Container Politics: क्या है राहुल गांधी की 'कंटेनर पॉलिटिक्स', BJP क्यों उठा रही सवाल, पढ़ें पूरा विश्लेषण
Advertisement
trendingNow11344560

Container Politics: क्या है राहुल गांधी की 'कंटेनर पॉलिटिक्स', BJP क्यों उठा रही सवाल, पढ़ें पूरा विश्लेषण

Congress Container Politics: 2024 के लोकसभा चुनाव को देखते हुए राहुल गांधी ने भारत जोड़ो यात्रा की शुरुआत की है. यात्रा कन्याकुमारी से शुरू हुई है और जम्मू-कश्मीर में समाप्त होगी.

Container Politics: क्या है राहुल गांधी की 'कंटेनर पॉलिटिक्स', BJP क्यों उठा रही सवाल, पढ़ें पूरा विश्लेषण

Rahul Gandhi's container politics: कांग्रेस ने भारत जोड़ो यात्रा की शुरुआत की है जो 7 सितंबर से शुरू हुई है और 150 दिनों तक चलेगी . इस यात्रा को लेकर कांग्रेस और बीजेपी में जमकर राजनीति हो रही है. इस यात्रा के दौरान विशेष तरह के कंटेनर का इस्तेमाल किया जा रहा है. और कंटेनर वाली ये पूरी पॉलिटिक्स क्या है आपको अब हम बताएंगे. कंटेनर शब्द सुनते ही आपको ध्यान आता होगा.. स्टील या लोहे का एक बहुत बड़ा बॉक्स जिसमें सामानों को कहीं भेजा जाता है. लेकिन क्या एक कंटेनर केवल सामानों को भेजने के ही काम आता है या इसका इस्तेमाल घर के तौर पर, होटल के कमरे के रुप में किया जा सकता है.

सुर्खियों में छाई कंटेनर पॉलिटिक्स

इस मामले को लेकर एक तस्वीर वायरल हो रही है. इसमें एक कमरे में डबल बेड, सोफा, AC, पंखे, छोटा रेफ्रिजरेटर है. इसके साथ ही बाथरूम की भी सुविधा है. यानी किसी व्यक्ति के आराम करने या काम करने के लिए सभी जरुरी सुविधाएं मौजूद हैं. लेकिन ये किसी होटल या घर का कमरा नहीं है . ये एक कंटेनर है जिसको modifiy करके हाईटेक बनाया गया है. राहुल गांधी के भारत जोड़ो यात्रा के दौरान इस कंटेनर का इस्तेमाल किया जा रहा है. लेकिन इस यात्रा में कंटेनर केवल एक हिस्सा है और इससे जुड़ी राजनीति काफी बड़ी है.

150 दिनों तक चलेगी यात्रा

2024 के लोकसभा चुनाव को देखते हुए राहुल गांधी ने भारत जोड़ो यात्रा की शुरुआत की है. यात्रा कन्याकुमारी से शुरू हुई है और जम्मू-कश्मीर में समाप्त होगी . ये यात्रा 150 दिनों तक चलेगी और 3570 किलोमीटर की दूरी तय करेगी . रूट मैप के मुताबिक भारत जोड़ो यात्रा कन्याकुमारी, तिरुवनंतपुरम, कोच्चि, नीलांबुर, मैसूर, बेल्लारी, रायचूर, विकाराबाद, नांदेड़, जलगांव जमोद, इंदौर, कोटा, दौसा, अलवर, बुलंदशहर, दिल्ली, अंबाला, पठानकोट, जम्मू, श्रीनगर होकर जाएगी . ये यात्रा 12 राज्य और 2 केंद्र शासित प्रदेशों से गुजरेगी.

