ऑपरेशन, आपकी रसोई में... मसालों में मिलावट पर ZEE NEWS का सबसे बड़ा खुलासा
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ऑपरेशन, आपकी रसोई में... मसालों में मिलावट पर ZEE NEWS का सबसे बड़ा खुलासा

दिल्ली का खारी बावली (Khari Baoli) मसाला मार्केट वो मार्केट है, जहां से दिल्ली ही नहीं देश के कई राज्यों में मसाले जाते हैं. यानी अगर आप दिल्ली के नहीं हैं तो इसका मतलब ये नहीं कि ये खबर आपके लिए नहीं है. इस तहकीकात का नाम दिया है 'ऑपरेशन, आपकी रसोई में.' इसके जरिए आपको पता चलेगा कि आपकी थाली में स्वाद और सेहत के नाम पर कैसे 'जहर' परोसा जा रहा है.

मसालों पर ZEE NEWS की तहकीकात.

नई दिल्ली: कोरोना काल में एक तरफ सेहत के प्रति लोगों को अधिक सचेत रहने के लिए लगातार जागरूक किया जा रहा है वहीं मिलावटखोर आपकी थाली में जहर परोस रहे हैं. यह हकीकत सामने आई ZEE NEWS की दिल्ली के मसाला बाजार खारी बावली में की गई पड़ताल में. तहकीत में सामने आया, हल्दी या सब्जियों में पड़ने वाले मसाले में जमकर मिलावट की जा रही है. शुद्धता को परखने की पड़ताल में बेहद हैरान करने वाला सच सामने आया है. ज़ी न्यूज के दो अंडरकवर रिपोर्टर अभिषेक राज और अभिषेक कुमार ने छिपे कैमरे से इस शुद्धता को तलाश करने की कोशिश की लेकिन जो सच सामने आया वह डराने वाला है. 

दिल्ली का खारी बावली मसाला मार्केट वो मार्केट है, जहां से दिल्ली ही नहीं देश के कई राज्यों में मसाले जाते हैं. यानी अगर आप दिल्ली के नहीं हैं तो इसका मतलब ये नहीं कि ये खबर आपके लिए नहीं है. इस तहकीकात का नाम दिया है 'ऑपरेशन, आपकी रसोई में.' हालांकि ये तहकीकात आपकी रसोई में नहीं हुई है लेकिन इसका असर सीधा आपकी रसोई में है. मसाले बाजार से आपकी रसोई में आते हैं और फिर खाने के जरिये आपके शरीर में जाते हैं.

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जगह - आज़ाद मार्केट, खारी बावली, पुरानी दिल्ली

ज़ी न्यूज़ के अंडरकवर रिपोर्टर्स बिहार के व्यापारी बनकर एशिया के सबसे बड़े मसाला मार्केट में पहुंचे हमारे पास जानकारी थी कि यहां कुछ दुकानों में मसालों में मिलावट का काम होता है. हम वो सच सबके सामने लाना चाहते थे. एक ऐसे ही मसाले की दुकान पर ज़ी न्यूज के दोनों अंडरकवर रिपोर्ट पहुंचे और फिर बातचीत शुरू हुई-

रिपोर्टर - मसाला चाहिए था भाई
व्यापारी- हां जी मिल जाएगा
रिपोर्टर- पिसा हुआ मिलेगा ?
व्यापारी- सबकुछ मिल जाएगा
रिपोर्टर- पीस के दोगे? ट्रांसपोर्ट करवाना था। दिखाइए  
व्यापारी- कितना-कितना किलो चाहिए?
रिपोर्टर- यार एक-एक कट्टा, सबका 30-30 किलो का कट्टा है ना 

इसके बाद दुकानदार ने सबसे पहले हमें धनिया पाउडर दिखाना शुरू किया 

रिपोर्टर- दिखाओ पहले क्वालिटी
व्यापारी- आओ जल्दी आप फटाफट धनिया दिखाओ, हल्दी दिखाओ, मिर्ची दिखाओ
व्यापारी- फटाफट दिखा
रिपोर्टर- ये क्वालिटी एक नंबर चाहिए ना?
व्यापारी- नहीं, नहीं, नहीं मिला हुआ चाहिए, मतलब प्रीमियम चाहिए, सुपर चाहिए, हल्का चाहिए
रिपोर्टर- तीनों दिखाना, प्रीमियम दिखाना पहले

