Bihar Politics: नीतीश कुमार के 8 बार सीएम बनने के बाद भी क्यों नहीं हो पाया बिहार का विकास? खुद बताई बड़ी वजह
Advertisement
trendingNow11424358

Bihar Politics: नीतीश कुमार के 8 बार सीएम बनने के बाद भी क्यों नहीं हो पाया बिहार का विकास? खुद बताई बड़ी वजह

Bihar Special Status: नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने बिहार (Bihar) को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने का मुद्दा एक बार फिर उठाया है. नीतीश कुमार ने कहा कि विशेष राज्य का दर्जा मिल गया होता तो और ज्यादा विकास हो गया होता.

नीतीश कुमार ने केंद्र पर साधा निशाना.

Nitish Kumar On Special Status: बिहार (Bihar) के सीएम नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने केंद्र सरकार पर बिना नाम लिए निशाना साधा है. नीतीश कुमार ने कहा कि गरीब राज्यों के लिए कुछ किए बिना झूठा प्रचार-प्रसार हो रहा है. 2 महीने पहले बीजेपी से नाता तोड़ लेने वाले नीतीश कुमार ने इस बात पर भी अफसोस जताया कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा जो सभी गरीब राज्यों को मिलना चाहिए, देने की लंबे समय से चली आ रही मांग को केंद्र सरकार ने स्वीकार नहीं किया. नीतीश कुमार ने इसी को बिहार के तेजी से विकास में रुकावट बताया.

बिहार के विकास में क्या है रुकावट?

सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि केंद्र पिछड़े राज्यों की मदद नहीं कर रहा है. बिहार में विशेष दर्जे की मांग बहुत पुरानी है, लेकिन केंद्र ने इस मांग पर चुप्पी साध रखी है. अगर बिहार को यह दर्जा मिल जाता तो यहां और विकास होता. मैं अपने दम पर राज्य के विकास में लगा हुआ हूं.

विपक्ष को एकजुट करने में जुटे नीतीश

गौरतलब है कि 8वीं बार बिहार के मुख्यमंत्री बने नीतीश कुमार साल 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को हराने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर विपक्ष को एकजुट करने की कोशिश कर रहे हैं. मुख्यमंत्री सचिवालय में आयोजित कार्यक्रम में नीतीश कुमार ने समाज के कमजोर वर्गों, विशेषकर अल्पसंख्यकों और दलितों के उत्थान को सुनिश्चित करने के लिए अपनी सरकार के प्रयासों के बारे में बात की.

उर्दू पर नीतीश ने कही ये बात

सीएम नीतीश कुमार ने गुरुवार को उर्दू अनुवादक और अन्य उर्दू कर्मियों के नियुक्ति पत्र वितरण कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि हिंदी के साथ उर्दू जानेंगे तो आपकी भाषा और बेहतर होगी. इस कार्यक्रम में कुल 183 उर्दू अनुवादक और अन्य उर्दू कर्मियों को नियुक्ति पत्र वितरित किया गया है, जिसमें उर्दू अनुवादक, सहायक उर्दू अनुवादक, निम्नवर्गीय उर्दू लिपिक और निम्नवर्गीय हिंदी लिपिक शामिल हैं.

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने जब इस बात की समीक्षा की कि कितने पद सृजित हैं और कितने पर बहाली हुई है, तो जानकारी मिली कि कुल स्वीकृत पद 2247 हैं. जिसमें 1294 पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया अंतिम चरण में है. सभी स्वीकृत पदों पर जल्द ही बहाली होगी सभी व्यक्तियों को हिंदी और उर्दू के प्रयोग का अधिकार है. जैसे हिंदी है वैसे ही उर्दू है, दोनों को बराबर की स्वीकृति मिली हुई है. सरकार हिंदी के साथ-साथ उर्दू को बढ़ावा दे रही है.

(इनपुट- भाषा)

ये ख़बर आपने पढ़ी देश की नंबर 1 हिंदी वेबसाइट Zeenews.com/Hindi पर

Breaking News in Hindi और Latest News in Hindi सबसे पहले मिलेगी आपको सिर्फ Zee News Hindi पर. Hindi News और India News in Hindi के लिए जुड़े रहें हमारे साथ.

TAGS

Trending news