आराम के लिए कंटेनर में विशेष कमरा

राहुल गांधी सहित करीब 120 नेता स्थायी तौर पर पूरी यात्रा में शामिल रहेंगे. हालांकि बीच-बीच में अलग-अलग राज्यों के कई नेता इसमें जुड़ते भी जाएंगे . इन नेताओं के आराम के लिए कंटेनर में विशेष कमरा तैयार किया गया है. इस कंटेनर में सोने के लिए बेड, टॉयलेट और एसी भी लगाया गया है. साथ ही सोफे का इंतजाम किया गया है जिससे जब जरुरत हो बैठक की जा सके . इन कंटेनरों में स्पीकर भी लगे हैं जिसकी मदद से छोटी-छोटी जनसभा की जा सकती है. कंटेनर को मंच के तौर पर इस्तेमाल करने की सुविधा भी मौजूद है. यानी जब जरुरत हो कंटेनर के छत पर खड़ा होकर भाषण दिया जा सकता है.

60 कंटेनरों के जरिए कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा

ऐसे करीब 60 कंटेनरों के जरिए कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा चल रही है. इन कंटेनरों को अलग-अलग तरीके से बांटा गया है. पीले रंग वाले जोन के कंटेनर्स में एक बेड, एक सोफा और अटैच्ड बाथरूम की सुविधा है. राहुल गांधी ऐसे ही एक कंटेनर में रह रहे हैं . सुरक्षा करणों से राहुल गांधी कंटेनर में अकेले ही ठहरते हैं. राहुल गांधी के साथ वाले कंटेनरों में उनके सुरक्षाकर्मी, सहयोगी और दूसरे बड़े नेता ठहरते हैं. ब्लू जोन वाले कंटेनर्स में दो बेड और एक बाथरूम है. वहीं रेड और ऑरेंज जोन के कंटेनर्स में 4 बेड हैं. पिंक जोन के कंटेनर्स महिलाओं के लिए हैं. इसमें चार बेड और बाथरूम की सुविधा है. बेड के अंदर सामान रखने की भी सुविधा है. रात में इन कंटेनर्स को किसी स्कूल या ग्राउंड में रोका जाता है. वहीं पर खाने के लिए कॉमन डाइनिंग एरिया होता है. कुछ कंटेनर्स हैं जिनपर T लिखा हुआ है. ये कॉमन टॉयलेट्स हैं. इस यात्रा में शामिल लोग स्थानीय भोजन करेंगे. सभी यात्रा में साथ में खाना खाएंगे. कोई भी नेता होटल में नहीं रुकेगा.

कैसा है कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा का कंटेनर?

150 दिनों तक राहुल गांधी भारत जोड़ो यात्रा के जरिए अपनी राजनीतिक जमीन को मजबूत करने की कोशिश करेंगे. कांग्रेस का दावा है कि इस यात्रा कि जरिए बढ़ती महंगाई और सामाजिक ध्रुवीकरण जैसे मुद्दों पर लोगों का ध्यान आकर्षिक किया जा सकेगा . लेकिन क्या कांग्रेस का मकसद केवल इतना ही है? दरअसल कांग्रेस 'भारत जोड़ो यात्रा' के जरिये राहुल गांधी को 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले पीएम पद के उम्मीदवार के तौर पर लॉन्च करने की कोशिश कर रही है. राहुल गांधी हमेशा से ही विदेश यात्राओं और जीवन शैली को लेकर विपक्ष के निशाने पर रहे हैं. इसके साथ ही राहुल गांधी पर बार-बार वंशवाद का आरोप लगता रहा है. और ये धारणा बन गई है कि राहुल गांधी का आम लोगों के साथ कोई संपर्क नहीं है. 150 दिनों तक राहुल गांधी कंटेनर में रहकर ये संदेश देना चाहते हैं कि वो भी आम लोगों की तरह ही एक छोटे से कंटेनर में रह रहे हैं.

कांग्रेस का संगठन बेहद कमजोर?