इसके बाद धनिया पाउडर की क्ववालिटी पर दुकानदार से सवाल-जवाब शुरू हुआ,  ताकि दुकानदार पूरी तरह खुल सके

व्यापारी - ये है मिडियम
रिपोर्टर- ये मिडियम है
व्यापारी- प्रीमियम दिखाओ भाई
रिपोर्टर- देखना यार गौरव कहां गया, गौरव, देखना यार ये
दूसरा आदमी- ये मिडिल है
रिपोर्टर- हां
दूसरा आदमी- धनिया है
रिपोर्टर- ठीक है मिडिल
व्यापारी- ये प्रीमियम है 
रिपोर्टर- ये प्रीमियम क्वालिटी है...वो वाला दिखाइएगा

धनिया पाउडर की अच्छी क्वालिटी देखने के बाद ज़ी न्यूज़ के दोनों अंडरकवर रिपोर्टर असली मुद्दे पर आए और दुकानदार से खराब क्वालिटी या मिलावटी धनिया पाउडर दिखाने की बात कही.

रिपोर्टर- अच्छा वो वाला दिखाइए, थर्ड वाला
व्यापारी- थर्ड क्वालिटी दिखा तो दूंगा पर आपके पास चलेगी नहीं
रिपोर्टर- क्यों ?
व्यापारी - ना के बराबर ही, कूड़ा है ये..
रिपोर्टर - दिखाइए ना, क्या है उसमें ?
व्यापारी- कुछ नहीं है उसमें, बाजरा है खाली ये समझ लो

धनिया पाउडर में बाजरे की मिलावट की बात दुकानदार के मुंह से सुनकर पहले तो यकीन नहीं हुआ. फिर भी ZEE NEWS के अंडरकवर रिपोर्टर ने दुकानदार से थर्ड ग्रेड क्वाविटी का धनिया पाउडर दिखाने पर जोर दिया,ताकि मिलावटी मसाले की सच्चाई सामने आ सके.

व्यापारी - एक थोड़ा टेस्ट होता है ना, आना चाहिए ना कुछ नहीं है. बाजरा होगा ये समझ लो मैं दिखा देता हूं, कोई दिक्कत नहीं है
रिपोर्टर - हमको थोड़े ही खाना है, हमको भी मार्केट में बेचना ही है
इसके बाद दुकानदार दुकान के अंदर से मिलावटी धनिया पाउडर लेकर आया और दिखाने लगा.

व्यापारी- ये देखो ये है
रिपोर्टर - कपड़ों में लग रहा है
व्यापारी - कुछ नहीं है भईया जी बस ये समझ लो
            - बाजरा है, डंडी वगैरह मिक्स है
             - स्मेल है कुछ ?
            - बता के देने में फायदा है, फिर बाद में आप कमेंट करो आर्ग्युमेंट करो
           -  अच्छा नहीं लगता है पहले ही स्टार्टिंग में बता देते हैं

इस सच ने होश उड़ा दिए. धनिया पाउडर में बाजरा और धनिए की डंडी? मिलावट करने के बावजूद  दुकानदार इस बात की ईमानदारी से दावा कर रहा है कि वो थर्ड क्वालिटी बेचने से पहले उसके बारे में बता देता है. हमने दुकानदार से मिलावट को लेकर कुछ और सवाल किए.

रिपोर्टर - इसमें क्या-क्या है, इसमें सिर्फ बाजरा मिला है?
व्यापारी - बाजरा हो गया, धनिए की डंडी होती है, सपोज करो ये रहा
रिपोर्टर- ये तो डालते हैं, ये तो नॉर्मल में भी डालते हैं,
व्यापारी- नहीं नहीं डंडी होती है  
व्यापारी -  कुछ नहीं है ये, लो न लो बेकार है ये
              अगर मिक्स करके चलाना चाहते हो तो फिर ठीक है
              बेस्ट क्वालिटी और ये मिक्स कर दिया प्रीमियम वाली
               फिर कुछ मिक्स हो भी जाएगा

दुकानदार ने खुद कबूल किया कि मिलावटी धनिया पाउडर किसी काम का नहीं, उसे खाएं या न खाएं बात बराबर है. दुकानदार ने लगे हाथों इस मिलावटी पाउडर का दाम भी बता दिया.

