DNA with Sudhir Chaudhary: समझें क्या है पूरा नेशनल हेराल्ड स्कैम? जिसके चलते जमानत पर हैं मां-बेटा
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DNA with Sudhir Chaudhary: समझें क्या है पूरा नेशनल हेराल्ड स्कैम? जिसके चलते जमानत पर हैं मां-बेटा

DNA with Sudhir Chaudhary: ED ने राहुल गांधी से पूछा कि Young India नाम की कंपनी में वो कितने प्रतिशत के हिस्सेदार हैं? ये एक Non-Profit कंपनी थी तो इस कंपनी के पास इतना सारा पैसा कहां से आया? 

DNA with Sudhir Chaudhary: समझें क्या है पूरा नेशनल हेराल्ड स्कैम? जिसके चलते जमानत पर हैं मां-बेटा

DNA with Sudhir Chaudhary: राहुल गांधी से दूसरे राउंड की पूछताछ खत्म हो गई है. यह पूछताछ 2 राउंड में चली. एक लंच ब्रेक से पहले और दूसरी ब्रेक के बाद में. पहले राउंड में ED ने आज राहुल गांधी से 3 घंटे तक पूछताछ की थी. इस पूछताछ के दौरान राहुल गांधी ने ED के अधिकारियों से ये कहा कि क्या यहां सिर्फ कांग्रेस के नेताओं से ही पूछताछ होती है या किसी और भी यहां बुलाया जाता है. हालांकि पूछताछ करने वाले ED के अधिकारियों ने उनके इस तरह के किसी भी सवाल का कोई जवाब नहीं दिया. इसके अलावा राहुल गांधी को सड़क पर भले कांग्रेस पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने VIP ट्रीटमेंट दिया, लेकिन ED के दफ्तर में पूछताछ के दौरान उन्हें कोई VIP ट्रीटमेंट नहीं मिला. राहुल गांधी से उसी तरह पूछताछ हुई, जिस तरह भ्रष्टाचार के मामलों में बाकी आम आरोपियों से पूछताछ होती है और शायद ये बात राहुल गांधी को बिल्कुल भी पसंद नहीं आई होगी. इस पूछताछ में राहुल गांधी से 50 से ज्यादा सवालों के जवाब पूछे गए.

ED ने पूछे कड़े सवाल

उनसे ये पूछा गया कि Young India नाम की कंपनी में वो कितने प्रतिशत के हिस्सेदार हैं? ये एक Non-Profit कंपनी थी तो इस कंपनी के पास इतना सारा पैसा कहां से आया? और क्या ये कंपनी, Associated Journals Limited यानी AJL नाम की दूसरी कंपनी का अधिग्रहण करने के लिए बनाई गई थी? साथ ही यह भी पूछा गया कि AJL की दो हजार करोड़ की संपत्ति की देखभाल इस समय कौन कर रहा है?

Young India की आड़ में बड़ा घोटाला

ये पूरा मामला AJL की संपत्तियों और 90 करोड़ के एक लोन से जुड़ा है. AJL वही कंपनी है, जिसकी स्थापना वर्ष 1938 में जवाहर लाल नेहरू समेत कांग्रेस के कई नेताओं ने की थी. ये कंपनी तब नेशनल हेराल्ड के नाम से एक अखबार प्रकाशित करती थी. जब हमारा देश को आजादी मिली तो इस कंपनी को अलग-अलग राज्यों में सस्ते दामों पर काफी जमीन उपलब्ध कराई गईं, जिनकी कीमत आज दो हजार करोड़ रुपये है. आरोप है कि, इसी संपत्ति का अधिग्रहण करने के लिए वर्ष 2010 में यंग इंडिया नाम से एक Non-Profit कंपनी बनाई गई, जिसमें सोनिया गांधी और राहुल गांधी 38-38 प्रतिशत के हिस्सेदार थे. इसके बाद कांग्रेस पार्टी की तरफ से AJL को 90 करोड़ रुपये का लोन दिया गया और जब ये कंपनी उसे चुका नहीं पाई तो यंग इंडिया नाम की कंपनी ने सिर्फ 50 लाख रुपये का भुगतान करके AJL का अधिग्रहण कर लिया और इस तरह आरोप है कि ये कंपनी और उसकी दो हजार करोड़ रुपये की संपत्ति गांधी परिवार के पास चली गई. यानी उन्होंने गलत तरीके से AJL की संपत्तियों को अपने नाम किया और इस दौरान आर्थिक गड़बड़ियां भी की गईं.

जमानत पर बाहर हैं मां-बेटा

इसलिए अब आप खुद तय कीजिए कि ये भ्रष्टाचार है कि नहीं? बड़ी बात ये है कि राहुल गांधी और सोनिया गांधी दोनों इस मामले में जमानत पर बाहर हैं. वर्ष 2015 में जब उन्हें दिल्ली की एक अदालत ने जमानत दी थी तो इस अदालत ने अपने फैसले कहा था कि इस केस में जो आरोपी हैं, वो समाज से जुड़े हुए हैं और उसे ऐसा नहीं लगता कि वो कभी भी इस मामले में न्याय की जो प्रक्रिया है, उसमें रुकावट बनेंगे. लेकिन आज आप देखेंगे तो राहुल गांधी ने आज इस पूछताछ को राजनीतिक उत्सव बना कर ED पर दबाव बनाने की कोशिश की और ये न्याय की प्रक्रिया में रुकावट पैदा करना ही माना जाएगा. इसके अलावा तब अदालत में जमानत देते हुए ये भी कहा था कि इस मामले में जब भी सुनवाई होगी तो राहुल गांधी और सोनिया गांधी को कोर्ट में हाजिर होना होगा और जांच में सहयोग करना होगा. लेकिन क्या राहुल गांधी ने ऐसा किया. क्या ये कोर्ट के आदेश का उल्लंघन नहीं है. क्या यही उल्लंघन किसी और आरोपी ने किया होता तो उसकी अब तक जमानत रद्द नहीं हो गई होती, लेकिन इस मामले में अब तक ऐसा नहीं हुआ है.

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