जब शतरंज के मास्टर विश्वनाथन आंनद के साथ चेस खेलने बैठे नरेंद्र मोदी, इस तस्वीर की कहानी
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जब शतरंज के मास्टर विश्वनाथन आंनद के साथ चेस खेलने बैठे नरेंद्र मोदी, इस तस्वीर की कहानी

PM Modi Chess Olympiad: पीएम मोदी हाल में चेस ओलंपियाड जीतने वाले खिलाड़ियों से मिले हैं. इस बीच उनकी एक पुरानी तस्वीर सोशल मीडिया पर आ गई है. इसमें वह विश्वनाथन आंनद के साथ चेस खेलते दिखाई दे रहे हैं.

जब शतरंज के मास्टर विश्वनाथन आंनद के साथ चेस खेलने बैठे नरेंद्र मोदी, इस तस्वीर की कहानी

Modi and Viswanathan: वैसे तो, यह तस्वीर कुछ साल पहले की है लेकिन मौजूं और दिलचस्प है. नरेंद्र मोदी तब गुजरात के मुख्यमंत्री हुआ करते थे. उनके सामने टेबल पर शतरंज के मास्टर खिलाड़ी विश्वनाथन आनंद बैठे दिखाई दे रहे हैं. टेबल पर शतरंज की बिसात बिछी है. वजीर के साथ प्यादे तैनात हैं. पीएम मोदी और आनंद दोनों मुस्कुरा रहे हैं. यह तस्वीर 'मोदी आर्काइव' एक्स हैंडल ने ऐसे समय में शेयर की है जब हंगरी में भारत ने शतरंज ओलंपियाड में 97 साल बाद गोल्ड मेडल जीता है. पीएम मोदी ने इतिहास रचने वाले भारत के शतरंज खिलाड़ियों से मुलाकात की है. इसी समय यह तस्वीर वायरल हो गई.

किस्सा 2009 का है

'मोदी आर्काइव' ने फोटो शेयर करते हुए पीएम मोदी के एक बयान का जिक्र किया है. उन्होंने कैप्शन में लिखा, 'शतरंज एक ऐसा खेल है, जो जीवन के सौ दुखों को दूर कर सकता है.' उन्होंने लिखा, 'नरेंद्र मोदी शतरंज खेलने के अपने शौक के लिए जाने जाते हैं, जिसके बारे में उनका मानना है कि इससे तनाव दूर होता है और जीवन में नई दिशा मिलती है. साल 2009 में जब वह गुजरात के मुख्यमंत्री थे तो उन्होंने अहमदाबाद जिले के स्कूलों में शतरंज को अनिवार्य विषय बनाया था. इसके बाद उन्होंने आगामी वर्षों में पूरे राज्य में इस पहल को लागू करने का इरादा रखा. नतीजा यह हुआ कि शतरंज को गुजरात के हाई स्कूलों में इसे एक विषय के रूप में शामिल किया गया.'

बाकू से क्या लाए मोदी

'मोदी आर्काइव' ने आगे कहा, 'साल 2001 में जब वह अपने पहले कार्यकाल के दौरान अजरबैजान की यात्रा पर गए तो यह विचार वहीं से ले आए. बाकू शहर ने उन्हें काफी प्रभावित किया, क्योंकि यह वही जगह थी, जहां से दिग्गज गैरी कास्परोव समेत आठ ग्रैंडमास्टरों का नाता था. नरेंद्र मोदी ने पहली बार खुद देखा कि कैसे शतरंज यहां की संस्कृति में समाया हुआ है. उन्होंने पाया कि बाकू के बच्चे पूर्व सोवियत संघ के अपने साथियों की तुलना में अधिक बुद्धिमान थे और उनकी बुद्धिमत्ता का कारण यह था कि वह बहुत ही कम उम्र में शतरंज से जुड़ गए थे.'

उन्होंने बताया कि नरेंद्र मोदी ने पूरे गुजरात में शतरंज को लोकप्रिय बनाने पर काम किया और इसके लिए उन्होंने स्वर्णिम शतरंज महोत्सव का भी आयोजन किया. साल 2010 में उनके मुख्यमंत्री रहते हुए 20,000 से अधिक शतरंज खिलाड़ी एक मंच पर साथ आएं. इस दौरान मैक्सिको को पीछे छोड़ते हुए गुजरात के खिलाड़ियों ने गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज कराया.

'मोदी आर्काइव' ने शतरंज चैंपियन विश्वनाथन आनंद के साथ तस्वीर को शेयर करते हुए लिखा, 'विश्वनाथन आनंद ने इस भव्य शतरंज खेल महोत्सव में हिस्सा लिया. उन्होंने गुजरात में शतरंज के खेल को लोकप्रिय बनाने के लिए तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों की सराहना की.'

उन्होंने बताया कि साल 2012 में स्वामी विवेकानंद की 150वीं जयंती मनाई गई. इस दौरान तत्कालीन सीएम मोदी ने 'स्वामी विवेकानंद महिला शतरंज महोत्सव' का भी आयोजन किया. गांधीनगर के महात्मा मंदिर में आयोजित हुए इस टूर्नामेंट में गुजरात की 3,500 से अधिक महिला शतरंज खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया. यह मोदी का साहसिक कदम था और उन्होंने कहा था कि शतरंज आदमी का खेल नहीं है बल्कि यह हर दिमाग, हर आत्मा का खेल है. (आईएएनएस इनपुट के साथ)

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