रिपोर्टर- ये कैसे है
व्यापारी- ये 50 रुपए है
रिपोर्टर- 50 रुपए
व्यापारी- हां

बाजार में धनिया पाउडर खरीदेंगे तो एक किलो के लिए करीब 200 रुपए देने होंगे लेकिन दिल्ली के खारी बावली में इस दुकानदार के यहां मिलावटी धनिया पाउडर का थोक रेट सिर्फ 50 रुपए प्रति किलो है. अब आप धनिया में की जाने वाली मिलावट को लेकर कुछ और सच जानिए-

रिपोर्टर- और इसमें
व्यापारी- ये, तो भई भैया बता रहा हूं मैं आपको, बाजरा या डंडी,
रिपोर्टर- बस बाजरा...
व्यापारी- बाजरा और डंडी
रिपोर्टर- तो कलर कहां से लाते हैं आप ?
व्यापारी- बाजरे का कलर ही ऐसे ही है
रिपोर्टर- फिर भी धनिया का टेस्ट तो हल्का फुल्का आता ही होगा ?
व्यापारी-  धनिया की डंडी डालते हैं न तो डंडी जो टेस्ट देती है, सपोज करो ये मिर्च है, इसको मिर्च भी खाओगे पीछे की डंडी भी खाओगे, डंडी का स्वाद आएगा ही, वो बात हो जाती है बस.

यानि धनिया की डंडी से उसके स्वाद का मिलावटी कारोबार चल रहा है. दुकानदार की बातों से अबतक समझ आ गया था कि सिर्फ धनिया नहीं यहां कई और मसालों में मिलावट की जाती है और उसे बेचा जाता हैं. हमने दुकानदार से हल्दी को लेकर बात शुरू की.

रिपोर्टर- हल्दी में क्या है मामला ?
व्यापारी- हल्दी में मिक्स होता है चावल और रंग, टुकड़ा चावल आता है छोटा-छोटा वो मिक्स होता है
रिपोर्टर- हल्दी में
व्यापारी- और कलर आता है
रिपोर्टर- कलर
व्यापारी- येलो कलर

जिस हल्दी का इस्तेमाल हर रोज हमारे खाने में होता है, उस हल्दी में चावल का टुकड़ा और रंग मिलाया जाता है. कोरोना काल में हल्दी का इस्तेमाल काफी बढ़ गया है. लोग इम्युनिटी बढ़ाने के लिए काढ़ा में इसे डालते हैं, हल्दी दूध भी पीते हैं लेकिन दिल्ली के खारी बावली में बिक रही हल्दी आपको स्वस्थ नहीं बीमार कर सकती है.

रिपोर्टर- प्रीमियम में तो नहीं ही होता होगा?
व्यापारी - प्रीमियम में नहीं प्रीमियम में प्योर आती है
रिपोर्टर- Low वाले में जाता है
व्यापारी- Low वाले में
रिपोर्टर- और जीरा में
व्यापारी- जीरा में आप मीडियम क्वालिटी चलाइए बढ़िया चलता है. डिमांड अच्छी आती है, मीडियम में खराब कुछ नहीं है बस ये होता है. प्रीमियम क्वालिटी होती है तो शाइनिंग आती है, तो ऐसा कस्टमर आता है भैया. मेरे को प्रीमियम चाहिए होगा और मीडियम में ज्यादातर न सबसे ज्यादा डिमांड आती है सबसे ज्यादा घर से नहीं आती होटलों से आती है. होटलों से, रेस्टोरेंट से.

ये चौंकाने वाली बात थी, मसालों में मिलावट करने वाले ने बताया कि मिलावटी हल्दी और धनिया होटलों और रेस्टोरेंट में सप्लाई होती है. यानी आप अगर रेस्टोरेंट में खाने जाते हैं तो हो सकता है कि वहां मिलावटी मसाले का इस्तेमाल किया जाता हो. इसके बाद ज़ी न्यूज के दोनों अंडरकवर रिपोर्टर ने दुकानदार से प्रीमियम क्वालिटी और लो क्वालिटी के मिलावट की बात की तो उसने दुकान के अंदर न सिर्फ डेमो दिखाया बल्कि मिलावट करने का तरीका भी बताया.

