Kuniyil Kailashnathan: गुजरात में मोदी के 'आंख और कान' रहे, अब बने पुदुचेरी के एलजी, कौन हैं के कैलाशनाथन?
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Kuniyil Kailashnathan: गुजरात में मोदी के 'आंख और कान' रहे, अब बने पुदुचेरी के एलजी, कौन हैं के कैलाशनाथन?

Kuniyil Kailashnathan News: गुजरात के पूर्व आईएएस अधिकारी कुनियिल कैलाशनाथन (K. Kailashnathan) को पुदुचेरी का लेफ्टिनेंट गवर्नर यानी LG बनाया गया है. कैलाशनाथन कितने कद्दावर हैं इसका अंदाजा आप बस इस बात से लगा लीजिए कि 31 मई, 2013 को सेवानिवृत्त होने के बावजूद वो 11 साल से पीएम मोदी के सबसे करीबी बने हुए हैं.

Kuniyil Kailashnathan: गुजरात में मोदी के 'आंख और कान' रहे, अब बने पुदुचेरी के एलजी, कौन हैं के कैलाशनाथन?

Who is Kuniyil Kailashnathan: दक्षिण भारत से आने वाले अफसर के कैलाशनाथन की गिनती तेजतर्रार और उन अधिकारियों में होती थी जिन पर पीएम मोदी सबसे ज्यादा भरोसा करते हैं. उन्हें गुजरात में पीएम मोदी की नाक-कान माना जाता है. उनकी काबिलियत का अंदाजा आप इस बात से लगा लीजिए कि 72 साल की उम्र में उन्हें उपराज्यपाल जैसे संवैधानिक पद पर बिठाया गया है. इससे पहले उन्हें रिटायरमेंट के बाद धीरे-धीरे करके कुल 9 बार सेवा विस्तार दिया गया. सरकारी नौकरी से आखिरी एक्सेंटन उन्हें जनवरी 2023 में मिला था जब गुजरात में बीजेपी की सातवीं बार प्रचंड वापसी हुई थी. तब कैलाशनाथन को नौवीं बार विस्तार देकर गुजरात के मुख्यमंत्री आफिस में रोका गया था.

गुजरात में कैसे बने सबसे शक्तिमान?

कैलाशनाथन 1979 बैच के IAS हैं. तकनीकि रूप से वो 31 मई, 2013 को रिटायर हो गए थे. लेकिन गुजरात उन्हें इतना पसंद आया कि वहां गए तो वहीं के होकर रह गए. साल 2001 में मोदी ने गुजरात के मुख्यमंत्री का पद संभाला था और इस दौरान कैलाशनाथन को उनके साथ काम करने का मौका मिला. कहा जाता है कि साल 2014 में नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद कुनियिल कैलाशनाथन गुजरात में उनकी 'आंख और कान' बनकर रहे. KK ने सरकार में करीब आधी सदी तक काम किया. कैलाशनाथन के वोलेंट्री रिटायरमेंट (VRS) लेने के बाद से कहा जा रहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उन्होंने PMO में किसी बड़ी भूमिका में ला सकते हैं या राज्यपाल बना सकते हैं. 

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24 साल से मोदी के साथ

कैलाशनाथन की शुरुआती वक्त उटी में बीता. के कैलाशनाथन के पिता डाक विभाग में काम करते थे. यूनिवर्सिटी ऑफ मद्रास से केमिकल में पीजी की डिग्री हासिल करने वाले के कैलाशनाथन ने यूनिवर्सिटी ऑफ वेल्स से इकोनॉमिक्स में MA की पढ़ाई की है. UPSC (सिविल सेवा) में सेलेक्शन के बाद 1981 में पहली पोस्टिंग मिली. 1985 में कैलाशनाथन पहले सुरेंद्र नगर और दो साल बाद सन 1987 में सूरत के जिला कलेक्टर बने. इसके बाद कैलाशनाथन को गुजरात मैरीटाइम बोर्ड का CEO बनाया गया. 

1994-95 में कैलाशनाथन गुजरात के मुख्य निर्वाचन अधिकारी भी थे. 1999 से 2001 तक अहमदाबाद के निगम कमिश्नर के तौर पर काम करने का भी मौका मिला. इसके बाद वे शहरी विभाग में प्रिसिंपल सेक्रेटरी नियुक्त हुए. अर्बन हाउसिंग विभाग की जिम्मेदारी संभालते हुए बीआरटीएस प्रोजेक्ट की स्टीयरिंग कमेटी के अध्यक्ष भी रहे. 

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31 मई, 2013 को अपने रिटायरमेंट के समय कैलाशनाथन सीएम के एडीशनल चीफ सेक्रेटरी थे. अपने काम की अमिट छाप छोड़ने वाले KK बस कागजों पर रिटायर हुए. 33 साल की नौकरी के बाद पहली बार उनके लिए मुख्यमंत्री कार्यालय में चीफ प्रिंसिपल सेक्रेटरी की पोस्ट क्रिएट की गई. तब से वे इस पोस्ट पर जमे हुए थे. कहते हैं गुजरात में उनकी भूमिका अलग थी. इतने लंबे करियर में उनका कभी भी किसी से टकराव नहीं हुआ.

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