लंबे समय से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आलोचक रहे पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने आखिरकार नया ठिकाना ढूंढ लिया है. वे अब तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए हैं.
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कोलकाता: बीजेपी के पूर्व नेता और केंद्रीय मंत्री रहे यशवंत सिन्हा (Yashwant Sinha) तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए हैं. वे आज कोलकाता में तृणमूल कांग्रेस (TMC) के मुख्यालय में पहुंचे. माना जा रहा है कि वे बंगाल चुनाव में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के राजीनितिक सलाहकार बनेंगे.
TMC में शामिल होने के बाद यशवंत सिन्हा (Yashwant Sinha) ने कहा कि प्रजातंत्र का मतलब होता है कि सरकार के प्रतिनिधि 24 घंटे जनता के प्रति अपने कर्तव्यों का पालन करें. देश का अन्नदाता पिछले 3 महीने से दिल्ली की सरहद पर बैठा है और किसी को कोई चिंता नहीं है. देश में शिक्षा-स्वास्थ्य दुर्दिन से गुजर रहे हैं लेकिन सरकार को कोई फर्क नहीं पड़ रहा है. उन्होंने दावा करते हुए कहा,'इसमें कोई शक नहीं है कि तृणमूल कांग्रेस बहुत बड़े बहुमत के साथ सत्ता में वापस आएगी. बंगाल से पूरे देश में एक संदेश जाना चाहिए कि जो कुछ मोदी और शाह दिल्ली से चला रहे हैं, अब देश उसको बर्दाश्त नहीं करेगा.'
इसमें कोई शक नहीं है कि तृणमूल कांग्रेस बहुत बड़े बहुमत के साथ सत्ता में वापस आएगी। बंगाल से पूरे देश में एक संदेश जाना चाहिए कि जो कुछ मोदी और शाह दिल्ली से चला रहे हैं, अब देश उसको बर्दाश्त नहीं करेगा: यशवंत सिन्हा, टीएमसी pic.twitter.com/m3mWmCIosi
— ANI_HindiNews (@AHindinews) March 13, 2021
उन्होंने आरोप लगाया कि देश में इस वक्त राज कर रही रूलिंग पार्टी का एक ही मकसद है कि किसी भी तरह चुनाव जीतो और अपनी विजय पताका फहराते जाओ. यशवंत सिन्हा (Yashwant Sinha) ने कहा कि आज की सरकार लोगों की जरूरतें पूरा करने के बजाय उन्हें कुचलने में विश्वास करती है. उन्होंने दावा किया कि अटल जी और आज के समय की बीजेपी में जमीन-आसमान का अंतर है. उस जमाने में सभी दलों और आम लोगों की सुनी जाती थी लेकिन आज सुनाई जाती है.
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यशवंत सिन्हा (Yashwant Sinha) ने कहा कि अटल जी के समय को देखें तो उस वक्त कर्नाटक में जनता दल एस, कश्मीर में पीडीपी, बंगाल में टीएमसी, पंजाब में अकाली दल, बिहार में जेडीयू, महाराष्ट्र में शिवसेना समेत देश की तमाम बड़ी पार्टियों के साथ बीजेपी ने तालमेल किया. उन्होंने कहा कि अटल जी की इच्छा कभी किसी को दबाने की नहीं रही. वे सबको साथ लेकर चलते थे लेकिन आज कोई भी इनके साथ नहीं है. यहां तक कि अब अकाली दल भी इनका साथ छोड़ गया है.
सिन्हा पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के मंत्रिमंडल में कई मंत्रालयों की जिम्मेदारी निभा चुके हैं. पार्टी के नेतृत्व से मतभेद होने पर वर्ष 2018 में उन्होंने बीजेपी छोड़ दी थी. उनके बेटे जयंत सिन्हा झारखंड के हजारीबाग से बीजेपी के लोकसभा सदस्य हैं. यशवंत सिन्हा ने कहा,‘देश अजीब परिस्थिति से गुजर रहा है, हमारे मूल्य और सिद्धांत खतरे में हैं. लोकतंत्र की मजबूती संस्थाओ में निहित है और सभी संस्थाओं को व्यवस्थागत तरीके से कमजोर किया जा रहा है. ’
यशवंत सिन्हा (83 वर्षीय) ने बीजेपी के खिलाफ लड़ाई में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का समर्थन करने की शपथ ली. इस मौके पर तृणमूल कांग्रेस के लोकसभा में नेता सुदीप बंदोपाध्याय ने कहा,‘हम अपनी पार्टी में यशवंत सिन्हा का स्वागत करते हैं. उनकी हिस्सेदारी से चुनाव में बीजेपी के खिलाफ हमारी लड़ाई और मजबूत होगी. ’
बता दें कि यशवंत सिन्हा ने वर्ष 1990 में चंद्रशेखर की सरकार में वित्तमंत्री की जिम्मेदारी निभाई थी. इसके बाद वाजपेयी मंत्रिमंडल में भी उन्हें इस मंत्रालय का कार्यभार मिला. उन्होंने वाजपेयी सरकार में विदेशमंत्री की भी जिम्मेदारी निभाई.
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