रिपोर्टर- मतलब अगर मान लीजिए लो क्वालिटी का और प्रीमियम मिला के अगर चलाए तो कोई दिक्कत नहीं है न?
व्यापारी- नहीं कोई दिक्कत नहीं है बस यहीं मिलाना पड़ेगा सही से आपको
रिपोर्टर- मतलब मान लीजिए कितना? 50 किलो वो 20 किलो वो...चलेगा ना?
व्यापारी- हां, कोई दिक्कत नहीं है फिर तो रेस्पॉन्स ही नहीं आना खराब
रिपोर्टर- खराब नहीं होना चाहिए, शादी ब्याह में डालना है
व्यापारी- फिर तो कोई दिक्कत ही नहीं है, पता ही नहीं चलेगा बीच में 50 में जैसे ये मिक्स कर रहा है, ये देखो...
रिपोर्टर - कौन सा ये

व्यापारी- हां, जैसा ये है। एक प्रीमियम और low क्वालिटी ली, लेकिन मिलाना पड़ेगा भाई. इसको बढ़िया से मिलाना पड़ेगा, ये तो कम क्वांटिटी ले रहा है ना, आपको बड़ा सा तिरपाल बिछाना पड़ेगा, फिर मिक्स करना पड़ेगा.

मसालों में मिलावट करने वाले ने बताया कि शादी-ब्याह समारोह में भी ऐसे मिलावटी मसाले ले जाये जाते हैं. साथ ही उसने एक बार फिर मिलावटी मसालों के होटलों में जाने की बात कबूली.

रिपोर्टर-  तो यहां से तो माल सारा होटलों में जाता होगा? होटल, घर
व्यापारी- होटल, बेचने वाले ले जा रहे हैं, होटल में सप्लाई देता है ये लड़का...
व्यापारी- ये ऑर्डर लेकर आता है, ठीक है. होटलों में आगे सप्लाई करता है, अभी काम स्टार्ट किया है इसने, मोटे लेवल पर नहीं अभी छोटे लेवल पर है, पर ये है कि रोज के ऑर्डर लेकर आता है ये रोज के 10 हजार के 5000 के...

अब तक की बातचीत से ये साबित हो चुका था कि दिल्ली के खारी बावली में मसालों के नाम पर आपकी सेहत से खिलवाड़ हो रहा है. आगे अभी और खुलासे बाकी हैं.

हमारी जो रिपोर्ट आपने देखी, उससे निकली 10 बड़ी बातें भी आप जान लीजिए-
1 - दिल्ली में मिलावटी मसालों का कारोबार हो रहा है
2-  हमारी तहकीकात में धनिया और हल्दी में मिलावट का खुलासा हुआ
3-  धनिया पाउडर में बाजरे का इस्तेमाल हो रहा है
4-  धनिया में सूखे धनिये की डंडी मिलाई जा रही है
5-  हल्दी में टूटे चावल और रंग मिलाये जा रहे हैं 
6-  मिलावटी मसाले होटल वाले खरीद कर ले जाते हैं
7-  रेस्टोरेंट वाले भी मिलावटी मसाले ले जाते हैं
8-  मिलावटी मसाले दिल्ली से बाहर भी जाते हैं
9-  शादी-ब्याह में भी मिलावटी मसालों का इस्तेमाल होता है
10. खारी बावली में कई दुकानों पर मिलते हैं मिलावटी मसाले

मसालों पर ज़ी न्यूज की ये पूरी तहकीकात दिल्ली में एशिया की सबसे बड़ी मसाला मार्केट खारी बावली में की गई है. हमने आपको अभी इसी बड़े बाज़ार में आज़ाद मार्केट के एक दुकान का सच बताया. यहीं हमें छानबीन के दौरान ये बात पता चली कि यहां के छोटे व्यापारी ये मिलावटी मसाले आखिर कहां से लाते हैं? हमें जानकारी मिली कि पुरानी दिल्ली में मिठाई पुल इलाके में एक मिल है, जिसका मालिक खारी बावली में बड़े पैमाने पर मसालों में मिलावट का कारोबार करता है.

