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लखनऊ: पिछले कुछ महीनों से बीएसपी अध्यक्ष मायावती (BSP Chief Mayawati) समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) से बेहद नाराज हैं. मायावती ट्वीट और पीसी कर अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) और सपा पर लगातार हमला बोल रही हैं. ये यूं ही नहीं है, दरअसल इसके पीछे की कुछ खास वजह हैं.
2019 का लोक सभा चुनाव मायावती (Mayawati) और अखिलेश (Akhilesh Yadav) ने एक साथ मिलकर लड़ा था. हालांकि सपा-बसपा का गठबंधन सफल नहीं रहा और बीजेपी को यूपी में यह गठबंधन भी नहीं रोक पाया. यूपी की सियासत के जानकार यह मानते हैं कि सपा और बसपा के गठबंधन से सबसे ज्यादा फायदा बीएसपी को हुआ. जो बीएसपी 2014 के लोक सभा चुनाव में जीरो सीट पर थी, वो 2019 में 10 लोक सभा सीटें जीत गई. लेकिन सपा को कोई फायदा नहीं हुआ. सपा महजज 5 सीटों पर ही सिमट गई.
लोकस भा चुनाव के बाद से मायावती ने कई प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) पर सीधे हमला बोला लेकिन अखिलेश लोक सभा चुनाव के बाद से ही मायावती पर शांत हैं. अखिलेश से जब भी मायावती पर सवाल पूछा जाता है तो अखिलेश या तो सवाल टाल जाते हैं या फिर कहते हैं कि मैं मायावती जी का बहुत सम्मान करता हूं. अखिलेश के इन बयानों से सवाल उठते हैं कि आखिरकार सपा मायावती पर इतनी सॉफ्ट क्यों है, वो भी जब मायावती खूब सियासी हमले बोल रही हैं.
इसका जवाब है यूपी का 21% दलित वोट बैंक. अखिलेश यादव की नजर अब बीएसपी के दलित वोट बैंक पर है. अखिलेश लोक सभा चुनाव के बाद से बीएसपी के तकरीबन 30 से ज्यादा बड़े नेताओं को सपा में शामिल करा चुके हैं. दरअसल अखिलेश यादव को यह लगता है कि बीजेपी विरोध का जो दलित वोट बैंक है वो सपा को मिल सकता है. इसीलिए ना तो अखिलेश और ना ही उनकी पार्टी मायावती पर कुछ भी बोलती है.
बीएसपी के 7 विधायक भी अब बागी हो चुके हैं और अखिलेश यादव से मुलाकात कर चुके हैं, जो कि आने वाले दिनों में सपा में शामिल हो सकते हैं.
1. अलम राईनी (भिनगा, श्रावस्ती)
2. असलम अली (धौलाना, हापुड़)
3. मुजतबा सिद्दीकी (प्रतापपुर, प्रयागराज)
4. हाकिम लाल बिंद (हंडिया, प्रयागराज)
5. हरगोविंद भार्गव (सिधौली सीतापुर)
6. सुषमा पटेल (मुंदरा बादशाहपुर, जौनपुर)
7. वंदना सिंह (सगड़ी आजमगढ़)
अब आपको बताते हैं कि बीएसपी को वो बड़े चेहरे जो सपा में शामिल हो चुके हैं.
1. इंद्रजीत सरोज, कौशांबी
2. रामप्रसाद चौधरी, बस्ती
3. अरविंद चौधरी, पूर्व सांसद, बस्ती
4. त्रिभुवन दत्त, अंबेडकरनगर
5. अंबिका चौधरी, बलिया
6. आरके चौधरी, मोहनलालगंज
7. सीएल वर्मा, लखनऊ
8. केके गौतम, लखनऊ
9. सुनीता वर्मा, मेरठ
10. योगेश वर्मा, मेरठ
11. अमरपाल शर्मा, पूर्व बीएसपी विधायक
12. धर्मपाल सिंह, पूर्व विधायक, आगरा
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यह तो कुछ प्रमुख चेहरे हैं, हालांकि लिस्ट काफी लंबी है.
विद्या चौधरी, आजमगढ़
वीरेन्द्र सिंह, वाराणसी
दयाराम पाल, यूपी बीएसपी के पूर्व अध्यक्ष, आजमगढ़
मिठाईलाल, मऊ
बालेश्वर यादव, कुशीनगर
अमरपाल शर्मा, पूर्व विधायक साहिबाबाद
कमलेश गुप्ता, हंडिया, प्रयागराज
बच्चू निषाद, आगरा
अनीस अहमद, बरेली
जमीर उल्ला, पूर्व विधायक, अलीगढ़
अवधेश वर्मा, पूर्व मंत्री, शाहजहांपुर
विजयपाल, पूर्व विधायक, बरेली
कालीचरण राजभर, पूर्व विधायक, जहूराबाद, गाजीपुर
जयनारायण तिवारी, सुल्तानपुर
पूर्व आईपीएस गुरबचन लाल, पुवायां, शाहजहांपुर
आसिफ खां बब्बू, पूर्व विधायक, शाहाबाद, हरदोई
नसरीना बानो, नगरपालिका चेयरमैन, शाहाबाद, हरदोई
महेश आर्य, पूर्व एमएलसी, राष्ट्रीय महासचिव, फिरोजाबाद
उमेश पाण्डेय, मऊ
रघुनाथ प्रसाद शंखवार, कानपुर-लखनऊ
कैलाश नाथ यादव, गाजीपुर
राजेन्द्र कुमार, पूर्व कैबिनेट मंत्री, मऊ
परशुराम निषाद, महाराजगंज-गोरखपुर
विश्वनाथ और आनंद निषाद, गोरखपुर
गंगाराम पाल, भोगनीपुर, कानपुर देहात
प्रभु दयाल चौहान, महाराजगंज
तिलकचंद्र अहिरवार, पूर्व विधायक, झांसी
फेरनलाल अहिरवार, पूर्व विधायक, ललितपुर
अनिल अहिरवार, पूर्व विधायक, राठ
मसूद आलम, गोंडा
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