ये बदमाश और शातिर अब ज्यादातर महिला यात्रियों पर केमिकल अटैक कर उन्हें निशाना बनाने लगे हैं.
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मुंबई : मुंबई की लाइफलाइन लोकल ट्रेन से यात्रा करने वाले यात्रियों के ऊपर केमिकल अटैक का खतरा मंडरा रहा है. अब तक यात्रियों के पर्स और मोबाइल पर हाथ साफ़ करने वाले चोरों और बदमाशों ने अब एक खतरनाक हथकंडा अपनाया है. ये बदमाश और शातिर अब ज्यादातर महिला यात्रियों पर केमिकल अटैक कर उन्हें निशाना बनाने लगे हैं.
एक आरोपी रंगे हाथों गिरफ्तार
ये शातिर महिलाओं के प्राइवेट पार्ट पर केमिकल से हमला बोल भीड़ में गायब हो जाते है. मामले में जीआरपी ने आरोपी को आज सुबह रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया.
दरअसल मुंबई के व्यवस्ततम स्टेशनों में एक अंधेरी स्टेशन का सबसे बड़ा ब्रिज. बड़ा ब्रिज इसलिए क्योंकि यह अंधेरी पूर्व और पश्चिम को जोड़ने के साथ-साथ मेट्रो स्टेशन को भी जोड़ता है. शातिर ने अपने नए हथकंडे से इस ब्रिज पर अब तक आधा दर्जन महिला यात्रियों को अपना निशाना बनाया है.
प्राइवेट पार्ट में डालते हैं कैमिकल
इस हथकंडे के जरिये शातिर अचानक भीड़ में महिला यात्रियों के प्राइवेट पार्ट पर केमिकल फेंकता है और रफूचक्कर हो जाता है, इससे महिलाओं की त्वचा में जलन होने लगती है और साथ ही कपड़े भी जल जाते है. ताज़ा शिकार गायत्री आंचल हुई है. अब इसे गायत्री आंचल की खुशकिस्मती कह लीजिए या फिर किस्तम इस हमले में उन्हें किसी तरह की चोट या घाव नहीं आए.
अब तक कई मामले आ चुके हैं सामने
- इससे पहले 7 दिसंबर 2018 को 24 साल की महिला यात्री वेदंगी लघाते पर केमिकल फेंका गया. अचानक से केमिकल की वजह से लघाते के कपड़े बुरी तरह से जल गए और उनकी स्किन काली पड़ गई.
- 13 दिसंबर को 19 साल की छात्रा श्रद्धा मिस्त्री पर भी केमिकल से हमला हुआ था. महिला के कपड़े पर पड़े केमिकल्स से उसकी त्वचा जलने लगी. घटना के बाद महिला यात्रियों को कूपर अस्पताल भेजा गया था.
- 18 दिसंबर को एक अन्य महिला के ऊपर भी उसी तरह का हमला. महिला ने जीआरपी को दी जानकारी, लेकिन मामला दर्ज कराने से किया मना.
रेलवे पुलिस ने की घटना की जांच
इन घटनाओं के सामने आने के बाद रेलवे पुलिस ने इसकी जांच करनी शुरू कर दी थी, बाकायदा निर्भया टीम भी रेलवे स्टेशन पर गस्त लगाती है. रेलवे पुलिस ने ऐसे अपराधियों से निपटने और उन्हें पकड़ने के लिए जाल भी बिछा रखा है. गुरुवार को हिरासत में लिए गए आरोपी से पुलिस छानबीन कर रही है.पुलिस के लिए सबसे बड़ी मुश्किल यह है कि ब्रिज के जिस हिस्से में यह घटनाएं सामने आई हैं वहां पर सीसीटीवी कैमरा नहीं है, हालांकि इस मामले में पीड़ित गायत्री के बयान पर आरोपी के खिलाफ मामला रेलवे पुलिस ने दर्ज किया है.
फोरेंसिक जांच के लिए भेजे गए सुबूत
इन घटनाओं के बाद रेलवे पुलिस ने महिलाओं के कपड़े फोरेंसिक जांच के लिए लैब में भेज दिए हैं. फोरेंसिक जांच के बाद रिपोर्ट आने के बाद ही यह पता लग पाएगा कि वह कौन सा केमिकल है. पुलिस को अंदेशा है कि यह फेवीक्विक जैसा कोई सफेद केमिकल है, जिसका इस्तेमाल असामाजिक तत्व मोबाइल या फिर चेन छिनैती को अंजाम देने के लिए कर रहा होगा ताकि यात्री को शिकार बनाते समय उसे भ्रमित किया जा सके. फिलहाल पुलिस एक आरोपी को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है लेकिन लोकल की महिलाएं खौफ में जरूर है.