तीसरा स्टिंग-
मिल पर गए. मालिक आया, बात की. बोला- यहां नहीं रखते. आगे दुकान में रखते हैं. सारी बातें इसी दुकान पर हुईं.
मुख्य बात- धनिया में डंडी और बाजरा पीस कर मिलाते हैं
हल्दी में चावल पीसकर, चावल रंग वाला

ज़ी न्यूज़ के दो अंडर कवर रिपोर्टर की अगली छानबीन उन्हें पुरानी दिल्ली के मिठाई पुल इलाके में ले आई. यहां उन्हें एक मिल के बारे में पता चला, मिल के अंदर हमें असली धनिया भी दिखी और धनिया की डंडी भी दिखी.
जिसे आप भूसा भी कह सकते हैं, इस भूसे का इस्तेमाल असली धनिया में मिलावट के लिए किया जाता है. ये तस्वीरें कैमरे में रिकॉर्ड करने के बाद रिपोर्टर ने बिहार का एक व्यापारी बनकर मिल मालिक से बातचीत शुरू की.

रिपोर्टर- मसाला चाहिए था
व्यापारी- क्या चाहिए ?
रिपोर्टर- पीसा हुआ धनिया
व्यापारी- कितना ?
रिपोर्टर- 100 किलो
व्यापारी- मिल जाएगा

रिपोर्टर- दिखाओ यार क्या दोगे? धनिया की क्वालिटी मेरे को तीन तरह की चाहिए. एक मुझे चाहिए नॉर्मल, एक हल्का वाला. एक मिडिल और एक अपर. तीनों दिखाओ और तीनों में क्या-क्या होगा वो बताओ.
क्या-क्या मिलाओगे?
व्यापारी- मिलाना कुछ नहीं है, ये है.
रिपोर्टर- ये क्या है?
व्यापारी- ये लोअर, ये मिडिल, इसके बाद आएगा हायर

ज़ी न्यूज़ के अंडर कवर रिपोर्टर ने इस बातचीत के फौरन बाद यहां रखे धनिया के भूसों पर सवाल पूछा. इस पर मिल मालिक का चौंकाने वाला कबूलनामा आया. बोला- कम रेट वाली धनिया लेंगे तो धनिये की डंडी पीसकर देंगे. 

रिपोर्टर- ये क्या है, ये तो बीज है ना केवल?
व्यापारी- बीज नहीं है, धनिया है. ये टूटा हुआ होता है. ये आता है सस्ते रेट पर. ये ऐसे मलो, ये देखो...
रिपोर्टर- अच्छा
व्यापारी- लोग ये दिखाते हैं, हम बेचते हैं और एक अपर आता है ग्रीन कलर का
रिपोर्टर- इसमें डंडी मिली है?
व्यापारी- नहीं, डंडी-वंडी नहीं है. आप देख लो...
रिपोर्टर- डंडी तो है यार इसमें
व्यापारी- नॉर्मली कौन सी डंडी है ये
रिपोर्टर- ये देख रहे हो
व्यापारी- वो डंडी धनिया की ही होती है
रिपोर्टर- धनिया की डंडी तो है ना
व्यापारी- हां, तो लोअर में आप क्या लोगे? इससे भी बुरा होता है..

यानी खारी बावली के इस मिल में धनिया नहीं, धनिया का भूसा पैकेट में पैक करके बेचा जा रहा है. मिल मालिक हमारे लिए ऐसी मिलावटी धनिया बनाने को तैयार हो गया. उसने रेट भी बताया साथ में ये खुलासा भी किया कि धनिया में सिर्फ भूसे की मिलावट नहीं होती है. बल्कि उसमें बाजरा भी मिलाया जाता है.

रिपोर्टर- दिखाओ वो
व्यापारी- इससे भी बुरा होता है वो हम रखते नहीं ना. यहां सैंपल वाले बहुत आते हैं. 
रिपोर्टर- बना दोगे?
व्यापारी- बना देंगे आप कहोगे तो
रिपोर्टर- क्या रहता है उसमें?
व्यापारी- उसमें डंडी रहती है
रिपोर्टर- सिर्फ डंडी?
व्यापारी- डंडी रहती है
रिपोर्टर- और कुछ नहीं ?
व्यापारी- उसमें धनिया नहीं रहती. खाली डंडी रहती है. 60 रुपए किलो
रिपोर्टर- 60 रुपए किलो?
रिपोर्टर- बाजरे वाला भी आता है?
व्यापारी- बाजरे वाला भी आता है 
रिपोर्टर- वो रखते हो?
व्यापारी- हां
रिपोर्टर- दिखाओ, बाजरे वाला दिखाओ. तीनों मिलाकर ले लेंगे. बाजरे वाला दिखाओ ना पहले
व्यापारी- बाजरे वाला इससे पतला होता है. वो हमारा नहीं होता. आप कहिएगा तो हम बना देंगे.

