तार के टुकड़े को सेफ्टी पिन क्यों कहते हैं? क्या आपको है मालूम है इसकी वजह
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तार के टुकड़े को सेफ्टी पिन क्यों कहते हैं? क्या आपको है मालूम है इसकी वजह

Safety Pin Story: अक्सर हम उन चीजों से बेहद अनजान होते हैं, जोकि बेहद कॉमन या फिर हमारे आस-पास होती हैं. चलिए हम आपको नॉलेज की इस खबर में बताते हैं सेफ्टी पिन (Safety Pin) से जुड़ी रोचक बातें...

फाइल फोटो

Safety Pin Story: सेफ्टी पिन के नाम में 'सेफ्टी' जुड़ा हुआ है. लोग इससे सुरक्षा के बजाए कई दूसरे कामों में इसका इस्तेमाल करते हैं. दांत की सफाई से लेकर इमरजेंसी में कपड़े के फटने पर या कभी कभी लोग बटन के रूप में भी इसका इस्तेमाल करते हैं. कपड़ों से लेकर कागज बांधने तक लोग इसका इस्तेमाल करते हैं. एक छोटे तार से बनी ये चीज बड़े काफी काम की है. लेकिन, क्या आपको सेफ्टी पिन का इतिहास पता है. इसके नाम की क्या कहानी है. इसका आविष्कार किस कारण और कैसे हुआ और सबसे रोचक सवाल ये कि इस काम की चीज को किसने बनाया था? 

  1. सेफ्टी पिन के बारे में जानते हैं?
  2. कैसे हुआ इसका अविष्कार
  3. जानें इससे जुड़ी पूरी कहानी

वॉल्टर हंट का कमाल

कहा जाता है सेफ्टी पिन का आविष्कार वॉल्टर हंट ने किया था. वॉल्टर हंट ऐसी ही छोटी-छोटी चीजों के आविष्कार के लिए जाने जाते थे. ऐसे में एक बार उन पर काफी कर्ज था और उस कर्ज को चुकाने के लिए वो नए-नए आविष्कार कर रहे थे. इसी उधेड़बुन में सेफ्टी पिन का अविष्कार शामिल हो गया. जी हां और इसके बनने के बाद उन्हें जब पता चला कि ये काम की चीज है तो उन्होंने इसका पेटेंट कराया फिर उसे बेच दिया तब ऐसा करने पर उन्हें 400 डॉलर मिले थे.

इतना ही नहीं, उन्होंने सेफ्टी पिन के साथ पेन, स्टोन, चाकू की धार तेज करने वाले औजार, स्पिनर आदि का भी आविष्कार किया था. यहां तक कि उन्होंने सिलाई मशीन भी बनाई थी. इंटरनेट पर उनके सेफ्टी पिन बनाने को लेकर कई कहानियां भी प्रचलित है.

जुगाड़ बना इजाद

कहते हैं कि उन्होंने पत्नी की ड्रेस में लगे हुए बटन के टूट जाने पर उस वक्त एक तार से जुगाड़ कर दिया था, जो बटन का काम कर रहा था. वहीं इसके बाद उन्होंने तार से ही ये सेफ्टी पिन बनाई, जिसे ड्रेस पिन ही कहा गया. इसका असली नाम ड्रेस पिन ही है. बदलते दौर में भी इसकी उपयोगिता कम नहीं हुई इसलिए इसे बनाने वाली कंपनियों ने इसकी डिजाइन में छेड़छाड़ किए बगैर इसे महिलाओं की साड़ी के रंग के हिसाह से कलरफुल बना दिया. हालांकि ओरिजनल सेफ्टी पिन आज भी स्टील की रंगत और चमक लिए हुए है. जिसका जलवा आज भी बरकरार है.

इसलिए सेफ्टी पिन पड़ा नाम

ऐसा भी कहा जाता है कि हंट के इस इजाद के बाद तार की जगह इस पिन का इस्तेमाल होने लगा था. इस पिन से लोगों की उंगुलियों की सुरक्षा हो रही थी. इस पिन की वजह से उंगलियों की इंजरी काफी कम हो गई थी, इस वजह से इसे सेफ्टी पिन कहा जाने लगा. आपको बता दें कि इसका अहम काम कपड़ों में काम आने वाले ड्रेस पिन के तौर पर ही है. महिलाएं साड़ी से लेकर सलवार कमीज तक के लिए सेफ्टी पिन का इस्तेमाल करती हैं. वहीं इंजरी से बचाए रखने के लिए इसे सेफ्टी पिन कहा जाता है.

 

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