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नई दिल्ली: भारत में कोरोना वायरस (Coronavirus) के खिलाफ वैक्सीनेशन अभियान को तेज करने के लिए विदेशी कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) को भी देश में लाने की प्रक्रिया चल रही है. इस बीच स्वदेशी वैक्सीन कोवैक्सीन (Covaxin) को लेकर अच्छी खबर आई है और जल्द ही इसे विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) से मान्यता मिल सकती है. डब्ल्यूएचओ से मान्यता मिलने के बाद कोवैक्सीन टीका लगवा चुके लोगों को विदेश यात्रा का रास्ता खुल सकता है.
कोवैक्सीन (Covaxin) को विश्व स्वास्थ संगठन (WHO) की मान्यता दिलवाने के क्रम में भारत बायोटेक (Bharat Biotech) ने 19 अप्रैल को एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट (EOI) डब्ल्यूएचओ के सामने सबमिट किया था, उसे इस वैश्विक संगठन ने स्वीकार कर लिया है. इसी कड़ी में अब Pre Submission मीटिंग 23 जून को होगी.
बता दें कि कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में कोवैक्सीन (Covaxin) भारत की पहली स्वदेशी वैक्सीन है. कोवैक्सीन को भारत बायोटेक (Bharat Biotech) और भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) ने मिलकर बनाया है. भारत में कोवैक्सीन के अलावा कोविशील्ड और स्पूतनिक वी वैक्सीन 18 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को लगाई जा रही है.
कोवैक्सीन (Covaxin) में बछड़े के सीरम (Calf Serum) के इस्तेमाल को लेकर सोशल मीडिया पर चल रही अफवाह को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय (Health Ministry) ने बुधवार को खारिज किया था. मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा कि कोवैक्सीन (Covaxin) की संरचना के संबंध में कुछ सोशल मीडिया पोस्ट में दावा किया जा रहा है कि वैक्सीन में Calf Serum होता है. यह सही नहीं है और तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया है.
केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय (MoHFW) के आंकड़ों के अनुसार, देशभर में अब तक (16 जून, सुबह 7 बजे तक) कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) की 26 करोड़ 19 लाख 72 हजार 14 वैक्सीन की डोज दी गई है. देश में अब तक 21 करोड़ 26 लाख 81 हजार 921 पहली डोज लगाई गई है, जबकि 4 करोड़ 92 लाख 90 हजार 93 लोग टीके की दोनों डोज ले चुके हैं.
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