ज़ी न्यूज़ के अंडरकवर रिपोर्टर्स ने मिल मालिक से आगे की बातचीत जारी रखी. मिर्च वगैरह को लेकर भी जानकारी इकट्ठा की. इसी दौरान मिल मालिक ने हमारी टीम से अपनी एक दुकान पर चलने को कहा. इस दुकान में पहुंचने के बाद मिल मालिक ने पहले तो इस बात से इनकार किया कि वो धनिया में बाजरे की मिलावट करता है लेकिन जब उसे भरोसा हो गया कि सवाल जवाब करने वाले लोग वाकई मसाला खरीदने आए हैं, तो फिर उसने सच कबूल कर लिया.

रिपोर्टर- कैसे लगाओगे यार? ये धनिया भी D वाला लग रहा है हमको. ये बाजरे वाला धनिया है
व्यापारी- नहीं, बाजरे वाला नहीं है
रिपोर्टर- देख के हम बता देंगे
व्यापारी- बाजरे वाला ये नहीं है
रिपोर्टर- बाजरे वाला ही है
व्यापारी- इसमें धनिया भी है, बाजरा ही नहीं है

मिल मालिक ने बताया कि अगर धनिया बाजरा मिक्स लेना है, तो उसका रेट अधिक होगा, लेकिन सिर्फ बाजरा वाला लेना है तो वो थोक में 35 रुपये किलो मिलेगा.

रिपोर्टर- अच्छा, धनिया बाजरा मिक्स है?
व्यापारी- हां, और बाजरे वाला सिर्फ़ लोगे तो वो 35 रुपए किलो है
रिपोर्टर- वो 35 रुपए किलो है?
व्यापारी- ये आपको मिलेगा 60 रुपए किलो, जो आपको मैंने बताया
रिपोर्टर- इसमें धनिया, बाजरा दोनों है ?
व्यापारी- हां, दोनों है
रिपोर्टर- अच्छा
व्यापारी- ये बेचने वालों के लिए बेचते हैं, ये हमारी दुकान जो है

अब बारी थी ये पता लगाने की कि ये मिलावटी धनिया बेचा किसे जाता है? इसके खरीददार कौन लोग हैं? तो आप जानकर हैरान हो जाएंगे कि गली-मोहल्लों में ठेलों पर बिकने वाले मसाले दिल्ली के खारी बावली के इन्हीं मिल मालिकों से खरीदे जाते हैं. वो मसाले, जिसे आप घर के दरवाजे पर ही सस्ता समझकर खरीद लेते हैं और असली मान बैठते हैं.

रिपोर्टर- मतलब आम आदमी खरीदता है
व्यापारी- आम आदमी नहीं खरीदता, आम आदमी को हम ये वाला बेचते हैं
रिपोर्टर- ये कौन खरीदता है
व्यापारी- ये वो खरीदते है, जो बेचते हैं आगे, वो बोलते है भइया हमें सस्ते से सस्ता दो
रिपोर्टर- मतलब ये गली मुहल्ले में जाके बेचते होंगे
व्यापारी- हा, भइया क्या करें हम नहीं कान पकड़े तो पूरी दुनिया कान पकड़वाती है ,>>

इस मिल मालिक का काम सिर्फ धनिया में मिलावट का नहीं है बल्कि इसके यहां हल्दी भी असली नहीं मिलती. बड़ी बात ये भी है कि इस मिल मालिक ने दावा किया कि दिल्ली के मिठाई पुल इलाके में ज्यादातर व्यापारी मिलावटी मसाले ही बेचते हैं.

