पाइप के जरिए सुरंग में अंदर जाएंगे और वहां से अपने उपकरणों का इस्तेमाल करके मजदूरों को एक-एक करके सुरंग से बाहर भेजना शुरू करेंगे. इससे पहले NDRF और SDRF के जवान  800 मिमी व्यास वाले पाइप को साफ करेंगे, ताकि उसमें घुसा मलबा स्ट्रेचर की आवाजाही में रुकावट न बन सके. 

'2 पाइप और डालने का प्लान'

उन्होंने कहा,‘इन 800 मिमी पाइप की चौड़ाई लगभग 32 इंच है, जो पर्याप्त है. यदि इनकी चौड़ाई 22-24 इंच भी होती तो भी हम इनके जरिए लोगों को बाहर निकाल सकते हैं. हमारे लोगों ने इस कवायद के लिए अभ्यास किया है.’ करवाल ने बताया कि मलबे के अंदर से 6 मीटर का एक और स्टील पाइप डाला गया है और पाइप की कुल लंबाई अह 48 मीटर तक पहुंच गई है. हम अब दो और पाइप डालने के वास्ते ‘ड्रिल’ करने की योजना बना रहे हैं ताकि हम कुछ विस्तारित जगह पाने के लिए मलबे के माध्यम से 60 मीटर तक की लंबाई हासिल कर सकें.’

12 नवंबर से सुरंग में फंसे हैं 41 मजदूर

बताते चलें कि उत्तरकाशी में यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर बन रही सुरंग (Uttarkashi Tunnel Update) का एक हिस्सा 12 नवंबर को ढह गया था. पिछले 12 दिनों से 41 श्रमिक उसके अंदर फंसे हुए हैं. जिन्हें निकालने के लिए युद्धस्तर पर बचाव अभियान चलाया जा रहा है. 

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