2014 से लगातार हार की वजह से कांग्रेस का संगठन बेहद कमजोर हो चुका है. तमाम कोशिशों के बावजूद कांग्रेस के प्रदर्शन में सुधार नहीं हो रहा है. ऐसे में कांग्रेस को उम्मीद है कि भारत जोड़ो यात्रा से संगठन में एक नई ऊर्जा आएगी और पार्टी मज़बूत होगी. बीते कुछ महीने में विपक्ष के कई नेता खुद को प्रधानमंत्री चेहरे के तौर पर आगे बढ़ा रहे हैं. चाहे वो नीतीश कुमार हो या ममता बनर्जी . ऐसे में कांग्रेस को उम्मीद है कि भारत जोड़ो यात्रा के सहारे राहुल गांधी यूपीए में प्रधानमंत्री पद के सबसे बड़े चेहरे बनकर उभरंगे और विपक्ष उनके साथ आ जाएगा . इसके साथ ही तीसरा मोर्चा बनाने की कोशिश भी कमजोर होगी .

बीजेपी ने साधा कांग्रेस पर निशाना

आज बीजेपी ने राहुल गांधी का एक फोटो ट्वीट किया. इसमें राहुल गांधी ने जिस टीशर्ट को पहना है उसे उसकी कीमत बीजेपी की ओर से 41257 रुपये बताया गया है.. इस ट्वीट में बीजेपी ने लिखा है कि भारत देखो.. यानी बीजेपी राहुल गांधी के कंटेनर में रहने और खुद को आम आदमी साबित करने की कोशिश पर सवाल खड़े किए हैं. इसके जवाब में कांग्रेस ने बीजेपी के इस ट्वीट को रिट्वीट करते हुए बीजेपी पर निशाना साधा. कांग्रेस ने सीधे तौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला किया है. ट्वीट में लिखा है.. अरे... घबरा गए क्या? भारत जोड़ो यात्रा में उमड़े जनसैलाब को देखकर.. मुद्दे की बात करो... बेरोजगारी और महंगाई पर बोलो. बाकी कपड़ों पर चर्चा करनी है तो मोदी जी के 10 लाख के सूट और 1.5 लाख के चश्मे तक बात जाएगी. बताओ करनी है?

बीजेपी-कांग्रेस के बीच इस मुद्दे पर घमासान

इस ट्वीट से साफ है कि आने वाले दिनों में बीजेपी-कांग्रेस के बीच इस मुद्दे पर और घमासान होने वाला है. भारत जोड़ो यात्रा में कांग्रेस जिस कंटेनर का इस्तेमाल कर रही है....पाकिस्तान में इमरान खान भी राजनीति में ऐसे कंटेनर का लगातार इस्तेमाल करते रहे हैं. इमरान खान ने अपनी चुनावी रैलियों में ऐसे कंटेनर्स का खूब इस्तेमाल किया है . आधुनिक सुविधाओं से भरे इन कंटेनर्स में चुनावी रैलियों के दौरान भाषण देने से लेकर आराम करने तक की सभी सुविधाएं मौजूद हैं. वैसे राजनीति में कंटेनर के इस्तेमाल का इतिहास पुराना है. 1996 में पाकिस्तान की पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो ने प्रदर्शनकारियों को इस्लामाबाद में घुसने से रोकने के लिए कंटेनर का इस्तेमाल किया था.

मकसद 2024 का लोकसभा चुनाव

कांग्रेस वैसे तो इस यात्रा को बढ़ती महंगाई, ध्रुवीकरण की राजनीति के खिलाफ शुरू करने का दावा कर रही है. लेकिन इस यात्रा का बारीकी से विश्लेषण करने पर पता चलता है कि इसका मकसद 2024 के लोकसभा चुनाव और उसके पहले के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस और राहुल गांधी के पक्ष में माहौल बनाया है. ये तो भविष्य ही बताएगा कि अभी तक नेताओं के पार्टी छोड़ो से परेशान कांग्रेस के लिए भारत जोड़ो यात्रा कितना फायदेमंद साबित होता है. राहुल गांधी की यात्रा जिन राज्यों से गुजरेगी उसमें 350 लोकसभा सीटें है. 2019 में कांग्रेस 350 सीटों में से 38 लोकसभा सीटें जीती थी . इसमें से भी 27 सीटें कांग्रेस ने दक्षिण भारत के 4 चार राज्यों तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक, तेलंगाना में जीती थी. इसलिए इस यात्रा की शुरुआत दक्षिण भारत से की गई और दक्षिण भारत में ज्यादा से ज्यादा यात्रा का समय गुजारा जाएगा .