रिपोर्टर- सही बात है, सही बात है, अच्छा हल्दी दिखाओ
व्यापारी- हल्दी का क्या है भैया कि आप जितनी भी बढ़िया बनवा लो. यहां इतनी धूल उड़ती है कि डस्ट लग जाता है.
रिपोर्टर- वो वाला दिखाओ ना?
व्यापारी- एक ये वाला है
व्यापारी- ये है 70 की
रिपोर्टर- कुछ फर्क है यार, कुछ फर्क तो हमको नहीं दिख रहा?
व्यापारी- ये देखो
रिपोर्टर- इसका कलर थोड़ा डार्क है, इसका लाइट है
व्यापारी- ये प्योर है
रिपोर्टर- कौन सा प्योर है ?
व्यापारी- ये वाला
रिपोर्टर- क्या ?
व्यापारी- यदि माल मिक्स वाला लोगे, कभी बनवाओगे तो ऐसा ही माल उतरता है
रिपोर्टर- ये वाला ?
व्यापारी- हां, वो थोड़ा कलर-वलर डाल के पीला कर दिया जाता है. ठंडा होने के बाद थोड़ा पीला हो जाता है.
रिपोर्टर- तो इसमें कलर डालते हैं ?
व्यापारी- हां, इसमें डाल रखा है बंदे ने. यहां पर जितने भी दुकाने मिलेंगे ना आपको, सबमें यही मिलेगा. शुद्ध कोई नहीं रखता 

मिल मालिक के दावे के मुताबिक दिल्ली के खारी बावली मिठाई पुल इलाके में ज्यादातक मिलावटी मसाले बेचे जाते हैं. हल्दी में ये मिलावट कैसे होती है, ये भी जान लीजिए खराब चावल का इस्तेमाल होता है, उसे पीसा जाता है. उसमें पीला रंग मिलाया जाता है और महक के लिए थोड़ी सी असली हल्दी में इसकी मिलावट की जाती है.

रिपोर्टर- कितने में लगाओगे ये ?
व्यापारी- ये 70 रुपए किलो  
रिपोर्टर- कलर वाला भी ?
व्यापारी- हां. इसमें आधी हल्दी होती है, आधा चावल होता है. चावल अलग होता है. फिर वो तो अपने हिसाब से 60 का चाहिए, 60 वाला बना लीजिए, फिर उसमें 2 किलो डाल के 1 किलो हल्दी डाल देंगे.
रिपोर्टर- 2 किलो चावल, एक किलो हल्दी, ठीक है यार
व्यापारी- चावल, वो वाला चावल नहीं होता
            प्रॉपर चावल नहीं देंगे आपको कि चावल ही देंगे
            उसमें थोड़ी हल्दी मिक्स कलर होता है
            उस तरह का आता है पाउडर
            ये मार्केट में बिक रहा है खारी बावली में, वहां से मिल जाता है
रिपोर्टर- खारी बावली में लेकिन ऐसा बनाते नहीं लोग?
व्यापारी- सब बनाते हैं, बस ये है कि चक्की...चक्की का पिसाई है ना उसका

अब आप समझ गए होंगे कि जब दिल्ली में एशिया की सबसे बड़ी मसाला मार्केट खारी बावली में मिलावट का ये धंधा चल रहा है, तो फिर आपकी रसोई में पहुंचने वाला मसाला कितना असली होगा?

तहकीकात की 10 बड़ी बातें
1 - दिल्ली में मिलावटी मसालों का कारोबार
2-  खारी बावली के दो इलाकों में मसालों में मिलावट
3- धनिया और हल्दी में मिलावट का खुलासा
4- आज़ाद मार्केट और मिठाई पुल इलाके का सच
5- कम रेट वाली धनिया मतलब सूखी डंडी पीसते हैं
6- मिलावटी धनिया का रेट 60 रुपये किलो
7- धनिया के नाम पर बाजरा पीसकर दिया तो 35 रुपये किलो
8-  हल्दी में टूटे चावल और रंग मिलाये जा रहे  
9-  दिल्ली के गली-मोहल्ले में भी बेचे जाते हैं मिलावटी मसाले
10-  मिलावटी मसाले दिल्ली से बाहर भी जाते हैं

मसालों में मिलावट रोकने को लेकर फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया यानी FSSAI ने सख्त नियम बनाए हैं, आपको बताते हैं मसालों पर क्या हैं FSSAI के नियम

- खुले मसालों की बिक्री पर रोक है
- पाउडर मसाले सिर्फ पैकेट बंद ही बेचे जाएंगे
- पैकेट पर अच्छी तरह से लेबल लगा हो
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