10 मिनट में फूड डिलिवरी कैसे मुमकिन? फायदे के लिए खतरे में डालने वाले ऑफर से बचिए
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10 मिनट में फूड डिलिवरी कैसे मुमकिन? फायदे के लिए खतरे में डालने वाले ऑफर से बचिए

Zomato को लगा था कि उसकी ये Service लोगों को बहुत पसन्द आएगी और इससे कम्पनी के Share Price भी काफी बढ़ जाएंगे. लेकिन भारत के आम लोग इस कम्पनी को कुछ ही घंटों में घुटनों पर ले आए.

10 मिनट में फूड डिलिवरी कैसे मुमकिन? फायदे के लिए खतरे में डालने वाले ऑफर से बचिए

नई दिल्लीः Zomato नाम की एक फूड डिलिवरी कम्पनी ने ये ऐलान किया है कि वो अब 10 मिनट के अन्दर खाना आपके घर पर डिलीवर कर देगी. मंगलवार को दिनभर देश के लोगों ने इस कम्पनी की ट्रोंलिंग की और ऐसा पहली बार हुआ है, जब कोई कम्पनी अपनी सेवा देने के लिए तैयार है, लेकिन लोग उस सेवा को लेने से मना कर रहे हैं. क्योंकि लोगों का कहना है कि इस तरह की Services से कम्पनी अपने Delivery Boys और उनके साथ दूसरे लोगों की जान को भी खतरे में डाल रही है.

  1. सोशल मीडिया पर लोगों ने Zomato को किया ट्रोल
  2. Zomato के नई सर्विस की खूब हुई आलोचना
  3. 10 मिनट में फूड डिलिवरी पर Zomato की सफाई

Zomato की नई Service की आलोचना

Zomato को लगा था कि उसकी ये Service लोगों को बहुत पसन्द आएगी और इससे कम्पनी के Share Price भी काफी बढ़ जाएंगे. लेकिन भारत के आम लोग इस कम्पनी को कुछ ही घंटों में घुटनों पर ले आए. लोगों ने Zomato की इस नई Service की आलोचना की है और कहा है कि ऐसा करके कम्पनी अपने Riders की जान को खतरे में डाल रही है. Riders का मतलब उन लोगों से है, जो कम्पनी से हर ऑर्डर पर एक तय कीमत लेकर ग्राहकों तक उनके फूड ऑर्डर की डिलिवरी करते हैं. कुछ लोग तो ये भी कह रहे हैं कि अगर खाना 10 मिनट में नहीं पहुंचा तो किसी की मौत नहीं होगी. लेकिन 10 मिनट में फूड डिलिवरी करने के लिए Riders को अपनी जान जोखिम में डालनी पड़ेगी और जब वो सड़कों पर तेज स्पीड में बाइक चलाएगा तो इससे दूसरे लोगों की जान को भी खतरा रहेगा.

क्या खाना है 10 मिनट पहले कौन तय करता है?

इस स्थिति को आप Car और Bike Racing के Videos से भी समझ सकते हैं. इनसे यह समझा जा सकता है कि जब फूड डिलिवरी के बिजनेस को एक रेसिंग प्रतियोगिता में बदल दिया जाएगा तो इससे सड़कों पर क्या नजारा दिखेगा. भारत के आम लोग Zomato से आज ये सवाल भी पूछ रहे हैं कि ऐसा कौन सा व्यक्ति है, जो 10 मिनट पहले तय करता है कि उसे आज क्या खाना है?

10 मिनट में फूड ऑर्डर की डिलिवरी कैसे?

जिस देश में ट्रैफिक जाम की वजह से लोग समय पर दफ्तर और अपने काम पर नहीं पहुंच पाते, Ambulance अस्पताल नहीं पहुंच पाती, लोगों को घंटों जाम में संघर्ष करना पड़ता है, वहां 10 मिनट में फूड डिलिवरी का वादा करना किसी मजाक से कम नहीं है.दिल्ली में वाहनों की औसतन स्पीड.. 23 किलोमीटर प्रति घंटा है. बेंगलूरु में 18 है, कोलकाता में 17 और मुम्बई में वाहनों की औसतन स्पीड 20 किलोमीटर प्रति घंटा है.सोचिए जब इन शहरों में वाहनों की स्पीड इतनी कम है तो 10 मिनट में फूड ऑर्डर की डिलिवरी कैसे हो सकती है?

Zomato को देनी पड़ी सफाई

हालांकि आम लोगों की नाराजगी के बाद Zomato की तरफ से इस पर सफाई दी गई है और उसने कहा है कि, उसकी नई Service चुनिंदा इलाकों में केवल Popular Items के लिए ही होगी. लेट डिलिवरी के लिए Riders पर कोई Penalty भी नहीं लगाई जाएगी. समय पर डिलिवरी के लिए उन्हें कोई Incentive भी नहीं दिया जाएगा. ऐसे में सवाल है कि, जब कम्पनी को यही सब करना है, जो पहले से चला आ रहा है तो फिर वो 10 मिनट में फूड डिलिवरी का दावा क्यों कर रही है? यानी ये एक तरह की Fake Marketing का भी हिस्सा हो सकता है.

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