Corona में काम-धंधे छूटे, अब घर लौटना भी हो रहा मुश्किल; मजदूरों की दुखद दास्तान
Advertisement
trendingNow1887714

Corona में काम-धंधे छूटे, अब घर लौटना भी हो रहा मुश्किल; मजदूरों की दुखद दास्तान

कोरोना के बढ़े संक्रमण और देश के विभिन्न शहरों में हो रहे लॉकडाउन ने मजदूरों की हालत दयनीय कर दी है. इन परिस्थितियों में उनके काम धंधे तो छूट ही रहे हैं, साथ ही उनके लिए अपने गांव वापस लौटना भी दूभर हो रहा है.

अपने घरों की ओर पलायन करते मजदूर (फाइल फोटो)

नई दिल्ली: भोला और अफजल अपने परिवार के साथ दिल्ली के आनंद विहार (Anand Vihar) रेलवे स्टेशन के बाहर इंतजार कर रहे हैं. उनका यह इंतजार कब खत्म होगा, किसी को नहीं पता है. वे छोटे-छोटे बच्चों और महिलाओं के साथ पूरा सामान साथ लेकर चल रहे हैं.

  1. रीवा के रहने वाले हैं भोला और अफजल
  2. बस वाले मांग रहे हैं मनमाना किराया
  3. रेलवे में नहीं मिल पा रहा है टिकट

रीवा के रहने वाले हैं भोला और अफजल

भोला और अफजल मध्य प्रदेश के रीवा के रहने वाले हैं. दोनों ही अपने परिवार के साथ सोनीपत के पास पोल्ट्री फार्म में काम करते थे. बर्ड फ्लू के चलते फॉर्म बंद हुआ तो मालिक ने उनको घर जाने को कह दिया. परिवार को खाना कैसे खिलाते, ऐसे में मजबूरी में घर जाने का फैसला लेना पड़ा. अपना सारा सामान समेट के दोनों लोग घर जाने के लिए निकल पड़े हैं. 

बस वाले मांग रहे हैं मनमाना किराया

परिवार और सामान को आनंद विहार रेलवे स्टेशन तक लाने में उनके 2 हजार रुपये खर्च हो चुके हैं. अफजल कह रहे हैं पहले बस के जरिए जाने की कोशिश की लेकिन बस वाले किराया बहुत मांग रहे हैं. आनंद विहार से प्रयागराज तक का यानी आधे रास्ते तक का ही वह 1500 रुपये प्रति यात्री मांग रहे हैं. ऐसे में परिवार के 8 लोगों का किराया देना उनके बूते की बात नहीं. लिहाजा रेलवे स्टेशन आ गए कि शायद ट्रेन का टिकट मिल जाए. अफजल के मुताबिक रेलवे स्टेशन पर बताया जा रहा है कि ट्रेन ( Train) में महीने भर की वेटिंग है. 

रेलवे में नहीं मिल पा रहा है टिकट

आनंद विहार रेलवे स्टेशन के बाहर की यही कहानी है, जहां कई परिवार ऐसी मुश्किल में फंसे हैं. रेलवे (Railway) ने कहा है कि जिस रूट पर भी यात्रियों की तादाद ज्यादा बढ़ेगी, वहां विशेष ट्रेनें चलाएगा. रेलवे ने अगले 3 दिन के लिए बिहार की तरफ 5 स्पेशल ट्रेनें चलाने का भी ऐलान किया है. रेलवे का कहना है कि केवल कंफर्म टिकट वाले यात्रियों को ही यात्रा करने की अनुमति दी जाएगी. हालांकि हर कोच में आपको ऐसे यात्री मिल जाएंगी, जिनके पास कंफर्म टिकट नहीं है लेकिन मजबूरी वे टॉयलेट के पास खड़े होकर या फर्श पर बैठकर यात्रा करने को मजबूर हैं. 

ये भी पढ़ें- 'दिल्‍ली में 8-12 घंटे की ऑक्‍सीजन, अगर सुबह तक नहीं मिली तो मच जाएगा हाहाकार'

परेशान हाल है मजदूर तबका

इस महामारी के दौर में सबसे ज्यादा मुश्किल में गरीब तबका है. लॉकडाउन की वजह से उनके काम धंधे ठप हो चुके हैं. ऐसे में बच्चों का पेट पालने के लिए वह गिरता-पड़ता अपने गांवों की ओर जाने के लिए मजबूर है. लेकिन वहां तक पहुंचना भी उसके लिए इतना आसान नहीं है. अगर सरकार ने जल्द ही इस तबके की मदद नहीं की तो पलायन की ऐसी ही हजारों दर्द भरी कहानियां इस साल भी लिखी जाएंगी.

LIVE TV

Breaking News in Hindi और Latest News in Hindi सबसे पहले मिलेगी आपको सिर्फ Zee News Hindi पर. Hindi News और India News in Hindi के लिए जुड़े रहें हमारे साथ.

TAGS

Trending news