तमिलनाडु से शुरू हुई भारत जोड़ो यात्रा

राहुल गांधी ने 7 सितंबर को तमिलनाडु के श्रीपेरुम्बुदुर से इस यात्रा की शुरुआत की. श्रीपेरुम्बुदुर ही वो जगह है जहां राजीव गांधी की हत्या कर दी गई थी. कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा जिन राज्यों से गुजरेगी उसमें केवल राजस्थान में ही कांग्रेस की सरकार है. जबकि तमिलनाडु में DMK के साथ गठबंधन में हैं. साल 2024 के लोकसभा चुनाव के पहले गुजरात, हिमाचल प्रदेश, जम्मू और कश्मीर, राजस्थान, मध्य प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश में चुनाव होंगे . यानी कांग्रेस इस यात्रा के जरिए 7 राज्यों के विधानसभा चुनाव को भी साधने की कोशिश कर रही है . जिसमें 6 राज्यों में उसका सीधा मुकाबला बीजेपी से होगा . जबकि आंध्र प्रदेश में कांग्रेस का मुकाबला YSR कांग्रेस और तेलंगाना में तीसरा मोर्चा बनाने में जुटे के. चंद्रशेखर राव की पार्टी TRS से होगा.

अमेठी से चुनाव हार गए थे राहुल गांधी

 दक्षिण भारत में कांग्रेस की स्थिति अभी भी उत्तर भारत के मुकाबले थोड़ी बेहतर है. केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक और तेलंगाना जैसे राज्यों में कांग्रेस का जनाधार अब भी उत्तर भारत के राज्यों के मुकाबले अधिक है . यही नहीं कांग्रेस इससे पहले भी 'दक्षिण भारत चलो' की रणनीति पर काम कर चुकी है . इंदिरा गांधी ने भी 1977 में रायबरेली से हार के बाद चिकमंगलूर सीट से उपचुनाव लड़ा था और सोनिया गांधी भी कर्नाटक की बेल्लारी सीट से चुनाव लड़ चुकी हैं. जबकि राहुल गांधी खुद 2019 में केरल के वायनाड सीट से लोकसभा का चुनाव लड़े और अभी इसी सीट से सांसद है. 2019 में ही राहुल गांधी उत्तर प्रदेश के अपने परंपरागत लोकसभा सीट अमेठी से चुनाव हार गए थे . 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस केरल में ही सबसे ज्यादा लोकसभा की सीटें जीतने में कामयाब रही थी. यहां कांग्रेस 20 में 15 लोकसभा सीटें जीती थीं. कांग्रेस के भारत जोड़ो यात्रा की दिलचस्प बात ये है कि उत्तर प्रदेश...जहां सबसे ज्यादा लोकसभा सीट है वहां ये यात्रा बेहद सीमित हिस्से तक रहेगी. इसके अलावा बिहार, बंगाल, झारखंड जैसे राज्यों को इस भारत जोड़ों यात्रा के तहत नहीं जोड़ा गया है, जबकि इन तीनों राज्यों को मिलाकर कुल 96 लोकसभा सीटें हैं. ये यात्रा गुजरात से होकर नहीं गुजरेगी जहां इसी साल विधानसभा का चुनाव होना है.

ये ख़बर आपने पढ़ी देश की नंबर 1 हिंदी वेबसाइट Zeenews.com/Hindi पर

यहां देखें वीडियोः

Trending news